Wednesday, 27 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सांस्कृतिक संध्या में शानदार रहा योग का प्रदर्शन

 

योग के विद्यार्थियों की कुशलता, क्षमता व प्रतिभा सराहनीय- प्रो. दुबे

लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में मुख्य अतिथि नैक पीयर टीम के अध्यक्ष प्रो. योगेश चन्द्र दुबे ने कहा कि उनका यहां का कार्यक्रम रोचक और समीचीन रहा। उन्होंने इस विश्वविद्यालय की प्रत्येक गतिविधि का निरीक्षण-परीक्षण किया। योग विभाग के विद्यार्थियों का प्रदर्शन उनके लिए विशेष रहा, जिसमें क्षमता, कुशलता व प्रतिभा का परिचय मिल रहा है। निस्संदेह यहां के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम की संरचना सराहनीय है। श्रेष्ठ प्रस्तुतियों के साथ यह कार्यक्रम अंदर तक आह्लादित करने वाला है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में सपना एवं समूह ने मराठी नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, तो प्रिया एवं समूह ने कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया। नेहा मिश्रा का सत्यं शिवम् सुन्दरम् पर शास्त्री नृत्य सराहनीय रहा। नेहा पारीक की णमोकार मंत्र पर आधारित प्रस्तुति को भी सभी ने सराहा। योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्राओं ने योग के विभिन्न आसनों का सामुहिक प्रदर्शन करके सबको अचम्भित कर दिया। वहीं विद्यार्थी सुरेश ने एकल योगाभ्यास के करतबों से सबको मोहित किया। मुमुक्षु बहिनों की नाट्य-प्रस्तुति ने भी बभी दर्शकों को दाद देने पर मजबूर किया। कार्यक्रम में मिष्टी जैन की नृत्य प्रस्तुति ने सबको मोहा। राजस्थानी घूमर नृत्य, गुजराती नृत्य, संस्कृत गायन, रिया जैन के राजस्थानी गीत ‘केशरिया बालम आओ नीं पधारो म्हारे देश’ काफी प्रभावी रहे। कार्यक्रम का प्रारम्भ बांसुरी वादन आराधना और सरस्वती वंदना के प्रस्तुतिकरण से किया गया। कार्यक्रम में डॉ. अभिजीत जोशी, प्रो. आनन्द कन्नास्वामी, प्रो. संतोष नांगल, प्रो. मुरलीकृष्ण पानातुला विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी अतिथियों का स्वागत-सम्मान कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़, मैनेजिंग कमेटी के सदस्य अमरचंद खटेड़, पूर्व अध्यक्ष डॉ. धर्मचंद लूंकड़, सहमंत्री जीवनमल मालू व प्रमोद बैद ने किया। कार्यक्रम में रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता, प्रो. नलिन के. शास्त्री, प्रो. बीएल जेन, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. अनिल धर, डॉ. जुगलकिशोर दाधीच, प्रो. जगतराम भट्टाचार्य, प्रो. आशुतोष प्रधान, डॉ. अमिता जैन आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. वंदना कुंडलिया व डॉ. युवराज सिंह खांगोरोत ने किया।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सतर्कता एवं जागरूकता रैली का आयोजन कर दिया जन-जन को संदेश



 लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में संचालित किए जा रहे सतर्कता एवं जागरूकता सप्ताह के तहत बुधवार को एक रैली का आयोजन करके लोगों को सतर्कता एवं जागरूकता सम्बंधी संदेश दिया। रैली का प्रारंभ में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन एवं आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने हरी झंडी दिखा कर परिसर से रवाना किया। रैली में सम्मिलित सभी कर्मचारियों ने संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता तथा सड़क सुरक्षा नियमों एवं आत्मरक्षा के संबंध में विविध प्रकार के नारे लगाकर जनमानस को प्रेरित करने का काम किया। रैली के संयोजक डॉ. अमिता जैन एवं अभिषेक शर्मा ने बताया कि इस रैली में जैन विश्वभारती संस्थान के सभी संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भ्रष्टाचार देख बापू की आत्ज्मा सिहर उठती है- प्रो. त्रिपाठी

28 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड के निर्देशन में संचालित किए जा रहे सतर्कता एवं जागरुकता सप्ताह के अंतर्गत गुरुवार को संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘भ्रष्टाचार निवारण के उपाय’ विषय पर एक ऑनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. विनोद कुमार सैनी व डॉ. मनीष भटनागर ने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी एवं द्वितीय सम्मानित वक्ता के रूप में शिक्षा विभाग के विभागाघ्यक्ष प्रो. बनवारी लाल जैन रहे।

