Monday, 17 February 2020

जैन विश्वभारती संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में में भ्रूण हत्या व लैंगिक असंतुलन पर नियंत्रण को लेकर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

लैंगिक असंतुलन पर नियंत्रण के लिये सामाजिक सोच में बदलाव जरूरी

लाडनूँ, 17 फरवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में भ्रूण हत्या और लैंगिक असंतुलन पर नियंत्रण के उपाय विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के शुभारम्भ सत्र की अध्यक्षता करते हुये प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने देश के व्याप्त सामाजिक माहौल में महिलाओं के प्रति सोच के नजरिये को बदलने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि भ्रूणहत्या अमानवीय कृत्य है और इसी सामाजिक बुराई के कारण समाज में लैंगिक असंतुलन को बढावा मिला है। इस पर नियंत्रण के लिये जरूरी है कि समाज की आम सोच को बदला जावे। उन्होंने अहिंसा प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत जन साधारण की सोच को बदलने की शक्ति बताई और कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ ने इस दिशा में राह दिखाई थी। कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकिशोर तिवाड़ी ने कहा कि जब तक समाज की मातृशक्ति जागृत नहीं होगी, तब तक इस सामाजिक बुराई पर अंकुश संभव नहीं लगता है। गर्भ में ही शिशु की हत्या कर देना सबसे क्रूर व धृणास्पद दुष्कृत्य है। देश में बालिका भ्रूण हत्या बड़ी संख्या में हो रही है, जो संकीर्ण मानसिकता की वजह से हो रही है, लेकिन आज तो बालक भ्रूण हत्यायें भी कम नहीं हो रही है। उन्होंने सामाजिक संस्कारों में परिवर्तन लाने और इस घोर-पाप के प्रति मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत बताई। समिति के मंत्री करणीदान ने सहज राजस्थानी और अपनी काव्यात्मक भाषा में कन्या भ्रूण हत्या की कुप्रथा की रोकथाम के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया और इस सम्बंध में छात्राओं को जागरूक बनाया। कार्यक्रम में गर्भस्थ शिशु संरक्षण समिति के स्थानीस ईकाई के अध्यक्ष सूरजनारायण राठी, मंत्री अभय नारायण शर्मा, संकाय सदस्य डाॅ. प्रगति भटनागर, कमल कुमार मोदी, सोमवीर सांगवान, डाॅ. विनोद सियाग, श्वेता खटेड़, शेरसिंह, अभिषेक शर्मा, मांगीलाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने किया।

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