Friday 21 January 2022

अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी द्वारा जैन विश्वभारती संस्थान के ‘‘आचार्यश्री महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ऑफ नेचुरापैथी एंड योग’’ का अवलोकन

 


लाडनूँ, 22 जनवरी 2022। जैन विश्वभारती संस्थान के अनुशास्ता आचार्यश्री महाश्रमणजी द्वारा संस्थान के नवीन प्रकल्प ‘‘आचार्यश्री महाप्रज्ञ मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल ऑफ नेचुरापैथी एंड योग’’ के नवनिर्मित भवन का अवलोकन किया गया। इस अवसर पर संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने आचार्यश्री को प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज की सम्पूर्ण परियोजना से परिचित करवाया और अवगत करवाया कि इस मेडिकल कॉलेज में पचास बेड के एक अस्पताल की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। चिकित्सकीय उपचार की गुणवत्ता को सुनिश्चित किये जाने के क्रम में भारत के सर्वोत्तम प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान जे.एन.आई. बेंगलुरु के अकादमिक सहयोग का भी उन्होंने उल्लेख किया। जीवन विज्ञान एवं योग विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने प्रस्तावित महाविद्यालय की सम्पूर्ण रूपरेखा का विवरण आचार्यश्री के सम्मुख नक्शों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस अवसर पर आचार्यश्री महाश्रमण ने अपने संबोधन में इंगित किया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी अनूठी प्रणाली है, जिसमें जीवन के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक तलों के रचनात्मक सिद्धान्तों के साथ व्यक्ति के सद्भाव का निर्माण होता है। इसमें स्वास्थ्य के प्रोत्साहन, रोग निवारक और उपचारात्मक प्रबन्धन के साथ-साथ शरीर को फिर से मज़बूती प्रदान करने की भी संभावनाएं सन्निहित हैं। आचार्यश्री महाप्रज्ञ प्राकृतिक चिकित्सा उपचार को एक ऐसी प्रणाली के रूप में लक्षित करते थे, जो शरीर के भीतर महत्त्वपूर्ण उपचारात्मक शक्ति के सम्यक् उपयोग को भाव चेतना के साथ जोड़कर आरोग्य प्रदान करती है।

मुनिश्री कीर्ति कुमार ने अपने वक्तव्य में इस प्रकल्प के विकास के प्रारम्भिक चरण का स्मरण करते हुए विशाखापटनम में सम्पन्न हुई चर्चा को रेखांकित किया और बताया कि किस प्रकार रुचिपूर्वक प्रसिद्ध समाजसेवी एवं भामाशाह नोखा निवासी एवं कोलकाता प्रवासी कमलकिशोर ललवानी एवं लाडनूं निवासी तथा कोलकाता प्रवासी पदमचंद भुतोड़िया ने इस परियोजना में सहयोग देने का भाव व्यक्त किया। संस्थान के आध्यात्मिक-पर्यवेक्षक मुनिश्री कुमारश्रमणजी ने भी इस अवसर पर संबोधित किया एवं इस क्षेत्र की अन्य संभावनाओं एवं संस्थान द्वारा भविष्य में इस दिशा में बढ़ाए जाने वाले कदमों एवं योजनाओं के बारे में बताया।

इस अवसर पर नैचुरोपैथी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के भवन-निर्माण दानदाताओं कमलकिशोर लालवानी और पूनमचन्दजी भुतोड़िया के परिवारजनों का सम्मान किया गया। समारोह का संचालन जीवन विज्ञान एवं योग विभाग के सह-आचार्य डॉ. युवराजसिंह खंगारोत ने किया।

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