Sunday, 26 July 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ‘‘महिला शिक्षाः बढते कदम’’ पुस्तक का विमोचन

 


कन्याओं के सर्वागीण विकास के साथ उनके कॅरियर पर पूरा ध्यान दिया जाना आवश्यक- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 27 जुलाई 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्रकाशन ‘‘महिला शिक्षाःबढते कदम’’ का सोमवार को यहां कांफ्रेंस हाॅल में विमोचन किया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि महाविद्यालय में बीए, बीकाॅम व बीएससी तीनों संकायों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। कोरोना के प्रभाव को देखते हुये आगामी एक अगस्त से सभी कक्षाओं में ऑनलाईन पढाई शुरू कर दी जायेगी। उन्होंने बताया कि विमोचित पुस्तक में महाविद्यालय की समस्त विशेषताओं, गतिविधियों, सुविधाओं आदि का पूर्ण विवरण रंगीन व सचित्र रूप में दिया गया है, जो आकर्षक बन पड़ा है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में यह महाविद्यालय पूरी तरह से महिला शिक्षा को समर्पित है। यहां छात्राओं के लिये पूर्ण शांत व सुरक्षित वातावरण, हरियाली से आच्छादित परिसर, आधुनिक सविधाओं युक्त महिला छात्रावास की व्यवस्था, छात्राओं को लाने व ले जाने के लिये पूर्ण सुरक्षित बसों की सुविधा, परिसर में चिकित्सा सुविधा, आधुनिकतम विज्ञान प्रयोगशालायें, गणित व कम्प्यूटर प्रयोगशालायें, एनसीसी एवं एनएसएस की सुविधा, पर्याप्त मैदान में खेलों की सुविधा एवं इनडोर खेलों की व्यवस्था, स्मार्ट क्लासेज की व्यवस्था, पानी व बिजली की 24 घंटे अबाध आपूर्ति, 24 घंटे वाई-फाई की सुविधा आदि समस्त प्रकार की आवश्यक सुविधायें उपलब्ध हैं। यहां का दक्ष एवं योग्यतावान शिक्षकवर्ग अध्ययन को सुरूचिपूर्ण बना देते हैं। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय में शैक्षणेत्तर गतिविधियों से छात्राओं के सर्वांगीण विकास को संभव बनाया जाता है। यहां उनकी रूचि के अनुकूल विभिन्न कलाओं के विकास के लिये क्लबों का गठन किया गया है, जिनमें साल भर विविध गतिविधियां संचालित की जाती है। इनमें वक्तृत्व कला, लेखन कला, नृत्य कला, चित्रकला,खेलकूद, एकाग्रता व ध्यान आदि विभिन्न हाॅबीज को पनपाने का पूरा अवसर प्रदान किया जाता है। महाविद्यालय में कॅरियर एवं रोजगार के लिये कौशल विकास, निःशुल्क सिलाई-कढाई प्रशिक्षण, ज्ञानकेन्द्र आदि के माध्यम से उनका भविष्य संवारने में पूरा सहयोग किया जाता है। पुस्तक विमोचन के इस अवसर पर डाॅ. प्रगति भटनागर, अभिषेक चारण, कमल कुमार मोदी, डाॅ. बलवीर सिंह चारण, सोमवीर सांगवान, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, शेर सिंह आदि उपस्थित रहे।

Monday, 20 July 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में दो दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन

 

आयोजना, समयबद्धता और व्यवस्था से संभव होतें हैं श्रेष्ठ प्रशासिनक कार्य

लाडनूँ, 21 जुलाई 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में दो दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार से प्रारंभ किया गया। कुलपति प्रो. बीआर दूगड़ की प्रेरणा से आयोजित किये जा रहे इस कार्यक्रम के मुख्य विशेषज्ञ भगत फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा के विनोद कुमार कक्कड़ ने कहा कि हमेशा सुनियोजित, समय-प्रतिबद्ध तथा व्यवस्थित ढंग से प्रशासनिक कार्य किये जाने चाहिएं। हमें अपनी योजना एक वर्ष के लिए नहीं, अपितु कम से कम 10 या 15 वर्ष की बनानी चाहिए, क्योंकि जो संस्थान अपनी योजना अगले वर्ष तक की ही बनाती हैं वह संस्थान इस प्रकार की आपात स्थिति में आगे गति नहीं कर सकती है। इसलिए प्रत्येक कार्य की पूरी योजना बनानी चाहिए और उसको भली-भांति क्रियान्वित करनी चाहिए। प्रत्येक विभाग से अपनी योजना ली जानी चाहिए और उस विभाग के अनुसार बजट और गतिविधि निर्धारित करनी चाहिए। किसी भी कार्य को करने के समय उसकी तारीख सुनिश्चित होनी चाहिए, ताकि समय पर कार्य पूर्ण हो सके। अधिकांशतः देखने में आता है कि बहुत सारे कार्य समय पर नहीं हो पाते हैं, क्योंकि उनकी समय-प्रतिबद्धता नहीं होती है। इसलिए कार्य की गुणवत्ता और समय का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। ताकि समय पर संस्थान काम करेंगे, तो सरकार के द्वारा भी कार्य समय पर किए जाएंगे। उन्होंने कार्यक्रम में अनेक प्रशासनिक और प्रबंधन संबंधी आयामों से अवगत कराया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रो. बीएल जैन ने कहा कि ऑनलाइन शैक्षणिक कार्यक्रम तो इस समय बहुत सारे हो रहे हैं, लेकिन विश्वविद्यालय के गैर शैक्षणिक सदस्यों के लिए कोई कार्यक्रम नहीं हुए थे, इसी उद्देश्य से संस्थान द्वारा गैर शैक्षणिक सदस्यों का कौशल विकास किस प्रकार से किया जाए, इसके लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने प्रारम्भ में कार्यक्रम का परिचय और उसके उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन मोहन सिंह ने किया। कार्यक्रम में विशेषज्ञ के रूप में भगत फूलसिंह महिला विश्वविद्यालय हरियाणा के विनोद कुमार कक्कड़ के अलावा केंद्रीय विश्वविद्यालय किशनगढ़ अजमेर के संयुक्त कुलसचिव डाॅ. हरी सिंह परिहार रहे।

