लाडनूँ, 18 अप्रेल 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में भगवान परशुराम जयंती पर्व मनाया गया। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि भगवान परशुराम जो सोच लेते थे, उसे अपने पूरे प्राण-प्रण से करते थे। वे विष्णु के छठे अंश अवतार माने जाते हैं। अक्षय तृतीया के दिन उनकी जयंती देश भर में मनाई जाती है। परशुराम ने इस धरती को 21 बार क्षत्रिय विहीन कर दिया था। अभिषेक चारण ने कहा कि भगवान परशुराम जमदग्नि महर्षि के पुत्र थे। एक राजा द्वारा उनके पिता जमदग्नि का वध कर दिये जाने से उन्होंने क्रुद्ध होंकर पृथ्वी को 21 बार दुष्ट राजाओं से मुक्त किया था। वे भगवान शिव के फरसे को धारण करते थे, जिससे उनका नाम परशुराम पड़ा था। कार्यक्रम में महाविद्यालय की छात्रायें व स्टाफ उपस्थित रहे।
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