Friday 30 October 2020

जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में लौहपुरूष के जन्मदिन पर एकता दौड़ व शपथ ग्रहण का आयोजन

 


एकता के सूत्र में बांधने वाले थे सरदार वल्लभ भाई पटेल- प्रो.जैन

लाडनूँ, 31 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में शनिवार को राष्ट्रीय एकता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी एवं शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में एकता दौड़ एवं शपथ ग्रहण का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रो. बीएल जैन ने कहा कि भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत को एकता के सूत्र में बांधने वाले व्यक्तित्व के धनी थे। वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूम्बर 1875 को गुजरात के पेटलाद तालुके के करम चंद गांव में हुआ, पिता झवेर भाई पटेल, माता लाड बाई थी। इनका निधन 15 दिसम्बर 1950 को हुआ। देश की एकता, अखंडता के रूप में आज भी इन्हें लौहपुरुष के रूप में माना जाता है। उनके जन्म दिवस को 2014 से एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वाभिमान, कर्त्तव्य परायण, अध्ययनशील, देश सेवा के भाव, किसान हितैषी, स्वतंत्रता के महान सेनानी, देशी रियासतों का वर्गीकरण करने वाले आदि गुणों से पूरित थे। सम्पूर्ण भारत में एकता स्थापित करने वाले महापुरुष थे। अपने 75 वें जन्मदिवस पर उन्होंने सन्देश दिया था- “उत्पादन बढाओ, खर्च घटाओ और अपव्यय बिल्कुल न करो”। एकता दौड़ कार्यक्रम में डॉ. विष्णु कुमार, डॉ. अमिता जैन, डॉ. सरोज राय, डॉ. प्रगति भटनागर डॉ. गिरिराज भोजक, डॉ. आभा सिंह, डॉ. गिरधारी लाल शर्मा, डॉ. ममता सोनी, प्रमोद ओला, ललित, अभिषेक चारण, डॉ. जे.पी.सिंह, श्वेता खटेड, बलबीर, शेरसिंह, अभिषेक शर्मा, प्रगति चोरडिया, डॉ. रविन्द्र राठौड, डॉ. विकास, दीपाराम खोजा, प्रकाश गिरिया, घासीलाल शर्मा आदि संस्थान के सदस्य उपस्थित रहे।

Thursday 29 October 2020

जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में प्रतिवर्ष किये जाने वाले गरबा नृत्य प्रतियोगिता का वर्चुअल आयोजन

 

गरबा नृत्य की वर्चुअल प्रतियोगिता में स्नेहा व दिव्यता रही प्रथम

लाडनूँ, 30 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के तत्वावधान में प्रतिवर्ष किये जाने वाले गरबा नृत्य प्रतियोगिता का वर्चुअल आयोजन इस साल कोरोना प्रकोप को ध्यान में रखते हुये ऑनलाईन आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा शुक्रवार को यहां प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर स्नेहा पारीक व दिव्यता कोठारी रही। द्वितीय स्थान पर प्रीति फूलफगर और तृतीय स्थान पर निकिता लोढा रही। सांत्वना पुरस्कार के लिये कल्पना सोलंकी व भूमि प्रजापत का चयन किया गया। प्रतियोगिता में अधिकतम 3 मिनट के एकल गरबा नृत्य का वीडियो अपलोड करना था। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में नुपूर जैन, प्रगति चैरड़िया व डॉ. पुष्पा मिश्रा रही। समन्वयक डाॅ. प्रगति भटनागर ने बताया कि विजेताओं को पुरस्कृत करने के अलावा इस गरबा प्रतियोगिता में सहभागी बने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान कियेे।

Monday 26 October 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ कर प्रेरणा से ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ थीम के अन्तर्गत सतर्कता जागरूकता सप्ताह का आयोजन

 


