लाडनूँ, 21 अप्रेल 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन अध्ययन करवाया गया। इस ऑनलाईन क्लास के द्वारा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को संघर्ष निवारण की पारम्परिक तकनीकी, जिसमें वार्ता, समझौता, संधि के अलावा समकालीन संघर्ष निवारण विषय पर विविध चर्चा की गई और आसान सूत्रों के माध्यम से उन्हें समझाया गया। अतिथि व्याख्याता महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार के डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने इसमें बताया कि इसके साथ ही विद्यार्थियों को दो राष्ट्र्रों के मध्य जब असहमति हो जाती है, तो किस तरह तीसरे राष्ट्र की चयन प्रक्रिया की जाती है, उस तकनीक के उदाहरण भी दिये गये तथा उनके बीच शांति स्थापना के लिए जॉन गोर्टून के पीस बिल्डिंग, पीस मेकिंग एवं पीस कीपिंग सिद्धांतों का भी वर्णन किया गया।
Tuesday 21 April 2020
जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) ऑनलाईन क्लास में स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को सिखाये अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के गुर
लाडनूँ, 21 अप्रेल 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के छात्र-छात्राओं को ऑनलाइन अध्ययन करवाया गया। इस ऑनलाईन क्लास के द्वारा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को संघर्ष निवारण की पारम्परिक तकनीकी, जिसमें वार्ता, समझौता, संधि के अलावा समकालीन संघर्ष निवारण विषय पर विविध चर्चा की गई और आसान सूत्रों के माध्यम से उन्हें समझाया गया। अतिथि व्याख्याता महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार के डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने इसमें बताया कि इसके साथ ही विद्यार्थियों को दो राष्ट्र्रों के मध्य जब असहमति हो जाती है, तो किस तरह तीसरे राष्ट्र की चयन प्रक्रिया की जाती है, उस तकनीक के उदाहरण भी दिये गये तथा उनके बीच शांति स्थापना के लिए जॉन गोर्टून के पीस बिल्डिंग, पीस मेकिंग एवं पीस कीपिंग सिद्धांतों का भी वर्णन किया गया।
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