Tuesday, 19 May 2020

महामारी के दौरान कार्यकर्ता की भूमिका पर जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का ऑनलाइन वेबिनार आयोजित

कोरोना संकट में सामाजिक कार्यकर्ता में आयेगा अधिक निखार- प्रो. संजय भट्ट

लाडनूँ,19 मई 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग द्वारा मंगलवार को एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। ‘‘कोविड-19 महामारी के दौर में सामाजिक क्रिया और व्यावसायिक-सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका’’ विषय पर आयोजित इस वेबिनार का आयोजन कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की प्रेरणा से किया गया, जिसके मुख्य अतिथि लखनऊ विश्विद्यालय लखनऊ के प्रोफेसर आरबीएस वर्मा थे और मुख्य वक्ता दिल्ली विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय भट्ट थे। वेबिनार के विशिष्ट अतिथि के रूप में जनार्दन राय नागर विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग के सह आचार्य डॉ. लालाराम जाट थे। मुख्य वक्ता प्रो. संजय भट्ट ने अपने वक्तव्य में कहा कि व्यावसायिक समाज कार्यकर्ता के लिए कोविड-19 के वर्तमान समय बहुत ही चुनौतियों भरा है। यह तकनीकी क्रांति का युग है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ताओ को समय के साथ परिवर्तन लाना आवश्यक है। उन्होंने घर से कार्य करने पर जोर देते हुये कहा कि घर से काम करने केे लिये क्लाइंट के साथ विश्वास और बढ़ाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह समय सामाजिक कार्यकर्ता के लिये अपने-आपको को साबित करने का समय है, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता निखर कर सामने आएंगे। उन्होंने सामाजिक क्रिया के मैथड को उपयोग करते हुए परिवारों के साथ कार्य करने का एक नये मैथड पर भी बल दिया।

पुलिस व स्वास्थ्य कर्मियों से समन्वय रखें

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में अपने वक्तव्य में प्रो. आरबीएस वर्मा ने कहा कि हमें एक सहयोगात्मक रणनीति को अपनाते हुए सभी को साथ में लेकर चलना पड़ेगा। हमें किसी के साथ भी किसी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों तथा अन्य कर्मचारियों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं को समन्वय बनाकर सामाजिक समस्याओं को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। प्रो. वर्मा ने आचार्य तुलसी द्वारा प्रणीत अणुव्रत आंदोलन पर विशेष बल देते हुए कहा कि जैन धर्म के अन्तर्गत वर्तमान परिस्थिति में अणुव्रत का पालन बहुत ही प्रासंगिक होगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपनी आगामी पुस्तक में भी इसको समिलित किया है। डॉ. लालाराम ने कहा कि गांवों से शहरों की ओर पलायन चल रहा था, वह अब बदला है और इस महामारी के दौरान शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में लोग वापस लौट रहे हैं। इसके प्रभाव को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. बिजेंद्र प्रधान ने सभी विद्वतजनों का स्वागत एवं अभिनंदन किया। अंत में समाज कार्य विभाग की सहायक आचार्या डॉ. पुष्पा मिश्रा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग जैन विश्वभारती संस्थान के सिस्टम एनालिस्ट मोहन सियोल ने दिया। कार्यक्रम का संचालन समाज कार्य विभाग के सहायक आचार्य डॉ. विकास शर्मा ने किया।

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