Friday 26 February 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष का सेवानिवृति पर मंगलभावना समारोह

 

दायित्व के प्रति समर्पण के साथ नियमितता व समयबद्धता जरूरी- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 27 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कार्यवाहक कुलपति प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा है कि अगर व्यक्ति अपने कर्तव्य से प्रेम रखता है, तो उसके सामने आने वाली समस्त चुनौतियां स्वतः ही हल होती जाती हैं। दायित्वों के प्रति समर्पण के साथ नियमितता और समयबद्धता दोनों का होना ही श्रेष्ठ गुण होता है। वे यहां समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान के सेवानिवृति पर आयोजित मंगलभावना समारोह के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने गुरू के लिए आवश्यक बताया कि वह केवल प्रिय बोले और सत्य नहीं बोले तो अनुचित होता है। सत्य को प्रकट नहीं करना विनाश का कारण बन सकता है। उन्होंने छात्रों के साथ शिक्षक का तादात्म्य रखने और संस्थान के प्रति समर्पण की भावना रखने को विकास के लिए आवश्यक बताया। इस अवसर पर डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान और उनकी पत्नी को शाॅल ओढा कर एवं प्रतीक चिह्न भेंट करके सम्मानित किया गया। डाॅ. प्रधान ने अपने सम्बोधन में अपने अनुभवों और सहकर्मियों के साथ पारस्परिक सम्बंधों के बारे में बताते हुए कहा कि व्यक्ति को जीवन भर सीखने की ललक रखनी चाहिए। हमेशा नवीनतम को ग्रहण करने की इच्छा से ही व्यक्ति आगे बढ सकता है। उन्होंने बताया कि समयबद्धता केवल समय पर आने या उपस्थित होने को ही नहीं कहा जा सकता है, बल्कि अपने जिम्मे आए प्रत्येक कार्य को समय पर पूर्ण करने की प्रवृति ही समयबद्धता होती है। कार्यक्रम में डाॅ. विकास शर्मा, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, आरके जैन, प्रो. रेखा तिवाड़ी व प्रो. अनिल धर ने डाॅ. प्रधान के भावी जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए उनकी कार्यशैली की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता ने उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए बताया कि सेवानिवृति के समय स्वास्थ्य, संतानों के कार्य और बीती सेवाओं के बारे में अक्सर पूछा जाता है और तीनों की सवालों में डाॅ. प्रधान संतोषजनक होने की सुखद स्थिति है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के समस्त शैक्षणिक व अशैक्षणिक कार्मिक उपस्थित रहे।

Monday 15 February 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एनसीसी की गल्र्स बटालियन का पांच दिवसीय शिविर

 

एनसीसी छात्राओं को राईफल, मानचित्र व संकेतों का दिया प्रशिक्षण

लाडनूँ, 16 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में नेशनल केडिट कोर (एनसीसी) की 3राज गल्र्स बटालियन का पांच दिवसीय शिविर में हवलदार बलजिन्द्र सिंह ने एनसीसी छात्राओं को मानचित्र एवं पारम्परिक संकेतों की पहचान के बारे में जानकारी दी तथा उन्हें ड्रिल के बारे में बताया। इसके साथ ही इस अवसर पर कैडेट्स को पाॅइंट टू टू राईफल एंड फाइव पाॅइंट्स के बारे में विस्तार से समझाया और सम्बंधित ट्रेनिंग प्रदान की गई। प्रारम्भ में प्रथम सत्र में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने एनसीसी के उद्देश्यों के बारे में बताया और लीडरशिप के गुणों के विकास के बारे में जानकारी दी। सुबेदार मेजर गिरधारी व प्राचार्या साधना ने शिविर में होने वाली गतिविधियों के बारे में बताते हुए अपने विचार रखे। कार्यक्रम में एनसीसी छात्रा श्वेता नेहरा व मनीषा शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। प्रारम्भ में ईशा व निशा ने स्वा्रगत गान प्रस्तुत किया। अंत में प्रभारी आयुषी शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर बटालियन के हवलदार बलजिन्द्र सिंह के अलावा सोनादेवी सेठिया गल्र्स काॅलेज सुजानगढ की प्राचार्या साधना व एनसीसी प्रभारी मेघना सोनी, प्रियंका सैन, नरेश, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी व एनसीसी प्रभारी आयुषी शर्मा, डाॅ. प्रगति भटनागर एवं एनसीसी कैडेट्स उपस्थित रहे।

