विद्यार्थियों की व्यक्तिगत समस्या को समझ कर करें पाठ-योजना के प्रयोग- प्रो. शर्मा
लाडनूँ, 20.अक्टूबर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में प्रसार भाषण माला के अन्तर्गत इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी (इग्नू) नई दिल्ली के शिक्षा संकाय के प्रो. महेश चन्द्र शर्मा ने ‘‘समावेशी शिक्षा में आईसीटी, मूल्यांकन, मूल्य शिक्षा का योगदान’’ विषय पर अपने सम्बोधन में कहा कि एक अच्छे शिक्षक को अपने विद्यार्थियों में चारित्रिक मूल्यों का विकास करना चाहिये तथा मूल्य, ज्ञान, संस्कृति, व्यवहार, आत्म-प्रेरणा तथा व्यक्तिगत समस्या को समझते हुये उदाहरण प्रस्तुत करने चाहिये। शिक्षक को अपने विद्यार्थी का मित्र, पथ-प्रदर्शक, निर्देशक की भमिका निभाने में सक्षम होना चाहिये। अगर शिक्षक इन सब पर ध्यान देगा तो विद्यार्थी उसकी कक्षा में निरन्तर सहभागी बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षक को समावेशी शिक्षा में विद्यार्थियों की व्यक्तिगत समस्याओं को समझ कर अपनी पाठयोजना में आईसीटी का सशक्त रूप में प्रयोग करना चाहिये। नैतिक मूल्यों को शिक्षक को अपने विषय में समाहित कर लेना चाहिये, तभी विद्यार्थियों में इन नैतिक मूल्यों को विकसित किया जा सकेगा। विषयों से जुड़े हुये मूल्य आधारित उदाहरण प्रस्तुत करके विद्यार्थी के समक्ष अगर पाठ को रखा जायेगा तो विद्यार्थी मूल्यों को आसानी से ग्रहण कर पायेगा। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बनवारी लाल जैन ने प्रारम्भ में व्याख्यानकर्ता का परिचय प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रो. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभा सिंह, डाॅ. विष्णु कुमार तथा अन्य संकाय सदस्य व छात्राध्यापिकायें उपस्थि रही।
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