पारदर्शी अधिकारी पर कभी नहीं लग सकता है भ्रष्टाचार का आरोप- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ कर प्रेरणा से ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ थीम के अन्तर्गत सतर्कता जागरूकता सप्ताह का शुभारम्भ मंगलवार को किया गया। उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सतर्कता जरूरी है। इसके लिये समाज में जागरूकता लाने के लिये व्यक्ति को पहले स्वयं को सतर्क बनाना चाहिये। अपने आप को जानकर अपनी कमियों को दूर करके समाज के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिये। उन्होंने कहा कि बिजली-पानी का अपव्यय को बंद करने के लिये बिजली बचाने व पानी बचाने के छोटे-छोटे प्रयास भी सतर्कता के लिये आवश्यक है। इसी प्रकार यातायात के नियमों का पालन भी सतर्कता है। यात्रा के दौरान भी व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिये। इस प्रकार जीवन के हर क्षेत्र में सतर्कता लानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सतर्कता जागरूकता की शपथ ग्रहण की गई है तो लिये गये संकल्प के पीछे आत्मचिंतन होना चाहिये, ताकि उसे जीवन में उतारा जा सके। उन्होंने रिश्वत को लेने व देने दोनों का बहिष्कार करने और जीवन को शुद्ध बनाने का आह्वान किया तथा कहा कि पारदर्शी अधिकारी पर कभी भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लग सकता है। इस अवसर पर समस्त कार्मिकों को सतर्कता जागरूकता की सामूहिक रूप से शपथग्रहण करवाई गई।

प्रामाणिकता से ही समृद्ध भारतका निर्माण संभव

शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि जागरूकता के अभाव में शोषण होता है। व्यक्ति जिस भी क्षेत्र में काम करे, उस क्षेत्र के बारे में हर प्रकार की जानकारी व जागरूकता के साथ उसका अपडेट रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आजकल लोग दायित्व मिलने से पूर्व तो बहुत उत्सुक होते हैं, लेकिन दायित्व प्राप्त हो जाने के बाद वे काम तो करते हैं, लेकिन मजबूरी में करते हैं, मजबूती से नहीं करते। यही बाधा देश को समृद्ध भारत बनने से रोकती है। काम के प्रति प्रामाणिक बनना जरूरी है। प्रामाणिकता से काम करने पर ही समृद्ध भारत बन सकता है। उन्होंने चिंता जताई कि देश में कामचोरों की संख्या बढ रही है। इनसे कभी सामथ्र्य व समृद्धि नहीं आ सकती है। अपने आप में काम करने की ललक पैदा करनी जरूरी हैं हम सबको समर्पण भाव से आनन्द के साथ काम करना चाहिये, तभी उसका सार्थक परिणाम मिलेगा। कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने सतर्कता जागरूकता सप्ताह के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये कहा कि हमें प्रत्येक क्षेत्र में सतर्कता लानी होगी। व्यवस्थाओं के प्रति जागरूक बनना होगा। खुद जागरूक बनेंगे तो औरों को भी जागरूक बना पायेंगे। उन्होंने केन्द्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशों के बारे में भी जानकारी दी। सह संयोजक डाॅ. भाबाग्रही प्रधान ने अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डाॅ. बलवीरसिंह चारण, अभिषेक शर्मा, अभिषेक चारण, डाॅ. प्रगति भटनागर, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. रविन्द्रसिंह राठौड़, डाॅ. पुष्पा शर्मा, श्वेता खटेड़, डाॅ. सत्नयनारायण भारद्वाज, शेर सिंह आदि उपििसत रहे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विकास शर्मा ने किया।

