समन्वय, व्यावहारिकता व सहनशीलता से मिलती है सफलता- कक्कड़
लाडनूँ, 30 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कॅरियर काउंसलिंग सेल के तत्वावधान में संचालित ग्रीष्मकालीन कक्षाओं के लिए प्रमाण पत्र वितरण समारोह एवं शिक्षा विभाग के तत्वावधान में मंगलभावना समारोह का संयुक्त आयोजन किया गया। बुधवार को यहां सेमिनार हाॅल में आयोजित इस कार्यक्रम में समर केम्प में आयोजित विभिन्न शाॅर्ट टर्म प्रोग्राम के प्रशिक्षण प्रमाण पत्रों का वितरण किया गया तथा शिक्षा विभाग की अनुसंधान पत्रिका ‘‘हंस वाहिनी’’ शैक्षित चिंतन का विमोचन भी अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने कहा कि जीवन में समन्वय, व्यावहारिकता और सहनशीलता मूल्यवान गुण होते हैं और जीवन में सफलता के लिए इनकी आवश्यकता रहती है। फ्रेंड सर्किल का विस्तार के साथ उनके साथ नेटवर्किंग भी आवश्यक है। रिलेशन मेंटेन रखने के लिए लगातार संवाद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि समर कैम्प से नया सीखने को मिलता है, जिसमें उम्र का कोई प्रतिबंध नहीं है। इनमें सबसे छोटी उम्र के और वयोवृद्ध भी भाग ले रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग की बीएड छात्राओं की शिक्षा पूर्ण होने पर टीम वर्क से कार्य करने एवं सदैव अच्छे आइडियाज को ग्रहण करने और बुरे आईडियाज को उपेक्षित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि समाज में अधिकतम स्वीकार्यता का निर्माण करना चाहिए। दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि यह संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) केवल डिग्री कार्यक्रम का संचालन ही नहीं रकता बल्कि सम्पूर्ण समुदाय को जोड़ने का करता है। यह एक ऐसा विद्या केन्द्र है, जहां अनुशासन, संस्कार, नैतिक मूल्यों व चरित्र की शिक्षा दी जाती है। उन्होंने कहा कि ये मूल्य जीवन के हर पड़ाव में साथ निभाते हैं। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि बिना मेहनत के सफलता नहीं मिल सकती है। डिग्रियों के साथ कौशल भी जरूरी होता है। श्रमनिष्ठा एवं कर्तव्यनिष्ठा से जीवन में आगे बढा जा सकता है। उन्होंने समर केम्प के बारे में कहा कि इसमें रूचि व क्षमता के अनुरूप अपना विकास कर पाने में व्यक्ति समर्थ होता है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग की छात्राध्यापिकाओं धर्मशिखा सेन व प्रीति ने अपने अनुभव प्रस्तुत किये, वहीं समर केम्प की हेमलता शर्मा, टीना सेन, सोनिया इंदौरिया, ऋत्विक दुबे, प्रियंका स्वामी, कृष्णा अग्रवाल आदि ने भी अपने अनुभव साझा किये। उपरजिस्ट्रार डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने प्रारम्भ में स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन कॅरियर काउंसलिंग सेल के समन्वयक डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने किया।
No comments:
Post a Comment