Thursday 20 February 2020

जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन

हृदय के उद्गारों की अभिव्यक्ति के लिये मातृभाषा सशक्त माध्यम

लाडनूँ, 20 फरवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने अपने सम्बोधन में कहा कि मातृभाषा व्यक्ति के हृदय के अन्तरतम भावों की अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम होती है। सर्वतोमुखी विकास के लिये मातृभाषा को महत्व दिया जाना आवश्यक है। डाॅ. अमिता जैन ने कहा कि हमारे उद्वेगों, मनोभावों एवं विचारों की अभिव्यंजना में सरलता एवं स्पष्टता से अपनी बात हम केवल मातृभाषा में ही रख सकते हैं। छात्राध्यापिका मनीषा पंवार ने कहा कि विदेशी व अन्य भाषाओं की ओर हमारे बढते व्यर्थ आकर्षण में हम अपनी मातृभाषा की उपेक्षा करने लगे हैं, जो नुकसानदायक साबित होगी। हमें मातृभाषा को अपनाने और उसके उत्थान की तरफ सजग होना होगा। रेखा शेखावत ने मातृभाषा को संस्कृति की द्योतक बताते हुये कहा कि मातृभाषा को अपनाने के लाभ बताये और कहा कि संस्कृति को अक्षुण्ण रखने के लिये मातृभाषा आवश्यक है। सरिता ने भी मातृभाषा पर अपने विचार रखते हुये कहा कि विश्व की भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषायिता को बढावा देने का काम मातृभाषा को महत्व देने से ही संभव हो सकता है। कार्यक्रम में सभी छात्राध्यापिकायें और सभी संकाय सदस्य उपस्थित थे।

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