Monday, 6 September 2021

प्रतिनिधियों ने मांगी जैविभा विश्वविद्यालय की जानकारी और अवलोकन कर व्यवस्थाएं सराही

 प्रतिनिधियों ने मांगी जैविभा विश्वविद्यालय की जानकारी और अवलोकन कर व्यवस्थाएं सराही

श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला से भट्टारक चारूकीर्ति की शुभाशंषाएं

लाडनूँ, 6 सितम्बर 2021। कर्नाटक के श्रीक्षेत्र श्रवणबेलगोला के पीठाधीश स्वस्तिश्री भट्टारक चारूकीर्ति की विशेष शुभाशंषाएं लेकर सोमवार को यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आए श्रीक्षेत्र के प्रबंधन मंडल से सम्बद्ध एव बैंगलुरू के उद्योगपति अशोक सेठी ने विश्वविद्यालय की समस्त कार्य-व्यवस्थाओं का गहराई से अवलोकन किया तथा श्रीक्षेत्र में विकसित हो रहे प्राकृत विश्वविद्यालय के बारे में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ से चर्चा की। उन्होंने बताया कि भट्टारक चारूकीर्ति ने श्रीक्षेत्र के विकास के लिए अभिनव कदम उठाए हैं। 20 से अधिक शिक्षण संस्थाएं, अस्पताल एवं सामाजिक संस्थाओं का संचालन और 40 से अधिक मंदिरों का संचालन, 10 शिष्य भट्टारक बनकर अलग-अलग मठों का संचालन कर रहे हैं और अब उनका संकल्प प्राकृत यूनिवर्सिटी बनाने का है। उन्होंने बताया कि जैन साहित्य और अन्य साहित्य के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिवर्ष अनेक साहित्यकार, विद्वान, पत्रकारों को पुरस्कार दिया जाता है एवं समय-समय पर सम्मेलन भी किए जाते हैं। प्राचीन साहित्य प्रकाशन के लिए अक्षर कलश योजना प्रारम्भ की गई है। कुलपति प्रो. दूगड़ के साथ पर प्रो. नलिन के. शास्त्री व प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने उन्हें जैविभा विश्वविद्यालय की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी और व्यवस्था संचालन के बारे में बताया। उन्होंने यहां संचालित पाठ्यक्रमों प्राकृत व संस्कृत, अहिंसा एवं शांति, जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म व दर्शन, योग एवं जीवन विज्ञान आदि के बारे में अवगत करवाया तथा केन्द्रीय पुस्तकालय ग्रंथागार और प्राचीन दुर्लभ हस्तलिखित ग्रंथों के संरक्षण के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर उनके साथ अखिल भारतीय जैन पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश तिजारिया भी थे। अशोक सेठी व रमेश तिजारिया दोनों यहां सपत्नीक आए थे। उन्होंने भी यहां कुलपति प्रो. दूगड़ से विश्वविद्यालय की अकादमिक गतिविधियों की पूर्ण जानकारी ली और कुलपति से इस सम्बंध में चर्चा की। इस अवसर पर कुलपति प्रो. दूगड़ ने उनका स्वागत-सम्मान किया तथा उन्हें साहित्य भेंट किया।

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