Friday, 10 December 2021

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में प्रशासनिक व शैक्षणिक क्षमताओं में वृद्धि के समबंध में निर्देश

 


स्किल बेस्ड पाठ्यक्रमों का निर्माण आवश्यक- कुलपति

लाडनूँ, 11 दिसम्बर 2021। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने विश्वविद्यालय की प्रशासनिक एवं शैक्षणिक क्षमताओं में वृद्धि को लेकर आयोजित एक बैठक में कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ए-ग्रेड प्रदान की गई है। परन्तु, हमें यहीं पर नहीं ठहर जाना है, बल्कि इससे भी आगे बढना है। विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों, शोध-कार्यों, स्किल बेस्ड कार्यक्रमों, अल्पकालीन अन्तर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रमों आदि के परिवर्तन हेतु वर्तमान व्यवस्था में आवश्यक बदलाव लाने जरूरी हैं। सामान्य पाठ्यक्रमों की शिक्षा के साथ स्किल आधारित अध्यापन कार्यक्रम को भी उन्होंने जरूरी बताया तथा कहा कि सभी विभागों को ऐसे कदम उठाने चाहिएं, जिसमें विद्यार्थियों को रोजागारोन्मुखी अध्ययन करने हेतु प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि संस्थान का योग शिक्षा में विशेष महत्व है और यहां से योग प्रशिक्षित युवा देश-विदेश में प्रमुख संस्थानों या स्वतंत्र रूप से कार्य करके विशेष आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने योग एवं जीवन विज्ञान विभाग को निर्देश दिए कि वे आस पास के क्षेत्रों यथा लाडनूँ, सुजानगढ, छापर, बीदासर आदि के अस्पतालों में एक योग चैम्बर की स्थापना करें और वहां मरीजों को योग-थैरेपी की परामर्श सुविधाएं प्रदान करें। कुलपति ने विश्वविद्यालय के अन्तर्राष्ट्रीय सम्पर्क एवं मामलात सम्बंधी कार्यालय को भी अधिक कार्य के लिए निर्देश दिए तथा कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय विद्यार्थियों के लिए भी अल्पकालीन पाठ्यक्रम बनाएं जाने चाहिएं, ताकि विदेशों से भी विद्यार्थी यहां आकर अध्ययन कर सकें। विदेशी सम्पर्कों में भी बढोतरी को उन्होंने आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप संस्थान के समस्त पाठ्यक्रमों को पुनर्रचित करना होगा। उन्होंने विभिन्न अल्पकालीन पाठ्यक्रमों के निर्माण पर भी जोर दिया। फेकल्टी डवलेपमेंट पर जोर देते हुए कुलपति ने कहा कि शैक्षणिक के साथ समस्त गैर-शैक्षणिक कार्मिकों को कम्प्यूटर आदि समस्त आधुनिक तकनीक में पारंगत होना आवश्यक है। इसके लिए संस्थान द्वारा विभिन्न प्रोग्राम संचालित किए जाते रहते हैं, उनका लाभ अब सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से प्राप्त करना होगा, ताकि नवीन तकनीक से वे अपने स्वयं के विकास के साथ संस्थान को भी लाभान्वित कर सकें। कुलपति ने शैक्षणिक स्टाफ से शोध पर विशेष जोर देने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी शिक्षकों को अपने शोध आलेखों को तैयार करके उनका प्रकाशन यूजीसी मान्य व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाने चाहिए। इस बैठक में सभी शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. नलिन के. शास्त्री ने किया।

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