पल्स पोलियो प्रशिक्षण और नाकारा सामान के फिर से उपयोग क विधियां बताई
लाडनूँ, 18 जनवरी 2020। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में शनिवार को फिट इंडिया अभियान के अन्तर्गत लम्बी दूरी की चहल-कदमी का कार्यक्रम एवं खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शहरी पीएचसी के प्रभारी डा. बीआर सारण ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की स्वयंसेविकाओं को सदैव स्वस्थ रहने और टहलने, दौड़ लगाने, व्यायाम करने, खेलकूद में रूचिपूर्वक हिस्सा लेने, योगासनों एवं यौगिक क्रियाओं का अभ्यास करने आदि की जानकारी देते हुये उन्हें जीवन में नियमित रूप से अपनाने की आवश्यकता बताई। स्वयंसेवी छात्राओं ने इस अवसर पर रैली के रूप में किये गये इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान ‘‘फिट इंडिया- हिट इंडिया’’ के नारे भी लगाये। तेज गति से किये गये इस भ्रमण में छात्राओं ने काफी हल्का महसूस किया। इस कार्यक्रम में छात्राओं के साथ ईकाई प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर व डाॅ. बलबीर सिंह चारण भी मौजूद रहे। खेल प्रशिक्षक अजयपाल सिंह भाटी ने एनएसएस की छात्राओं के बीच खो-खो की स्पर्धा करवाई, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
नाकारा सामान की पुनरूपयोग विधियां बताई
एनएसएस के अन्तर्गत संचालित स्वच्छता पखवाड़े के तीसरे दिन स्वयंसेविकाओं को कचरे के रिसाईक्लिंग करने एवं अनुपयोगी वस्तुओं व अन्य सामान के पुनरूपयोग के तरीकों को समझाया गया। एनएसएस की स्वयंसेविका सुरभि नाहटा ने कार्यक्रम में प्रत्येक वस्तु का पूर्ण उपयोग करने एवं उसके खराब हो जाने या नाकारा हो जाने पर फिर से उसका उपयोग करने के लिये उनके नवीनतम प्रयोगों को बता कर सभी छात्राओं को आकर्षित किया। सुरभि ने छात्राओं को कचरे के रिसाईक्लिंग करने के तरीकेे भी समझाये और जीवन में निरन्तर अपनाने लायक गुर बताये।
पल्स पोलियो का दिया प्रशिक्षण
एनएसएस की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में यहां आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के सभागार में सभी स्वयंसेविकाओं के लिये पल्स पोलियो प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस में राजकीय चिकित्सालय से आये चिकितसक डाॅ. बाबूराम सारण ने स्वयंसेवी छात्राओं को पल्स पोलियो अभियान के बारे में जानकारी दी और बताया कि देश में पोलियो रोग का उन्मूलन सफलता पूर्वक किया जा चुका, लेकिन पड़ौसी देश में पोलियो तेजी से फैल रहा है, जिससे यह संभावना बनी हुई है कि कहीं यहां भी वह संक्रमण नहीं आ जाये। भारत सरकार पोलियो को पूरी तरह से जीरो की स्थिति पर लाने के साथ उसे बनाये रखने पर जोर दे रही है, ताकि अबोध बच्चों को विकलांग होने से बचाया जा सके। उन्होंने टीकाकरण के बारे में पूर्ण जानकारी दी और पोलियो ड्रोप पिलाये जाने के बारे में स्वयंसेविकाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया।
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