भ्रष्टाचार है अर्थव्यवस्था के प्रतिकूल

इस अवसर पर संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है लेकिन देश के वर्तमान हालात कमोबेश ऐसे हो चले हैं कि किसी समय टेबिल के नीचे दबे-छिपे होने वाला लेनदेन अब आमने-सामने धडल्ले से होने लगा है। महात्मा गांधी के सपनों का स्वतंत्र भारत इस अधोगति को प्राप्त होगा, यह सोचकर भी बापू की आहत आत्मा सीहर उठती होगी, अतः हमें अब ये संकल्प लेना होगा कि न तो खुद भ्रष्टाचारी बनेंगे और न ही भ्रष्टाचार की क्षीणधारा को विशालकाय दरिया में तब्दील होने देंगे।

भ्रष्टाचार पर अंकुश जरूरी

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. बनवारी लाल जैन ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकार व कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भ्रष्टाचार का मतलब अवैध रूप से संपति, धन या सेवायें प्राप्त करना है। इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के विभिन्न प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राष्ट्रीय संगोष्ठी में विद्यार्थी एवं संकाय सदस्यों की उपस्थिति रही। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन डॉ. विनोद कुमार सैनी ने किया। डॉ. मनीष भटनागर द्वारा आगन्तुक अतिथि वक्ताओं एवं श्रोताओं का आभार ज्ञापित किया गया।

जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय की एनसीसी प्रभारी तीन माह की कठिन ट्रेनिंग के बाद बनी एनसीसी की लेफ्टिनेंट


 लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2021। एनसीसी ऑफिसर एकेडमी ग्वालियर में एनसीसी की 3राज गर्ल्स बटालियन जोधपुर की ओर से जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय की एनसीसी प्रभारी आयुषी शर्मा ने 3 माह की ट्रेनिंग प्राप्त करके एनसीसी में लेफ्टिनेंट की पदवी प्राप्त किया है। प्रशिक्षण से वापस लौटने पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उनका सम्मान करते हुए उन्हें बधाई व शुभकामना देते हुए कहा कि संस्थान के कार्मिकों को निरन्तर विकास के लिए अग्रसर रहना चाहिए। इससे जहां उनकी उन्नति होती है, वहीं संस्थान का विकास भी संभव होता है। उन्होंने संस्थान हमेशा अपने ऐसे सदस्यों को अपना भरपूर सहयोग प्रदान करता रहा है। लेफ्टिनेंट आयुषी ने बताया कि उनकी तीन माह के कठिन प्रशिक्षण के दौरान उन्हें वेपन ट्रेनिंग, मेप रीडिंग, ऑब्स्ट्रेक्ट ट्रेनिंग, ड्रिल कम्पीटिशन, कल्चरल कम्पीटिशन आदि के बारे में दक्ष बनाया गया। उन्होंने बताया कि इस ट्रेनिंग में देश भर से कुल 101 प्रशिक्षणार्थी सम्मिलित हुए, जिनमें राजस्थान से सिर्फ 3 जने थे और उनके लाडनूँ से वे एकमात्र ही थी।

Monday, 25 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की कल्पिता ने राज्य स्तरीय योगासन में कांस्य पदक जीता

 

लाडनूँ,25 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की स्नातकोत्तर छात्रा कल्पिता सोलंकी ने नेशनल योगासन स्पोर्ट्स फैडरेशन के तत्वावधान में आयोजित राज्यस्तरीय योगासन स्पोर्ट्स चैम्पियानशिप-2021 प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है। उसे यह कांस्य पदक सीनियर गर्ल्स ग्रुप में भाग लेते हुए आर्टिस्टिक योग के प्रदर्शन मे प्राप्त हुआ है। राजस्थान योगासन स्पोर्ट्स एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी जिलों से जिलास्तर पर चयनित 3-3 योगा-खिलाड़ियों ने भाग लिया था। प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि एनवाईएसएफ की टेक्नीकल कमेटी के निदेशक डॉ. उमंग डॉन व एनवाईएसएफ के पश्चिमी हेड ऑब्जर्वर डॉ. संजय मालपानी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसियेशन के प्रदेशाध्यक्ष सीपी पुरोहित ने की।

Tuesday, 19 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में पांच दिवसीय एक्सचेंज प्रोग्राम का आयोजन

 जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में पांच दिवसीय एक्सचेंज प्रोग्राम का आयोजन

एक्सचेंज प्रोग्राम से सीखने-सीखाने, विचार-विनिमय, अंतःक्रिया करने का अवसर मिलता है- डॉ. सीमा

