Wednesday, 27 October 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सतर्कता एवं जागरूकता रैली का आयोजन कर दिया जन-जन को संदेश



 लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में संचालित किए जा रहे सतर्कता एवं जागरूकता सप्ताह के तहत बुधवार को एक रैली का आयोजन करके लोगों को सतर्कता एवं जागरूकता सम्बंधी संदेश दिया। रैली का प्रारंभ में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन एवं आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य व दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने हरी झंडी दिखा कर परिसर से रवाना किया। रैली में सम्मिलित सभी कर्मचारियों ने संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों एवं स्वच्छता के प्रति जागरूकता तथा सड़क सुरक्षा नियमों एवं आत्मरक्षा के संबंध में विविध प्रकार के नारे लगाकर जनमानस को प्रेरित करने का काम किया। रैली के संयोजक डॉ. अमिता जैन एवं अभिषेक शर्मा ने बताया कि इस रैली में जैन विश्वभारती संस्थान के सभी संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

भ्रष्टाचार देख बापू की आत्ज्मा सिहर उठती है- प्रो. त्रिपाठी

28 अक्टूबर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड के निर्देशन में संचालित किए जा रहे सतर्कता एवं जागरुकता सप्ताह के अंतर्गत गुरुवार को संस्थान के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय एवं शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘भ्रष्टाचार निवारण के उपाय’ विषय पर एक ऑनलाईन राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गयी। संगोष्ठी के संयोजक डॉ. विनोद कुमार सैनी व डॉ. मनीष भटनागर ने बताया कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य एवं दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी एवं द्वितीय सम्मानित वक्ता के रूप में शिक्षा विभाग के विभागाघ्यक्ष प्रो. बनवारी लाल जैन रहे।

भ्रष्टाचार है अर्थव्यवस्था के प्रतिकूल

इस अवसर पर संगोष्ठी के मुख्य वक्ता प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि भ्रष्टाचार से देश की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक व्यक्ति पर प्रतिकूल प्रभाव पडता है लेकिन देश के वर्तमान हालात कमोबेश ऐसे हो चले हैं कि किसी समय टेबिल के नीचे दबे-छिपे होने वाला लेनदेन अब आमने-सामने धडल्ले से होने लगा है। महात्मा गांधी के सपनों का स्वतंत्र भारत इस अधोगति को प्राप्त होगा, यह सोचकर भी बापू की आहत आत्मा सीहर उठती होगी, अतः हमें अब ये संकल्प लेना होगा कि न तो खुद भ्रष्टाचारी बनेंगे और न ही भ्रष्टाचार की क्षीणधारा को विशालकाय दरिया में तब्दील होने देंगे।

भ्रष्टाचार पर अंकुश जरूरी

इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रो. बनवारी लाल जैन ने अपने संबोधन में भ्रष्टाचार के विभिन्न प्रकार व कारणों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भ्रष्टाचार का मतलब अवैध रूप से संपति, धन या सेवायें प्राप्त करना है। इस दौरान उन्होंने सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को रोकने के विभिन्न प्रयासों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। राष्ट्रीय संगोष्ठी में विद्यार्थी एवं संकाय सदस्यों की उपस्थिति रही। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन डॉ. विनोद कुमार सैनी ने किया। डॉ. मनीष भटनागर द्वारा आगन्तुक अतिथि वक्ताओं एवं श्रोताओं का आभार ज्ञापित किया गया।

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