एनसीसी कैडेट्स लक्ष्य को फोकस करके सफलता की ओर बढें- प्रो. त्रिपाठी

23 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में नेशनल केडिट कोर (एनसीसी) की 3राज गल्र्स बटालियन के पांच दिवसीय संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं सोनादेवी सेठिया गल्र्स काॅलेज सुजानगढ की कैडेट्स छात्राओं ने भाग लेकर सलामी शस्त्र, कैमोफ्लेगिंग, गार्ड माउंटिंग, प्राथमिक उपचार, मैप रीडिंग, आपदा प्रबंधन आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। शिविर में प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए सभी कार्यों की आखिर में परीक्षा भी ली गई। शिविर में कुल 53 कैडेट्स छात्राओं ने भाग लिया। समापन समारोह में कैडेट्स दमयंती व्र कृष्णा प्रजापत ने नृत्य प्रस्तुत किया। सविता, मनीषा व सुमन ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। कैडेट्स ने इस अवसर पर अपने शिविर के अनुभवों को भी साझा किया। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कार्यक्रम में कहा कि अर्जुन द्वारा केवल मछली की आंख देखकर निशाना लगाने की तरह ही छात्राओं को अपने लक्ष्य को फोकस करके चलना चाहिए और उसी मुताबिक अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए। दृढ प्रतिज्ञा और मजबूत इच्छाशक्ति से ही लक्ष्य प्राप्त करने में सफलता मिल सकती है। एनसीसी प्रभारी आयुषी शर्मा ने बताया कि छात्राओं को पाइंट टू-टू राइफल को खोलना, जोड़ना, लोडिंग, काॅकिंग, होल्डिंग, पायरिंग पाॅजिशन, आम्र्स फोर्स के बैज, रैंक सम्मान आदि का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सोना देवी सेठिया गल्र्स महाविद्यालय सुजानगढ की एनसीसी प्रभारी मेघना सोनी ने बताया कि शिविर में कैडेट्स को विभिन्न स्थलों की पहचान, ड्रिल, मानचित्रों के प्रकार एवं पारम्परिक संकेतों की पहचान, इन्फेन्टरी बटालियन के संगठन एवं उसके प्रमुख हथियार, बुनियादी संचार प्रक्रिया, आपदा प्रबंधन, पर्सनैलिटी डवलेपमेंट, आम्तरक्षा, फिटनैस, आत्मविश्वास वृद्धि, टीमवर्क आदि पर कक्षाओं का संचालन किया जाकर प्रशिक्षित किया गया। शिविर में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल अभिषेक चतुर्वेदी, सुबेदार मेजर गिरधारीसिंह व हवलदार बलजिन्द्र सिंह ने कैडेट्स को विभिन्न प्रशिक्षण प्रदान किया।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में वसंत पंचमी के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित

 

वसंत पंचमी पर ज्ञान व स्वाध्याय का महत्व बताया

लाडनूँ, 16 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में वसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बनवारीलाल जैन ने ज्ञान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कोविड काल में केवल ज्ञान के माध्यम से ही विविध चिंतन व सृजन संभव हो पाया। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुशासन व ज्ञान के प्रति अनुराग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नित्य स्वाध्याय करने को को ही सरस्वती की वास्तविक अर्चना बताया। डाॅ. सरोज राय व डाॅ. गिरीराज भोजक ने इस अवसर पर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। प्रारम्भ में सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप-प्रज्ज्वलन किया गया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. आभासिंह ने किया। कार्यक्रम में सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा मूक्स व ओडीएल पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित

 

प्रगति के लिए आत्मनिर्भरता के साथ जागरूकता जरूरी- प्रो. तिवाड़ी

लाडनूँ, 16 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तत्वावधान में मूक्स शिक्षा पद्धति पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में आयोजित इस वेबिनार में मुख्य वक्ता अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रो. शम्भुनाथ तिवाड़ी ने कहा कि जीवन में प्रगति के लिए आत्मनिर्भरता एवं जागरूकता का समन्वय होने पर संभव होती है। उन्होंने दूरस्थ शिक्षा में अकेडमिक व व्यावयायिक शिक्षा के बारे में जानकारी देते हुए क्वालिटी एजुकेशन दिए जाने पर विस्तार से विचार व्यक्त किए। उन्होंने पाठ्यसामग्री, वीडियो, आॅनलाईन चर्चा, एसाइनमेंट, नोट्स आदि के बारे में बताते हुए उनमें नयापन और स्तर होने की बात कही। उन्होंने मूक में 9 संस्थाओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाने और टेक्नीकल, प्रोफेशनल, सोशल और अन्य ट्रेड के हिसाब से संस्थाओं के सम्पर्क के बारे में बताया।

