सूचना तकनीक व विभिन्न एप्प से दूरस्थ शिक्षा बन सकती है प्रभावी- डाॅ. आमीन
लाडनूँ, 12 मार्च 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय द्वारा ‘‘दूरस्थ शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी की भूमिका’’ विषय पर एक वेबिनार का आयेाजन किया गया। वेबिनार के मुख्य वक्ता महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय बड़ौदा गजारात के फैकल्टी आॅफ काॅमर्स के डाॅ. प्रशांत आमीन ने दूरस्थ शिक्षा में आईटी की उपयोगिता पर बताते हुए एक पीपीटी के माध्यम से नवीन शिक्षा नीति-2021 एवं परम्परागत व आॅनलाईन ट्रेनिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थी, शिक्षक, शोधार्थी एवं अभिभावकों के जीवन में सूचना प्रौद्योगिकी की उपयोगिता के बारे में भी जानकारी दी और उन्होनें बताया कि दूरस्थ शिक्षा के शिक्षकों को विद्यार्थी को पढ़ाने के लिए गुगल क्लासरूम, माइंड मैपिंग, वल्र्ड क्लाउड, जैम बोर्ड, पौडकास्ट और ओलेप्स आदि उपकरणों का उपयोग कर हम अपनी दूरस्थ शिक्षा प्रणाली को और प्रभावशाली व आसान बना सकते है। फैक्लटी ऑफ मैनेजमेंट श्रीगंगानगर के प्रो. निक्की शर्मा ने अपने वक्तव्य में तीन तरह के तत्त्वों के बारे जानकारी देते हुए कम्प्यूटर प्रबंधन निर्देशन, कम्प्यूटर एडेड लर्निंग, कम्प्यूटर काॅंफ्रेंसिग आदि पर प्रकाश डाला। वेबिनार का संचालन प्रगति चैरड़िया ने किया। प्रारम्भ में स्वागत भाषण प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. जे.पी. सिंह ने प्रस्तुत किया। वेबिनार में छात्रों, शिक्षकों और शोद्यार्थी समेत 281 प्रतिभागियों ने पंजीकरण करवाया एवं वेबिनार से लाभ लिया।
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