Wednesday 23 September 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में कुलपति प्रोफेसर बछराज दूगड़ के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन

 

परस्पर सुख.दुःख में भागीदार बनना ही सच्ची सेवा भावना. प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 24 सितम्बर 2020 । जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में कुलपति प्रोफेसर बछराज दूगड़ के संरक्षण में राष्ट्रीय सेवा योजना दिवस कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रोण् आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि व्यक्ति को स्वयं तक सीमित रहने के स्थान पर अपने आस पास के लोगों की तरफ ध्यान देकर उनके सुख.दुःख में भागीदार बनाना चाहिये। परोपकार की भावना में सबका उद्धार समाहित होता है। उन्होंने सेवा परमो धर्म की अवधारणा पर भी प्रकाश डालते हुए एनएसएस की स्वयंसेविकाओं को परोपकार की भावना को हृदंयगम रखने की आवश्यकता जताई। साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्र सेवा के योगदान में दिखावे के स्थान पर सच्ची सेवा का परिचय देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में स्वयंसेविका सुरभि नाहटा, दिव्यता कोठारी, स्नेहा पारीक, वर्षा राकावत तथा नफीसा बानो ने अपने कविताए गीत व भाषण ऑनलाइन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की शुरुआत एनएसएस गीत के माध्यम से की गईए जिसकी प्रस्तुति स्वयंसेविका प्रीति फूलफगर तथा निकिता लोढ़ा ने दी। एनएसएस इकाई प्रथम की प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत करते हुये कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की और कार्यक्रम में जुड़े सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न संकाय सदस्यों सहित स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाएं भी ऑनलाइन जुड़े रहे। कार्यक्रम का संयोजन इकाई द्वितीय प्रभारी डॉ. बलबीर सिंह ने किया।

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