लाडनूँ, 19 अक्टूबर 2021 । जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में पांच दिवसीय एक्सचेंज प्रोग्राम कुलपति प्रो. बी. आर. दूगड के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में सबल महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय जोधपुर की संकाय सदस्य डॉ. सीमा और डॉ. आशा शर्मा ने प्रथम एवं द्वितीय दिवस प्रोजेक्ट एवं लेक्चर विधि पर शिक्षा विभाग की छात्राओं की क्लास ली। कार्यक्रम का परिचय एवं अतिथि परिचय शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने किया और कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से विधार्थियों को सीखने के नये प्रतिमान, नयी सोच और नूतन आयामों का अर्जन होता है। डॉ. सीमा ने कहा कि एक्सचेंज प्रोग्राम से सीखने-सीखाने, विचार विनिमय, अंतःक्रिया करने का अवसर प्राप्त होता है। यह संस्थान लॉकडाउन में भी सेमीनार, कार्यशाला, साहित्यिक, सांस्कृतिक आदि अनेक प्रोग्राम आयोजित करता रहता है, इससे अन्य संस्थानों को भी प्ररेणा मिलती है। संस्थान नवाचारों के क्षेत्र में अनूठा कार्य कर रही हैं। इस गौरवशाली संस्थान में शिक्षा प्राप्त विद्धार्थी अपनी अलग पहचान रखते है। डॉ. आशा शर्मा ने कहा कि संस्थान निरंतर गतिविधियों को आयोजित करता रहता है और आध्यात्मिक, नैतिक, चारित्रिक मूल्यों के क्षेत्र में इस संस्थान का अपना विपुल योगदान रहा है। इससे विश्व में इसकी अलग पहचान है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. अमिता जैन ने धन्यवाद ज्ञापन किया और कहा कि गुणवत्ता और ज्ञानवर्धन में इस कार्यक्रम ने अपनी छाप छोड़ी है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की बी.एड. व बी.ए.-बीएड तथा बी.एस.सी.-बी.एड. की 98 छात्राओं ने भाग लिया।

Monday, 18 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में साइबर सिक्योरिटी में बैंकिंग फ्रॉड से बचाव पर कार्यशाला आयोजित

 जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में साइबर सिक्योरिटी में बैंकिंग फ्रॉड से बचाव पर कार्यशाला आयोजित

फर्जी वेबसाइटों के चककर में आने से बचें- गुरूमुख सिंह

लाडनूँ, 19 अक्टूबर 2021 । विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के मार्गदर्शन व निर्देशन में साइबर सिक्योरिटी की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित कार्यक्रमों की श्रंृखला में मंगलवार को बैंकिंग फ्रॉड से बचने के संदर्भ में वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में मुख्य वक्ता पंजाब नेशनल बैंक के शाखा प्रबंधक गुरुमुख सिंह ने बताया कि बदलते तकनीकी युग में बैंकिंग सुविधाओं का ऑनलाइन प्रयोग करते हुए हम अज्ञानतावश फर्जी वेबसाइटों के चंगुल में आकर आर्थिक नुकसान के शिकार बन जाते हैं। उन्होंने बताया कि कुछ सावधानियां रखने पर ऐसे नुकसानों से बचा जा सकता है। इसके लिए हमें फर्जी तथा असली वेबसाइट्स की पहचान करने के उपरांत ही उस वेबसाइट का प्रयोग करना चाहिए और बैंकिंग व्यवस्था संबंधी किसी भी प्रकार की गोपनीय जानकारी अनजान कॉल करने वालों को प्रदान नहीं करनी चाहिए। कार्यक्रम में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक व आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य कार्यक्रम प्रभारी प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि अज्ञानतावश एवं लापरवाही के कारण हम कई बार इस प्रकार की प्रवृत्तियों के शिकार हो जाते हैं, अतः हमें जागरुक एवं सचेत रहने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान की प्रार्थना से से की गई। इसके पश्चात शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष तथा कार्यक्रम प्रभारी प्रो. बीएल जैन ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। अंत में आयोजक समिति के सदस्य डॉ. गिरधारी लाल शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। समिति के सदस्य डॉ. बलबीर सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में संस्थान के अनेक संकाय सदस्य तथा विद्यार्थी उपस्थित रहे।

Saturday, 16 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में साईबर सुरक्षा क्विज आयोजित

