Monday 22 March 2021

जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में शहीद दिवस पर किया शहीदे-आजम भगतसिंह को याद

 

मिली आजादी उनकी बदौलत, जो कंधों पे अपने कफन लेके निकले

लाडनूँ, 23 मार्च 2021। जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में संचालित विवेकानंद क्लब के तत्वावधान में मंगलवार को शहीद दिवस पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव को याद किया गया। प्राचार्य प्रो. आनंदप्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शहीदों के प्रति श्रद्धा-शब्द अर्पित किए गए। प्रोफेसर त्रिपाठी ने बताया कि भगत सिंह, राजगुरु एवं सुखदेव जैसे क्रांतिकारियों की बदौलत ही आज उनके सपनों का स्वतंत्र भारत विकास की ओर अग्रसर होना संभव हो सका है। उन्होंने छात्राओं को शिक्षा के प्रति विशेष रूप से जागरूक रहने हेतु भगत सिंह का उदाहरण प्रस्तुत किया, जिसमें फांसी से ठीक पहले उनसे जब आखिरी इच्छा पूछी जा रही थी, तब भगत सिंह का जवाब था, ‘मैं आजकल लेनिन को पढ़ रहा हूं, यदि संभव हो सके तो इसे संपूर्ण पढ़ने की इजाजत दी जाए।’ भगत सिंह की ऐसी लगन एवं शिक्षा के प्रति समर्पण आज की शैक्षिक पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने शहीद दिवस पर अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए कहा- ‘‘बहुत थे जो दिल में लगन लेके निकले, बगावत की जलती अगन लेके निकले। मिली किंतु आजादी उनकी बदौलत, जो कांधों पे अपने कफन लेके निकले।’’ कार्यक्रम में महाविद्यालय हिंदी व्याख्याता अभिषेक चारण ने बताया कि शहीद दिवस के दिन देश के उन रणबांकुरों याद करना हर भारतवासी की नैतिक जिम्मेदारी है, क्योंकि आज हम इस फिजां में स्वतंत्रता का जो सुख अनुभव कर रहे हैं, वह सब उन्हीं क्रांतिकारियों की बदौलत है, जिनके शौर्य और पराक्रम की वजह से उनके सपनों का स्वतंत्र भारत विरासत में मिला है। उन्होंने अपनी भावनाएं इन शब्दों में व्यक्त की- ‘कहते हैं अमर शहीदों की आयु न अकारथ जाती है, वह आने वाली पीढ़ी के जांबाजों को लग जाती है।’ शहीदों को नमन के इस कार्यक्रम में छात्रा पूजा प्रजापत, उर्मिला डूकिया, सोनम कंवर, आरती चारण, रितिका सांखला, मुस्कान बानू, तमन्ना आदि ने भी अपने विचार प्रकट कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

No comments:

Post a Comment