युवा शक्ति को संसाधन में बदलना जरूरी

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रो. प्रभातकुमार मिश्रा ने कहा कि भारत में युवा आबादी की बहुतायत है और उसे संसाधन में बदलने की आवश्यकता है। युवावर्ग के लिए मूक्स शिक्षा पद्धति लाभदायक सिद्ध हो सकती है। कोरोना काल में जब स्कूल और काॅलेज बंद थे, तब मूक्स के माध्यम से घर बैठे शिक्षा दी जानी संभव हो पाई थी। इस अवधि में ई-लर्निंग और मूक्स की क्षमता व सीमाएं पता चली। सरकार ने भी इसमें 3-4 बड़ी समस्याओं को दूर करने की कोशिश की है। वेबिनार के प्रारम्भ में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने वेबिनार की विषयवस्तु के बारे में बताया तथा ओडीएल (ओपन डिस्टेंस लर्निंग) व मूक्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसमें शिक्षा मुक्त है, कोई बंधन नहीं है। उन्होंने घरेलु महिलाओं, विकलांगों आदि के लिए ओडीएस और उच्च शिक्षा के लिए मूक्स को लाभदायक बताया।

कार्यक्रम के प्रारम्भ में प्रतिभा कोठारी ने मंगलाचरण किया एवं डाॅ. प्रेमलता चैरड़िया ने जैन विश्वभारती संस्थान का परचिय दिया तथा विश्वविद्यालय के अनुशास्ताओं के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन प्रगति चैरड़िया ने किया। वेबिनार में आयुषी शर्मा, अभिषेक शर्मा, अंजुला जैन, चारू मित्तल, डाॅ. वीरबाला छाबड़ा, गायत्री चैधरी, हीना अरोड़ा, ज्योति पूनिया, कमल कुमार मोदी, करा भडाना, मंदिरा घोष, मनोहरलाल, जगदीश यायावर, निशा राठौड़, ओमप्रकाश सारण, पंकज भटनागर, प्रभात कुमार, प्रियंका सिखवाल, सरोज सेवदा, सुष्मिता स्वामी, सीता कंवर, उज्ज्वल बिस्वास, उत्तम मंडल, दीपक कक्कड़, अभिषेक चारण, भागीरथ खरड़िया, डाॅ. जेसी रेड्डी, डाॅ. विनोद कुमार सैनी, निशा कक्कड़, प्रवीण दूगड़, रवीना बालिया, सोमवीर सांगवान आदि मौजूद रहे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में जैन संस्कृति, दर्शन व भाषा पर व्याख्यान आयोजित

 

जैन परम्परा का अनेकांतवाद सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत

लाडनूँ, 16 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में संचालित आंतरिक व्याख्यानमाला के तहत सहायक आचार्य सोमवीर सांगवान ने ‘जैन संस्कृति, दर्शन एवं भाषा’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। सांगवान ने अपने व्याख्यान में जैन तीर्थंकर ऋषभदेव से लेकर 24 तीर्थंकरों के समय में जैन दर्शन व संस्कृति के विकास, जैन साहित्य की रचनाओं आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जिन संस्कृति में अनेकांतवाद व स्याद्वाद का सिद्धांत महत्वपूर्ण रहा है। साथ ही सम्यक ज्ञान, सम्यक दर्शन औार समरूक चरित्र के बारे में भी बताया। उन्होंने भद्रबाहु से दिगम्बर परम्परा के शुरू होने और श्वतेामबर परम्परा के अलग होने के बारे में भी जानकारी दी। प्राकृत, अर्धमागधी, कन्नड़, तमिल, हिन्दी आदि में रचित जैन साहित्य की जानकारी भी अपने व्याख्यान में दी। व्याख्यान के अंत में उन्होंने उपस्थित संभागियों के प्रश्नों का समाधान भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचाय्र प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने जैन धर्म, संस्कृति व दर्शन सम्बंधी अनेक महत्वपूर्ण व चर्चित बातों का खुलासा किया।ं कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चारण ने किया। इस अवसर पर डाॅ. बलवीर चारण, कमल कुमार मोदी, शेर सिंह, डाॅ. विनोद कुमार सैनी, श्वेता खटड़े, डाॅ. प्रगति भटनागर आदि उपस्थित रहे।

Thursday 11 February 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के तत्वाधान में मासिक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के तहत व्याख्यान का आयोजन

 

यातायात नियमों की जानकारी के साथ उनका पालन हमारा कत्र्तव्य

लाडनूँ, 12 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में भारत सरकार द्वारा चलाए गए मासिक सड़क सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत एक व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इसके अंतर्गत सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों एवं सावधानियों की जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम की शुरुआत में इकाई प्रथम प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने सड़क सुरक्षा के महत्व को उजागर किया। तत्पश्चात सुरभि नाहटा, नफीसा बानो तथा स्नेहा पारीक ने यातायात नियमों एवं सावधानियों की जानकारी प्रदान करते हुए अपने विचार अभिव्यक्त किए। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य तथा दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने सड़क सुरक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बतलाया कि न केवल हमें यातायात नियमों की जानकारी होना आवश्यक है, बल्कि उनका स्वेच्छा से पालन करना भी हमारा नैतिक कर्तव्य है, अतः यातायात नियमों की पालना करके हम राष्ट्रीय विकास में सहायक बन सकते हैं। अंत में इकाई द्वितीय प्रभारी डॉ बलबीर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