पुलिस प्रशासन में व्याप्त भ्रष्टाचार दूर करना आवश्यक- ताराराम

28 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित किये जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह में द्वितीय दिवस पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। नेशनल वेबिनार के मुख्य अतिथि रायसिंहनगर गंगानगर के डिप्टी एसपी ताराराम ने अपने व्याख्यान में पुलिस प्रशासन के अंतर्गत व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर किया जाने के उपायों तथा अन्य विभागों के साथ पुलिस महकमे से समन्वय स्थापना की जाने के सम्बंध में चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जैविभा विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें सतर्कता की शुरुआत अपने आप से करनी होगी। भारत सतर्क रहेगा, तो निश्चित ही समृद्ध बनेग और सशक्त भी होगा। उन्होंने अपने सम्बोधन में ऐसे कई उदाहरण दिए, जिनके कारण सभी नागरिकों में जागरूकता और सतत सतर्कता बनी रहे। उन्होंने शरीर की सतर्कता, वाणी की सतर्कता तथा अन्य कई प्रकार से सतर्कता के बारे में विस्तार से बताया। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. बिजेंद्र प्रधान ने प्रारम्भ में सतर्कता जागरूकता अभियान एवं वेबिनार के सम्बंध में जानकारी दी और अतिथियों का परिचय प्रस्तुत करते हुये सतर्कता की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अंत में डॉ. भाबाग्राही प्रधान ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य डॉ. विकास शर्मा ने किया।

सतर्कता जागरूकता अभियान के तहत निबंध लेखन प्रतियोगिता आयोजित

29 अक्टूबर 2020।जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में आयोजित किये जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह में तृतीय दिवस पर ‘भारत में सतर्कता के संदर्भ में भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति’ विषय पर निबध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जागरूकता सप्ताह के संयोजक डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम से तृतीय रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले समस्त प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कार्मिकों एवं उनके परिवार जनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का संयोजन डाॅ. अमिता जैन ने किया।

‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ पर नारा लेखन प्रतियोगिता हुई

30 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में आयोजित किये जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह में चैथे दिवस पर ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ विषय पर नारा लेखन प्रतियोगिता का ऑनलाईन आयोजन किया गया। जागरूकता सप्ताह के संयोजक डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम से तृतीय रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले समस्त प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कार्मिकों एवं उनके परिवार जनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का संयोजन डाॅ. अमिता जैन ने किया। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व ‘भारत में सतर्कता के संदर्भ में भ्रष्टाचार विरोधी रणनीति’ विषय पर निबध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया।

‘‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन

31 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ कार्यक्रम के अंतर्गत कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के निर्देशन में आयोजित किये जा रहे सतर्कता जागरूकता सप्ताह में पांचवें दिवस पर ‘सतर्क भारत-समृद्ध भारत’ विषय पर पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का ऑनलाईन आयोजन किया गया। जागरूकता सप्ताह के संयोजक डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रथम से तृतीय रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया जायेगा तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले समस्त प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किये जायेंगे। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शिक्षकों, कार्मिकों एवं उनके परिवार जनों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का संयोजन डाॅ. अमिता जैन ने किया।

सतर्क भारत समृद्ध भारत के साप्ताहिक कार्यक्रम में प्रतियोगिताओं का आयोजन

निबंध में मंडा, स्लोगन में गुर्जर व पोस्टर प्रतियोगिता में स्मृति प्रथम रही

03 नवम्बर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में आयोजित सतर्कता जागरूकता सप्ताह में “सतर्क भारत समृद्ध भारत” के साप्ताहिक कार्यक्रमों में हुई ऑनलाइन प्रतियोगिताओं के परिणामों की घोषणा की गई है। सांस्कृतिक समन्वयक डाॅ. अमिता जैन ने बताया कि इन एक सप्ताह के विविध कार्यक्रमों में निबंध, स्लोगन लेखन एवं पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इनमें से निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बी.एस.सी.-बी.एड पंचम सेमेस्टर की छात्रा भगौती मंडा रही। द्वितीय स्थान पर बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर की सरिता एवं तृतीय स्थान पर बी.एड. तृतीय सेमेस्टर जसोदा सिद्ध रही। स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बी.ए.-बी.एड. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा रेखा गुर्जर, द्वितीय स्थान पर एम.एड.तृतीय सेमेस्टर की सरिता परमार एवं तृतीय स्थान पर बी.एड. चतुर्थ सेमेस्टर की पूजा चारण रही। पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर बी.एस.सी.-बी.एड. तृतीय सेमेस्टर की छात्रा स्मृति कुमारी, द्वितीय स्थान पर बी.एस.सी.-बी.एड.तृतीय सेमेस्टर की ही आयशा खान एवं तृतीय स्थान पर पूजा कंवर रही। प्रतियोगिताओं में कुल 35 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। निर्णायक की भूमिका डॉ. ममता सोनी, अभिषेक चारण एवं श्वेता खटेड ने निभाई।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही आंतरिक व्याख्यानमाला में ‘भारतीय संघवाद के बदलते प्रतिमान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन

