हमेशा बड़ा सोचें, पहले सोचें और सोचने के बाद निरन्तर प्रयास करें- कुलपति प्रो. दूगड़
लाडनूँ, 1 जनवरी 2022। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा है कि हमेशा बड़ा सोचें, पहले सोचें और सोचने के बाद निरन्तर प्रयास करें। बाधाओं के मार्ग में आने पर घबराएं नहीं। सफलता के लिए यही सूत्र काम करता है। सफलता मिलने पर दुनिया आपको जानती है और असफलता मिलने पर आप दुनिया को समझ जाते हैं। सफलता व असफलता एक ही सिक्के के दो पहलु हैं। प्रयत्न सदैव पूरी लगन से करना चाहिए। कमजोरी और कमियों को दूर करने में अपनी परी ताकत झांेक दें, चलना अनवरत जारी रखें, तभी लक्ष्य तक पहुंच पाएंगे। बाधाओं का पिंजरा इससे टूट जाता है। किसी की पहचान या सिफारिश से काम नहीं करवाएं, बल्कि अपनी पहचान खुद अपने काम से बनाएं। कभी गलतियों की पुनरावृति नहीं होने दें। अपनी गति को कभी मंद नहीं होने दें और उसे निरन्तर बढाएं। वे यहां जैविभा विश्वविद्यालय के सेमिनार हाॅल में आयोजित नववर्ष समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष में कुछ गलतियां होती हैं, तो अनेक उपलब्धियां भी होती हैं। हमें गलतियों को नहीं दोहराने और उपलब्धियों को सतत बढाने का संकल्प लेना चाहिए। सच का साथ सदैव देते रहें और हौसला रख कर बाधाओं को पार करते रहें। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने नववर्ष को अनवरत ऊर्जा व शक्ति प्रदान करने वाला और विकास का माध्यम बताया। अंग्रेजी विभाग की प्रो. रेखा तिवाड़ी ने अपने कामों का विश्लेषण करने और गलतियों को सुधार कर आगे बढने की प्रेरणा दी। प्रो. दामोदर शास्त्री ने उपमाएं देते हुए पतझड़ को नव बसन्त के आगमन का सूचक बताया। कार्यक्रम में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, कुलसचिव रमेश कुमार मेहता, विताध्किाारी आरके जैन, समाज कार्य विभाग की डाॅ. पुष्पा मिश्रा, अहिंसा एवं शांति विभाग के डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, प्राकृत व संस्कृत विभाग के डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म व दर्शन विभाग के डाॅ. आलोक जैन, योग एवं जीन विज्ञान विभाग के डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत आदि ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का संचालन एवं अंत में आभार ज्ञापन डाॅ. युवराज सिंह खंगारोत ने किया। कार्यक्रम के पश्चात् सामुहिक भोज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी शैक्षिक एवं अशैक्षणिक कार्मिक उपस्थित थे।
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