Monday 8 February 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में नियमित कक्षाओं का नई गाईड लाईन के अनुसार संचालन

 लाडनूँ, 9 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग, आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं सभी विभागों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर की सभी ऑफ लाईन कक्षाओं में शिक्षण कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने बताया कि अभी तक यहां सभी कक्षाओं का ऑनलाईन संचालन किया जा रहा था। अब राज्य सरकार की नई गाइड लाईन के अनुसार संस्थान के विद्यार्थियों का शिक्षण कार्य ऑफ लाईन शुरू कर दिया गया है। कक्षाओं के दौरान छात्राओं को मास्क लगाना अनिवार्य है तथा सेनिटाईजर साथ रखना, हाथों का धोना, कक्षाओं में इस दौरान बैठने की व्यवस्था में सामाजिक दूरी का खयाल रखने, कहीं भी एकजगह एकत्र नहीं होने, अपने सामान को परस्पर साझा नहीं करने आदि निर्देशों का पालन आवश्यक किया गया है। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि बीए फाईनल एवं बीकाॅम फाईनल ईयर की छात्राओं को कक्षाओं में बुलाया जा रहा है, जिन्हें आधी-आधी संख्या में ही बुलाने की व्यवस्था की गई है। इन सभी ऑफ लाईन संचालित कक्षओं की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने भी किया तथा मौके पर सभी विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में ‘कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूकता’ विषय पर व्याख्यान आयोजित

 

सोच बदलने की जागरूकता से संभव है कन्या भ्रूण हत्या पर नियंत्रण

लाडनूँ, 9 फरवरी 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में आयोजित व्याख्यानमाला के अन्तर्गत ‘कन्या भ्रूण हत्या रोकने के प्रति जागरूकता’ विषय पर डाॅ. विष्णु कुमार ने अपने व्याख्यान में कहा कि मानव का मरना इतना दुःखदायी नहीं है, जितनी मानवता की मौत- ये शब्द बांग्ला लेखक शरतचन्द्र के हैं। कन्या भ्रूण हत्या से हर साल लाखों अजन्मी कन्याओं की हत्या मानवता के अंत को प्रकट करती हैं। इससे देश की संस्कृति, सभ्यता, नैतिकता और प्राकृतिक न्याय की भी हत्या हो रही है। यहां गार्गी, मैत्रेयी, अपाला, सीता, अनुसूईया आदि महिलाओं को देश का गौरव समझा जाता रहा है और यहां यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते रमन्ते तत्र देवता जैसी उक्तियों से महिला सम्मान की बात कही जाती है, वहां कन्या भ्रूण हत्या सबसे निन्दनीय विषय माना जाएगा, जिस पर सार्थक रोक आवश्यक है।

हर साल 15 लाख कन्या भ्रूण हत्याएं

उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न प्रांतों में प्रतिवर्ष 15 लाख के करीब कन्याओं की जन्म लेते ही अथवा भ्रूण अवस्था में ही हत्या कर दी जाती है। इसके लिए जरूरी है कि समाज की लैंगिक सोच में परिवर्तन किया जाए। अगर परिवार में पहला बच्चा लड़की होता है, तो माता-पिता दूसरी संतान को लड़की के रूप में पसंद नहीं करते। दूसरी संतान लड़के की आस में कन्या भ्रूण पर अन्याय होता है। यह सोच केवल गरीब या मध्यमवर्गीय परिवारों में ही नहीं बल्कि उच्च वर्ग के परिवारों एवं शिक्षित महिलाओं में भी अधिकतर देखने को मिल रही है। इस मानसिकता को रोकने और लोगों में सोच बदलने के लिए जागरूकता जरूरी है। गर्भस्थ बच्चे के लिंग परीक्षण पर सरकार ने कानून बनाकर प्रतिबंध लगा रखा है। लेकिन जरूरत इस बात की है कि सरकार इसे प्रभावी तरीके से लागू करे।

बालिकाओं व महिलाओं की स्थिति में सुधार जरूरी

डाॅ. विष्णु कुमार ने बताया कि इन सबके साथ ही बालिकाओं एवं महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने के प्रयासों पर भी सरकार को जोर देना चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं धनलक्ष्मी योजना, बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि की क्रियान्विति तेज की जाए और स्वयंसेवी संगठनों, संस्थाओं को समाज में जागृति लाने के लिए अभियान चलाने चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की मानसिकता में बदलाव से ही कन्या भ्रूण हत्या को रोका जा सकता है। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने भी कन्या भ्रूण हत्या के लिए सामाजिक जागरूकता जरूरी बताया। इस अवसर पर डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभा सिंह, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, डाॅ. ममता, ललित, प्रमोद ओला आदि उपस्थित रहे।