राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह 15 दिसम्बर को
दिनांक: 14.12.2017
लाडनूं।
जैन विश्वभारती संस्थान में भारत सरकार के सांस्कृति मंत्रालय के मिशन के
तहत 25 नवम्बर से चल रही 21 दिवसीय ‘‘पाण्डुलिपि विज्ञान एवं लिपि विज्ञान
विषयक’’ राष्ट्रीय कार्यशाला का समापन समारोह शुक्रवार प्रातः 11 बजे
आयोजित किया जायेगा। जिसके तहत सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित
किये जायेंगे।
इससे पहले गुरूवार को जहां लखनऊ विश्वविद्यालय के
प्रोफेसर एवं कार्यशाला के प्रमुख वक्ता के.के. थापलियाल ने अशोक के
अभिलेखों के संदर्भ में ब्राह्मी लिपि का अध्ययन करवाया। वहीं जैन
विश्वभारती संस्थान के जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म एवं दर्शन विभाग के
सहआचार्य डाॅ. शशि प्रज्ञा ने जैन धर्म के वर्तमान संदर्भ की प्रासंगिकता
एवं जैन धर्म के आदर्शों को विस्तार से व्याख्यायित किया। इसी क्रम में
अगले वक्ता के रूप में प्राच्यविद्या एवं भाषा विभाग के सहायक आचार्य डाॅ.
सत्यनारायण भारद्वाज ने पाण्डुलिपियों के संदर्भ में साहित्य के प्रमुख
तत्त्वों एवं साहित्य की विद्याओं से श्रोताओं को अवगत करवाया एवं इनके
महत्व पर प्रकाश डाला।
गुरूवार के द्वितीय सत्र में डाॅ.
सत्यनारायण भारद्वाज की अगुवाई में कार्यशाला के सभी प्रतिभागियों को
शैक्षणिक भ्रमण के तौर पर काले हरिणों के लिये विश्वप्रसिद्ध तालछापर
अभ्यारण्य का भ्रमण करवाया एवं इसके उपरान्त सभी प्रतिभागियों को सालासर
बालाजी दर्शनार्थ ले जाया गया। डाॅ. योगेश जैन सभी व्यवस्थाओं को सुचारू
ढंग से क्रियान्वित कर कार्यशाला की इन समस्त गतिविधियों के आधार स्तम्भ
रहे।
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