 


प्रधानमंत्री के व्यक्त्त्वि से प्रभावित होता है संघवाद- डाॅ. चारण

लाडनूँ, 27 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय द्वारा संचालित की जा रही आंतरिक व्याख्यानमाला में डाॅ. बलवीरसिंह चारण ने ‘भारतीय संघवाद के बदलते प्रतिमान’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस व्याख्यान में डाॅ. चारण ने आजादी के बाद से अलग-अलग समय एवं परिस्थितियों में देश के संघवाद में आये बदलावों को रेखांकित किया तथा उनके प्रभावों को स्पष्ट किया। उन्होंने एकात्मक संघवाद, सहयोगी संघवाद, दृढ एकात्मक संघवाद, सोदेबाजी के संघवाद आदि के बारे में जानकारी देते हुये दलीय स्थिति, प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व, राष्ट्र की परिस्थितियों, अन्तर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों के कारण संघवाद में आने वाले बदलावों के बारे में बताया। डाॅ. चारण ने बताया कि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व से पूरी शासन व्यवस्था में परिवर्तन आया है और उसका क्रम जारी है। उन्होंने केन्द्र की संघीय एवं राज्यीय सताओं के अधिकारों-शक्तियों के वितरण, केन्द्र व राजय सरकारों की व्यावहारिता, केन्द्र व राज्य में एक ही दल की अथवा पृथक-पृथक दलों की सरकारें होने से परस्पर समन्वय की स्थितियों आदि का विस्तार से उल्लेख किया और भारत में संघवाद की सफलता व परिवर्तनों को चिह्नित किया। व्याख्यान के पश्चात प्रश्नोत्तरी में विभिन्न जिज्ञासाओं के जवाब देकर स्पष्ट किया। अंत में अभिषेक शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में श्वेता खटेड़, डाॅ. प्रगति भटनागर, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, विनोद सैनी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सोमवीर सांगवान ने किया।

Thursday 8 October 2020

दो समणियों के कोरोना पोजिटीव आने पर जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में तीन दिनों का अवकाश

 

विश्वविद्यालय में लम्बे समय से चल रहा है ‘‘नो मास्क नो एंट्री’’ का कायदा

लाडनूँ, 09 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) एक ऐसा संस्थान है, जहां राज्य सरकार के जन आन्दोलन ‘‘नो मास्क नो एंट्री’’ की पालना शुरू से ही की जा रही है। हाल ही में जैन विश्व भारती के विस्तृत परिसर में दो समणियों की जांच रिपोर्ट पोजिटीव आने पर कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने बचाव व सावधानी को ध्यान में रखते हुये संस्थान में तीन दिनों का अवकाश की तत्काल ही करवा दी गई। हालांकि समणियों के निवास से संस्थान परिसर बहुत दूरी पर है और यह दूरी निर्धारित मापदंड से अधिक होने के बावजूद सर्तकता बरतने के लिये अवकाश रखा गया है। यही नहीं जब से देश में लाॅकडाउन किया गया है, तब से यहां उसकी पालना पूरी तरह से की जा रही है। लाॅकडाउन के समय समस्त कार्मिकों को घर बैठे पूरा वेतन भुगतान किया गया। इस विश्वविद्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति के लिये थम्ब इम्प्रेशन मशीन को कोरोना से बचाव के दृष्टिगत हटा दिया गया और फेस स्केनर मशीन लगाकर हाजिरी ली जाती है। सभी कर्मचारियों को कपड़े के मास्क भी उपलब्ध करवाये गये हैं। समस्त फर्नीचर एवं जहां-जहां हाथ छुये जाते हैं, उन सबको प्रतिदिन पूर्ण सेनिटाईज किया जाता है। प्रवेश द्वार पर ही हाथ धोने के लिये साबुन-पानी और हाथों को सेनिटाईज करने के लिये पैडल चालित सेनिटाईजर मशीन लगाई गई है। परिसर में किसी भी व्यक्ति को मार्च के बाद से ही बिना मास्क लगाये और बिना सेनिटाईज किये प्रवेश नहीं करवाया जाता है।

