दांतों की पीड़ा सबसे असहनीय होती है- डाॅ. सोनी
लाडनूँ, 20 फरवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन किया गया। शिविर तीन सत्रों में हुआ, जिसमें प्रथम सत्र में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें स्थानीय राजकीय चिकित्सालय के दंत चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ. नवल सोनी ने मुख्य व्याख्यान कर्ता के रूप में अपने सम्बोधन में कहा कि दांत हमारे मुंह की शोभा होते हैं और दांतों की बीमारियां भी व्यक्ति के लिये सबसे अधिक पीड़ादायक साबित होती है। व्यक्ति दंातों के रोगों के चलते ठंडा-गर्म व मीठा वगैरह खाने-पीने में ही नहीं बल्कि बोलने-हंसने का एंग तक बदल जाता है। व्यक्ति के मुंह का स्वाद तक बिगड़ जाता है। प्रारम्भ में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने उनका स्वागत किया तथा अपने सम्बोधन में स्वास्थ्य सम्बंधी विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया तथा दांतों की सुरक्षा और उन्हें बीमारी से बचाने के लिये आहर व खानपान में सावधानी बरतने की सलाह दी। शिविर के द्वितीय चरण में दंत चिकित्सक डाॅ. नवल सोनी ने 105 एनएसएस स्वयंसेविकाओं के दांतों का परीक्षण किया और उन्हें परामर्श प्रदान किया। तीसरे सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। एनएसएस की ईकाई प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर व डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने कार्यक्रम को व्यवस्थित किया। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेविका दिव्यता कोठारी ने किया।
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