 लाडनूँ, 16 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षकों, शिक्षणेत्तर कार्मिकों एवं विद्यार्थियों को साईबर सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाने के लिए संचालित ‘साईबर सुरक्षा जागरूकता’ कार्यक्रम के अन्तर्गत शनिवार को एक क्विज का आयोजन किया गया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने बताया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग(यूजीसी) के निर्देशों के अनुरूप अक्टूबर माह को साईबर सुरक्षा माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत आयोजित साईबर सुरक्षा क्विज में विद्यार्थियों ने बढ-चढ कर हिस्सा लिया। आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि वर्तमान में साईबर अपराध नित्यप्रति बढते जा रहे हैं। इनसे बचाव के लिए और अपराधों की रोकथाम के लिए और ऐसे अपराधों के दुष्प्रभावों से बचने के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है। तभी हम स्वयं और अपने प्रियजनों को साईबर क्राईम का शिकार होने से सुरक्षित हो पाएंगे। कार्यक्रम आयोजन समिति में प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. बीएल जैन, डा. गिरधारीलाल शर्मा व डा. बलवीरसिंह चारण सम्मिलित हैं।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में बैंकिंग सेवाओं के लिए प्रतियोगिता तैयारी पर छात्राओं को दिया व्याख्यान आयोजित

 लाडनूँ, 16 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के अंतर्गत संचालित रोजगार परामर्श केंद्र में शनिवार को आईबीपीएस बैंक क्लर्क एवं बैंक पीओ प्रारंभिक परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए छात्राओं की आवश्यकता एवं रुचि के तहत एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी के निर्देशन में हुए इस व्याख्यान में वाणिज्य संकाय के सहायक आचार्य अभिषेक शर्मा ने छात्राओं को बैंक परीक्षाओं में क्लर्क एवं पीओ पदों की तैयारी करने के लिए आसान गुर बताए तथा उनके लिए सहायक उपयोगी आवश्यक प्रतियोगी पुस्तकों के बारे में जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि अपने समय का दैनिक पाठ्यक्रम एवं गतिविधियों के साथ समायोजन कर छात्राएं अपनी तैयारी बेहतर कर सकती हैं। उन्होंने विषय क्षेत्र पर विस्तृत चर्चा करते हुए बैंकिंग क्षेत्र में छात्राओं की शंकाओं एवं जिज्ञासाओं का समाधान किया। रोजगार परामर्श केंद्र के प्रभारी अभिषेक चारण ने व्याख्यान में अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया एवं छात्राओं से कहा कि रोजगार परामर्श केंद्र में महाविद्यालय छात्राओं के हितार्थ समय-समय पर ऐसे आयोजित किए जाते हैं, जिनसे कि ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं में भी प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रति रुचि जागृत हो सके एवं वे पढ़ाई के साथ-साथ प्रतिस्पर्धा के इस दौर में अपने आप को सक्षम बना सकें।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एकल प्लास्टिक निषेध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

 जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एकल प्लास्टिक निषेध जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

प्लास्टिक के दुष्परिणामों से बचने के लिए दृढ इच्छा जरूरी- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 16 अक्टूबर 2021। भारत सरकार तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा प्राप्त के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आयोजित हो रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में ‘एकल प्रयोग प्लास्टिक निषेध जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक तथा आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि यदि हम एकल प्रयोग प्लास्टिक के संसाधनों का उपयोग नही करने की दृढ़ इच्छा करें तो सहज रूप से इसके उपयोग करने पर होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है। इसके साथ इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हम अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों में कुछ बदलाव लाकर स्वभाविक के गुस्से की प्रवृत्ति को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यह दोनों ही बदलाव एवं जागरूकता राष्ट्रहित में सहायक हो सकती है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना गीत के माध्यम से की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के प्रभारियों के साथ अनेक छात्राएं भी उपस्थित रही।

Tuesday, 12 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में श्रमदान करके की साफ-सफाई

 जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में श्रमदान करके की साफ-सफाई

लाडनूँ, 12 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में स्वयंसेवी छात्राओं द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाए गए स्वच्छ भारत मासिक अभियान के तहत स्वयंसेविकाओं ने परिसर में सफाई की गई। सर्वप्रथम राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वितीय प्रभारी डॉ. बलबीर सिंह ने भारत सरकार द्वारा चलाए गए इस अभियान से स्वयंसेविकाओं को अवगत कराया और संस्थान में सफाई रखने हेतु प्रेरित किया। इकाई प्रथम प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर के नेतृत्व में संस्थान परिसर में साफ सफाई की गई। इसके साथ-साथ इन्होंने यह भी बताया कि हमें समाज में इस अभियान की जानकारी आमजन तक पहुंचाने के दायित्व का निर्वहन करना है और राष्ट्र सेवा में अपना योगदान देना है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की स्वयंसेविकाओं ने रुचि पूर्वक भाग लेते हुए श्रमदान किया और सफाई का कार्य किया। इसमें हिस्सा लेने वाली स्वयंसेविकाओं सोनम, उषा,, साक्षी, उर्मिला, अंजना, निशा, तरन्नुम, सुमन आदि ने अग्रणी भूमिका का निर्वाह किया।

