Friday, 13 April 2018

शिक्षा विभाग में अंबेडकर जयंती पर ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम आयोजित

बाबा साहेब का संपूर्ण कृतित्व अनुकरणीय- प्रो. जैन

लाडनूँ, 13 अप्रेल, 2018 डाॅ. अंबेडकर का संपूर्ण जीवन समाज, राष्ट्र तथा मानवीयता के लिए समर्पित रहा। उन्होंने दलितों के सामाजिक पुनरूत्थान, मानव सेवा तथा भारतीय लोकतंत्र की सफल स्थापना हेतु अपना महती योगदान दिया। डाॅ. अंबेडकर के जीवन एवं कृतित्व से हम सभी को प्रेरणा लेते हुए भारतीय समाज में व्याप्त विसंगतियों लैंगिक असमानता, छूआछूत, धार्मिक आधार पर भेदभाव आदि को दूर कर अखण्ड भारत के निर्माण का संकल्प लेना चाहिए। जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत आयोजित अंबेडकर जयंती के कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के प्रभारी डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा ने भीमराव अंबेडकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में बताते हुए कहा कि बाबा साहेब ने जीवन पर्यंत बहुजन हिताय एवं बहुजन सुखाय की दिशा में कार्य किया और भारतीय लोकतंत्र के विशाल संविधान के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में मुख्यतः बी.एड. एवं बी.एस.सी. छात्राओं ने विचार व्यक्त किये और भीमराव अम्बेडकर के जीवन संबंधी मूल्यों, विद्यालय की घटनाओं तथा शैक्षिक जीवन के बारे में सभी श्रोताओं को अवगत करवाया। कार्यक्रम में अंबिका शर्मा ने एक कविता के माध्यम से डाॅ. अंबेडकर का संक्षिप्त कृतित्व प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सरिता फिड़ौदा ने अनेक संस्मरणों के माध्यम से बाबा साहेब के अछूते पहलुओं पर प्रकाश डाला। सुविधा जैन ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन तथा संविधान निर्माण में अंबेडकर जी के महनीय कार्यों की झलकियां प्रस्तुत की।
इस अवसर पर विभाग में सभी छात्राओं एवं संकाय सदस्यों द्वारा ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम की आयोजना की गई जिसका प्रमुख उद्देश्य धर्म, जाति, क्षेत्रीयता पर आधारित भेदभाव को भुलाकर सामूहिक रूप से भोजन ग्रहण किया। इस कार्यक्रम द्वारा सभी भावी शिक्षकों को समानता, बंधुत्व एवं धर्मनिरपेक्षता के मूल्य अपनाने की प्रेरणा प्राप्त हुई। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम में डाॅ. मनीष भट्नागर, डाॅ. बी. प्रधान, डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. गिरिराज भोजक, डाॅ. आभा सिंह, सुश्री मुकुल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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