पूर्ण चैतन्य के लिये जरूरी है प्रेक्षाध्यान- मुनि जयकुमार
लाडनूँ, 25 जुलाई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाप्रज्ञ सभागार में मुनिश्री जयकुमार ने कहा कि ध्यान से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक व भावात्मक रूप से स्वस्थ बनता है। इसमें कायोत्सर्ग, श्वास प्रेक्षा, अनुप्रेक्षा आदि विधियां व्यक्ति को पूर्ण चेतन बनाने में महत्वपूर्ण होती हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस विधि से प्रतिदिन नियमित रूप से ध्यान किया जाये, तो जीवन में बदलाव आ सकते हैं। वे संस्थान के स्टाफ को नियमित ध्यान करवा रहे थे। उन्होंने विधिपूर्वक सबको प्रेक्षाध्यान का अभ्यास करवाया। संस्थान में नियमित रूप से चलने वाले ध्यान व प्रार्थना का यह कार्यक्रम कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशानुसार मुनिश्री जयकुमार के सान्निध्य में शुरू किया गया है। वे हर माह 15 दिन स्वयं उपस्थित रह कर संस्थान के शैक्षणिक व शिक्षणेत्तर कार्मिकों को ध्यान करवायेंगे एवं ध्यान का महत्व समझायेंगे। संस्थान स्टाफ ने इसे अभिनव कार्यक्रम बताया है।
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