सहिष्णुता व ईमानदारी से बदला जा सकता है जीवन- डाॅ. भटनागर
लाडनूँ 2 नवम्बर 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के तत्वावधान में दीपावली उत्सव के अवसर पर शुक्रवार को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्राध्यापिकाओं एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुये डाॅ. मनीष भटनागर ने दीपोत्सव पर्व पर सहिष्णुता एवं ईमानदारी जैसे गुणों को भगवान राम से ग्रहण करने की आवश्यकता बताई तथा कहा कि अगर इन गुणों को जीवन में उतार लिया जाये तो पूरे समाज और राष्ट्र को नई दिशा दी जा सकती है। डाॅ. गिरीराज भोजक ने दीवाली पर की जाने वाली लक्ष्मी पूजा और साधना में विधि लक्ष्मियों के बारे में बताया तथा कहा कि उलूक पर सवार लक्ष्मी से प्राप्त धन शुद्ध नहीं होता, लेकिन गजलक्ष्मी पूजन से प्राप्त धन पूरी तरह से सात्विक होता है। उन्होंने दीवाली के अवसर पर गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने की प्रेरणा दी। डाॅ. सरोज राय ने गणेश, लक्ष्मी व सरस्वती इन तीन देवी-देवताओं की पूजा का रहस्य बताया। डाॅ. भाबाग्रही प्रधान व डाॅ. विष्णु कुमार ने दीपावली के व्यावहारिक पक्ष और सैद्धांतिक पक्ष को व्याख्यायित किया और गृह-कलह को मिटाकर सुख-शांति को लाकर घर-घर में उल्लास व खुशी से त्यौंहार मनाये जाने की आवश्सकता बताई। कार्यक्रम में नीतू जोशी, मनीषा शर्मा व बादू ने भी अपने विचार एवं गीत प्रस्तु किये। कार्यक्रम का संचालन एकजा जोशी ने किया।
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