Monday, 1 March 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के सेमिनार हाॅल में अभिनन्दन एवं मंगलभावना समारोह आयोजित

 

संतों का विचरण होता है जन-जन को सद्मार्ग दिखाने के लिये- मुनिश्री अमृत कुमार

लाडनूँ, 2 मार्च 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के सेमिनार हाॅल में आयोजित अभिनन्दन एवं मंगलभावना समारोह में मुनिश्री अमृत कुमार ने कहा है कि संत हमेशा मानव मात्र का कल्याण करते हैं। वे जहां भी रहते हैं, विचरते हैं, जन-जन को अपने प्रवचन व प्रेरणा से सद्मार्ग दिखाते हैं। लाडनूँ में वृद्ध साधु-साध्वियों का सेवाकेन्द्र है, उनकी सेवा और उन्हें चित-समाधि प्रदान करने का कार्य अन्य साधुओं के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मुनिश्री सुमति कुमार ने एक वर्ष तक यहां सेवाकार्य करके साधुवृद्वों को चितसमाधि पहुंचाई। मुनिश्री युमति कुमार ने अपने उद्बोधन में एक साल के अनुभवों को साझा किया तथा कहा कि अब आगे का काम मुनि अमृतकुमार को देखना है। साधु हमेशा विचरण करते हैं और इसी में उनका उद्देश्य पूरा होता है। कार्यक्रम में मुनिश्री देवार्य कुमार, मुनि तन्मय कुमार व मुनि उपशम कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जैविभा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने मुनिश्री समुति कुमार के साथ बीते एक साल के संस्मरणों को प्रस्तुत किया तथा कहा कि यह विश्वविद्यालय और समूचा जैन विश्व भारती परिसर संतों के निरन्तर प्रवास के कारण आध्यात्मिक ऊर्जाओं से भरपूर रहता है। उनकी कृपा से ही यहां का वातावरण सदैव पावन बना रहता है। दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, जैन मनीषी डाॅ. शान्ता जैन, प्रो. नलिन शास्त्री, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल जैन, तेरापंथ महिला मंडल की अध्यक्ष सुनीता बैद आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के प्रारम्भ में महिला मंडल एवं कन्या मंडल की ओर से महिलाओं ने मंगलगान व गीतिका प्रस्तुत किए। तेरापंथी सभा के मंत्री राजेन्द खटेड़ ने कार्यक्रम का संचालन किया।

जैन मुनि का मंगल विहार

यहां जैन विश्व भारती स्थित भिक्षु विहार से मंगलवार को मुनिश्री सुमति कुमार ने अपने सहवर्ती संतों के साथ मंगल विहार किया। वे यहां पिछले एक वर्ष से वृद्ध साधु सेवा केन्द्र में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे थे। उन्होंने अपना दायित्व मुनिश्री अमृतकुमार को सौंप कर गंगानगर के लिए प्रस्थान किया। वे यहां से बीदासर, सरदारशहर होते हुए गंगाशहर पहुंचेंगे। उनके मंगल विहार के अवसर पर जैन विश्व भारती, जैविभा विश्वविद्यालय, जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, तेरापंथ महिला मंडल, अणुव्रत समिति आदि संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित रहे, इनमें अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता, दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. नलिन शास्त्री, प्रो. अनिल धर, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. युवराज सिंह खांगारोत, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, प्रगति चैरड़िया, आयुषी शर्मा, पंकज भटनागर, डाॅ. जेपी सिंह, डाॅ. विनोद कुमार सैनी, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. सुनिता इंदौरिया, विजयकुमार शर्मा, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. गिरीराज भोजक, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, डाॅ. रविन्द्रसिंह राठौड़, भाटी आदि उपस्थित थे।

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