संविधान के ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने वालों पर नियंत्रण आवश्यक- कक्कड़
लाडनूँ, 21 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने कहा है कि देश का सम्पूर्ण ताना-बाना हमारे संविधान के अन्तर्गत निहित है। इस ताने-बाने को छिन्न-भिन्न करने का कार्य ही आतंकवाद है। देश कानून या संविधान के दायरे में ही कार्य करता है, अगर उसी को छिन्न-भिन्न कर दिया जाता है तो फिर कोई नियंत्रण ही नहीं रह पायेगा। वे यहां राष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी दिवस के अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने देश के हर नागरिक के लिए सजग व सर्तक रहना आवश्यक बताते हुऐ कहा कि बस या ट्रेन से सफर करने पर किसी भी लावारिश वस्तु या सामान होने पर तत्काल उसकी सूचना पुलिस को दें। जागरूकता हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है, हमें केवल सीसी टीवी कैमरों के भरोसे नहीं रहना चाहिऐ, बल्कि अपनी स्वयं की भूमिका अवश्य समझनी और निभानी चाहिऐ। दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि केवल सैनिक ही आतंकवाद से निपटते रहें, यह नहीं होकर हर नागरिक को अपना कर्तव्य समझना होगा और अपने स्तर पर आतंकवाद से निपटने और उसके विरोध में भूमिका तय करनी होगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के समस्त स्टाफ को आतंकवाद का डटकर विरोध करने, सामाजिक सद्भाव व सूझबूझ कायम रखने, मानवीय मूल्यों को खतरा पहुंचाने वाली विघटनकारी शक्तियों से लड़ने की शपथ दिलवाई गई। कार्यक्रम में आर.के. जैन, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डाॅ. युवाराज सिंह खंगारोत, मोहन सियोल, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. गोविन्द सारस्वत, प्रो. बीएल जैन, डाॅ. जसबीर सिंह, रमेशदान चारण आदि उपस्थित थे। इससे पूर्व शिक्षा विभाग में भी आतंकवाद विरोधी दिवस मनाया गया तथा समस्त छात्राध्यापिकाओं एवं स्टाफ को भी शपथ दिलवाई गई। इस अवसर पर बीएड की छात्राओं अंजू, प्रीति स्वामी, भव्या ने आतंकवाद दिवस मनाए जाने के कारण, आतंकवाद के दुष्परिणामों एवं आतंकवाद से निपटने के उपायों के बारे में बताया। कुलसचिव विनोद कुमार कककड़ ने संविधान की रक्षा को आवश्यक बताया तथा संविधान विरोधी हरकतों से निपटना आवश्यक बताया। विभागाध्यक्ष प्रो. बी.एल. जैन ने आतंकवाद को पनाह देने वालों को गलत बताया तथा कहा कि आतंकवादी किसी के नहीं होते, ये समस्त मानव जीवन के लिऐ खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने आतंकवादियों के बारे में जानकारी तत्काल पुलिस को देने की जरूरत बताई।
No comments:
Post a Comment