प्लास्टिक के दुष्परिणामों से बचने के लिए दृढ इच्छा जरूरी- प्रो. त्रिपाठी
लाडनूँ, 16 अक्टूबर 2021। भारत सरकार तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा प्राप्त के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आयोजित हो रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में ‘एकल प्रयोग प्लास्टिक निषेध जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के तहत दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक तथा आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि यदि हम एकल प्रयोग प्लास्टिक के संसाधनों का उपयोग नही करने की दृढ़ इच्छा करें तो सहज रूप से इसके उपयोग करने पर होने वाले दुष्परिणामों से बचा जा सकता है। इसके साथ इस बात पर भी प्रकाश डाला कि हम अपने दैनिक जीवन की गतिविधियों में कुछ बदलाव लाकर स्वभाविक के गुस्से की प्रवृत्ति को काफी हद तक कम कर सकते हैं। यह दोनों ही बदलाव एवं जागरूकता राष्ट्रहित में सहायक हो सकती है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना गीत के माध्यम से की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के प्रभारियों के साथ अनेक छात्राएं भी उपस्थित रही।
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