निर्बल को सबल व समानता का अवसर देने के लिये है आरक्षण की नीति- डाॅ. परिहार

22 जुलाई 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में दो दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम के द्वितीय दिवस राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय किशनगढ़, अजमेर के कुलसचिव डॉ. हरिसिंह परिहार ने आरक्षण नीति के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुये निर्बल को सबल बनाने, समानता के अवसर प्रदान करने, उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश की नीतियां, सरकारी नौकरियों में नियुक्तियां, दिव्यांग जनों के लिये भारत सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में की गई आरक्षण नीति तथा रोस्टर तथा रजिस्टर के मेंटेन करना आदि के प्रावधान के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 341, 342, 342।, 16, 335 आदि के अंतर्गत जो प्रावधान दिए गए हैं, उनका हमें पालन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि एसी 15 प्रतिशत, ओबीसी 27 प्रतिशत, एसटी 7.5 प्रतिशत एवं ईडब्ल्यूएस के लिये 10 प्रतिशत का आरक्षण का प्रावधान है। कार्यक्रम में डॉ. जुगल किशोर दाधीच, डॉ. अनीता जैन, डाॅ. बाबूलाल मीणा, डॉ. प्रभाकर गोस्वामी, डॉ नवनीत शर्मा, डॉ. गायत्री मीणा, डॉ. विनोद कुमार, डॉ. सुशील कुमार, राजेंद्र सिंह, डॉ. सुमन चैधरी, डॉ. हेमलता शर्मा, मनोज कुमार इंदौरिया, डॉ. रेखा वर्मा, डॉ. गीता चैधरी, डॉ. जगदीश कड़वासरा, डॉ. सावित्री माथुर, पंकज भटनागर, कुलसचिव रमेश कुमार मेहता आदि विविध शिक्षाविद्, विद्वान और प्रशासनिक अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। प्रारम्भ में कार्यक्रम का परिचय तथा विशेषज्ञों का स्वागत और अंत में धन्यवाद संयोजक प्रो. बीएल जैन ने अभिव्यक्त किया। संचालन तथा तकनीकी कार्यक्रम मोहन सिंह के द्वारा किया गया।

Sunday, 12 July 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ‘‘कोविड 19 की परिस्थिति में महिलाओं की भूमिका’’ पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबिनार आयोजित

 


परिवार की आर्थिक मजबूती और कठिन परिस्थिति में धैर्य प्रदान करती है महिलायें- सुमन शर्मा

लाडनूँ,13 जुलाई 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में ‘‘कोविड 19 की परिस्थिति में महिलाओं की भूमिका’’ विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन वेबीनार का आयोजन कुलपति प्रो. बीआर दूगड़ की प्रेरणा से किया गया। है। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्षा सुमन शर्मा में अपने वक्तव्य में कहा कि महिला बहु-आयामी कार्य कर रही हैं। वे समाज को तथा परिवार को अवसाद से बचा रही है। स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में विशिष्ट भूमिका निभा रही है। वे इस कठिन परिस्थिति में भी धैर्य प्रदान करने के कार्य को बखूबी निभा रही है। आर्थिक रूप से परिवार को मजबूत बनाने का दायित्व भी महिलायें ही पूरा कर रही हैं। आज केाविड-19 महामारी के दौर में भी महिलाओं की भूमिका विशिष्ट तथा सराहनीय है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्योजिराव विश्वविद्यालय के प्रो. एम.एन. परमार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान परिस्थिति में महिलाओं की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कंपैशन, कोलोबोरेशन तथा कमिटमेंट के माध्यम से महिलाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिलाओं की निःस्वार्थ सेवा एवं निर्णय क्षमता के हम सब आभारी हैं। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. प्रभावती चैधरी ने कहा कि गृहिणी ही घर है। महिला को भोजन में अंकुरित अनाज का प्रयोग तथा जीवन में योग तथा संगीत का प्रयोग करना चाहिए तथा काम में सबका सहयोग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं का समाज में स्वतंत्र अस्तित्व है, कफर भी वे सबको सहयोग लेकर ही सामाजिक एकता का परिचय देती है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने विषय का प्रवर्तन किया एवं अतिथियों का परिचय प्रसतुत किया। अंत में डॉ. पुष्पा मिश्रा ने आभार ज्ञापन किया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ .विकास शर्मा ने किया। तकनीकी सहयोग मोहन सियोल का रहा।

Saturday, 11 July 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की दूरस्थ शिक्षा की परीक्षायें स्थगित

 लाडनूँ, 12 जुलाई 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा दूरस्थ शिक्षा पाठ्यक्रमों के अन्तर्गत एम. ए. फाइनल तथा बी.ए. फाइनल के विद्यार्थियों की 17 जुलाई से होने वाली ऑनलाइन परीक्षा स्थगित कर दी गई हैं। दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निर्देषक आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि यह स्थगित की गई परीक्षा अब भविष्य में 16 अगस्त से सितंबर के मध्य करवाई जाएंगी, जिसके लिये परीक्षा कार्यक्रम की नई समय सारणी शीघ्र ही संस्थान की वेबसाइट पर उपलब्ध करवा दी जाएगी।