सद्गुणों का विकास करता है दीपावली का पर्व- प्रो. बीएल जैन
लाडनूँ, 11 नवम्बर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस एवं दीपावली पर्व के उपलक्ष में एक ऑनलाईन कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि दीपावली के पर्व को व्यक्ति में सद्गुणों का विकास करने वाला बताया तथा कहा कि इस पर्व पर सभी में आपसी मेल-मिलाप से प्रेम, नम्रता, विनम्रता, मान, सम्मान, आदर, सत्कार, अभिवादन आदि के भाव प्रकट होते हैं। यह पर्व ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ का पर्व है। कार्तिक अमावस्या को भारतवर्ष के घर-घर में अंधकार को दूर कर प्रकाश का दीप प्रत्येक घर में जलाया जाता हैं। वर्तमान में मलिन होते जा रहे आत्मा के प्रकाश को शुद्ध करने के लिये मन में दूषित विचारों के आधिक्य को कम करना होगा। हमें एक दूसरे के आच्छादित हो रहे प्रति घृणा, ईष्र्या, द्वेष, अहंकार के भावों को मिटाने के लिये प्रयास करना चाहिये। मान्यता है कि इन अवगुणों के कारण लक्ष्मी का शुभागमन नहीं होता हैं। दूषित विकारों से बचने में दीपावली पर्व का आयोजन लाभकारी एवं उपयोगी हैं। दीपावली का पर्व त्यौहारों का पर्वराज है। इस त्यौहार के प्रारंभ होने से पूर्व और बाद में भी अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। यह पर्व पांच दिवस तक निरंतर आयोजित किया जाता है। दिवाली से पूर्व धनतेरस और छोटी दीवाली तथा दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भैयादूज को मनाया जाता है। इस प्रकार से दिवाली का यह पर्व पांच दिन तक हम सभी में श्रेष्ठ गुणों का विकास करता है। भारतीय संस्कृति के इन पर्वों के कारण ही विश्व में हमारी पहचान अलग रूप में है। ये पावन पर्व हमें विविधता में एकता के सूत्र में बांधते हैं। कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों में से अंबिका शर्मा एवं रेखा शेखावत ने भाषण के माध्यम से, हर्षिता स्वामी ने गाने के माध्यम से, ऋतु स्वामी ने कविता के माध्यम से, रेखा परमार, सीमा देवड़ा, सरिता शर्मा और मेराज ने नृत्य के माध्यम से अपने भावों को अभिव्यक्त किया। कार्यक्रम में डॉ. मनीष भटनागर, डॉ. बी. प्रधान, डॉ. सरोज राय, डॉ.आभा सिंह, डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. गिरधारी लाल, डॉ. ममता सोनी, प्रमोद ओला, ललित कुमार एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन डॉ. अमिता जैन ने किया।
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