Thursday 30 September 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में साईबर सिक्योरिटी जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय सेमिनार आयोजित

 जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में साईबर सिक्योरिटी जागरूकता अभियान के तहत एक दिवसीय सेमिनार आयोजित

सोशल मीडिया व बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए सिक्योरिटी नियमों का पालन जरूरी- डॉ. शेखावत

लाडनूँ, 30 सितम्बर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा चलाए जा रहे साईबर सिक्योरिटी जागरूकता अभियान के तहत गुरूवार को ‘साइबर सुरक्षा के लिए गृह मंत्रालय द्वारा की पहल’ विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता योग एवं जीवनविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने साईबर क्राइम के बारे में बताते हुए कम्प्यूटर एवं इंटरनेट के उपयोग से होने वाले सभी क्राइम्स को साइबर क्राइम में सम्मिलित बताया तथा इनसे सुरक्षा रखने को वर्तमान में सबसे अधिक महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने सोशल मीडिया और तथा बैंकिंग फ्रॉड से बचने के उपाय बताते हुए कहा कि मोबाईल में एप्स की परमीशन सोच-समझ कर दें, किसी अनजाने व्यक्ति को सोशल मीडिया पर मित्र नहीं बनाएं, किसी अनजाने लिंक्स को बिना सोच-समझे क्लिक नहीं करें, मोबाईल का हमेशा बैक कैमरा ही ऑन रखें, एटीएम का पिन अपने मोबाईल में कभी सेव नहीं करे आदि सावधानियों से साइबर क्राइम से बचा जा सकता है।

मुख्यतः मोबाइल बना साइबर क्राइम का जरिया

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि मोबाईल के उपयोग में हमें अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए। यदि मोबाईल हमारा दोस्त है तो सबसे बड़ा शत्रु भी है। यह आज सर्वाधिक उपयोग में आने वाला यंत्र है तथा साईबर क्राईम का जरिया भी सबसे अधिक हमारा मोबाईल ही बन रहा है। प्रारम्भ में कार्यक्रम के संयोजक डॉ. गिरधारी लाल शर्मा ने सेमीनार के आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम तथा ट्विटर जैसे लिंक्स एवं साइबर सिक्योरिटी वेबसाइट की जानकारी दी तथा कहा कि संस्थान के सभी शैक्षणिक व शैक्षेत्तर सदस्यों तथा विद्यार्थियों को साइ्रबर क्राइम से सतर्क रहते हुए साइबर सिक्योरिटी सुनिश्चित रखनी चाहिए। कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे। अंत में आभार ज्ञापन डॉ. गिरधारीलाल शर्मा ने किया।

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