Friday, 1 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग एवं अहिंसा एवं शांति विभाग में गांधी जयंती व विश्व शांति दिवस पर अनेक कार्यक्रम आयोजित

 

समस्याओं से मुक्ति के लिए सत्य एवं अहिसा के मार्ग का अनुसरण जरूरी- प्रो. धर

लाडनूंँ, 1 अक्टूबर 2021।जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग एवं अहिंसा एवं शांति विभाग में महात्मा गांधी जयंती एवं अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। शिक्षा विभाग हुए कार्यक्रम में डॉ. मनीष भटनागर ने कहा कि हमें गांधी के द्रारा बताये गये सत्य एवं अहिसा के मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। गांधीजी ने राजनीतिक एवं सामाजिक सन्तुलन बनाये रखने पर जोर दिया था। डॉ. विष्णु कुमार ने कहा कि प्रेम पर आधारित शांति सजा के डर से उत्पन्न शांति से हजार गुना अधिक और स्थायी होती है। गांधी की ताकत सत्य और अहिंसा थी। उनके सिद्धान्तों को अपनाकर समाज में महत्त्वपूर्ण बदलाव लाए जा सकते हैं। कार्यक्रम में मनीषा स्वामी, आरती, सगीता, पूनम, सजू, दीपिका स्वामी, किरण सारण, तनू, एवं सूरमा चौघरी छात्राध्यापिकाओं ने भी भाषण, कविता, एवम गाने के माघ्यम से अपने विचार रखे। इस अवसर पर गांधी के विचारांे पर एक लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें छात्राध्यापिकाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम में, डॉ. भावाग्राही प्रधान, डॉ. सरोज राय, डॉ. गिरीराज भोजक, डॉ. आभा सिंह, और डॉ. गिरघारी लाल षर्मा आदि उपस्थित रहें। कार्यक्रम का संचालन षिवानी पूनिया ने किया। अन्त में डॉ. विष्णु कुमार द्रारा आभार ज्ञापित किया गया।

मानव कल्याण के लिए भविष्य में भी आएंगे गांधी के सिद्धांत

अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए गांधी-विचारों की प्रासंगिकता वर्तमान में भी उतनी ही उपादेय बताई, जितनी पूर्व में रही। प्रो. धर ने बताया कि व्यक्ति अपने जीवन को संयमपूर्वक जिये और हमेशा सत्य और ईमानदारी के मार्ग पर चलें तो कभी भी दुविधाएं उसके सामने नहीं आयेगी, यही गांधी विचारधारा है। डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सादगी, अनुशासन, संयम, सहिष्णुता, अपरिग्रह, सत्य, अहिंसा, स्वदेशी, सत्याग्रह, ट्रस्टीशिप, ब्रह्मचर्य, स्वराज आदि के सिद्धान्त वर्तमान के साथ भविष्य में भी मानव कल्याण के लिए उपयोगी होंगे। विश्व के अनेक देश सौ वर्ष बाद भी गांधी के सिद्धान्तों पर चलने के लिए अनेक कार्यक्रम चला रहे हैं। छात्रा मनीषा कवंर ने गांधी का प्रिय भजन ’रघुपति राघव राजा राम’ गाया, छात्रा रूखसाना बानो ने गांधी और दूसरे धर्मों के प्रति उनकी आस्था पर विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सहायक आचार्य डॉ. लिपि जैन ने कहा कि गांधी को जानने व समझने के लिए गांधी के विचारों को अपने जीवन में उतारना पडे़गा, तभी समाज व देश में आराजकता व हिंसा कम हो सकती है। गांधी साहित्य और जीवन पर अनेक शोध कार्य हो रहे हैं। ये शोधकार्य ही गांधी के सिद्धान्तों को आगे बढ़ाने में सहयोग करें। कार्यक्रम में विभाग की छात्राएं रूखसाना, मुस्कान बानो, रूबिना, रेणु कंवर, लक्ष्मी भी उपस्थित रहीं। अन्त में विभाग की छात्रा जयश्री जांगीड़ ने विभाग के सभी सदस्यों का आभार ज्ञापन किया।