Wednesday 7 October 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की कुलाधिपति के देश की सबसे अमीर महिलाओं के शुमार होने पर हर्ष


 लाडनूँ, 8 अक्टूबर 2020। फोब्र्स इंडिया द्वारा करवाये गये सर्वेक्षण में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की कुलाधिपति सावित्री जिन्दल भारत की सबसे अमीर महिलाओं में शुमार हुई है। व्यावसायिक क्षेत्र में कामयाबी हासिल करने वाली देश की प्रमुख महिला सावित्री जिंदल ‘‘जिंदल ग्रुप’’ की कंपनियों की मालकिन हैं। जिंदल ग्रुप स्टील, पॉवर, सीमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम कर रहा है। वे दिवंगत उद्यमी ओम प्रकाश जिंदल की पत्नी है, जिनका देहांत 2005 में हेलिकाॅप्टर दुर्घटना में हो गया था। जाने-माने उद्योगपति सज्जन और नवीन जिंदल सावित्री जिन्दल के बेटे हैं। 70 साल की सावित्री जिंदल ने राजनीति में भी हाथ आजमाया और वे हरियाणा सरकार में विधायक और मंत्री रह चुकी हैं। हाल ही में फोब्र्स ने दुनियाभर के 1,810 अरबपतियों की जो लिस्ट जारी की थी, उसमें पांच भारतीय अरबपति महिलाएं भी शामिल हैं। इस सूची में सावित्री जिंदल का नाम सबसे ऊपर है। सावित्री जिंदल 6.6 बिलियन डॉलर की संपत्ति की मालकिन हैं। इनका जन्म 20 मार्च, 1950 को हरियाणा के तिनसुकिया हिसार में हुआ था। जिंदल ग्रुप की नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन सावित्री जिंदल 2005 में हेलिकॉप्टर दुर्घटना में पति की मौत के बाद से ग्रुप प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। ओपी जिंदल हिसार से विधायक भी रहे हैं। 2005 में उनकी मृत्यु के बाद सावित्री जिंदल ने हिसार की राजनीति में कदम रखा और विधायक बनी। फोब्र्स की सूची में देश की अमीर महिलाओं के शुमार होने पर यहां जैन विश्व भारती संस्थान में हर्ष जताया गया।

Sunday 4 October 2020

जैन विश्व भारती संस्थान में ऑनलाइन आयोजित की गई राष्ट्रीय स्तरीय निबंध, स्लोगन और पोस्टर-पेंटिंग प्रतियोगिता के परिणाम घोषित

 

निबंध में अतुल, पोस्टर में चेष्टा व स्लोगन प्रतियोगिता में चेतना प्रथम रही

लाडनूँ, 05 अक्टूबर 2020। जैन विश्व भारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में ऑनलाइन आयोजित की गई राष्ट्रीय स्तरीय निबंध, स्लोगन और पोस्टर-पेंटिंग प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किये गये हैं। प्रतियोगिता की आयोजक सांस्कृतिक प्रभारी डॉ. अमिता जैन ने बताया कि “कौशल विकास में महात्मा गांधी की भूमिका” विषय पर आयोजित की गई निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति आंध्रप्रदेश के अतुल राय रहे। द्वितीय स्थान पर जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूं की बीएड छात्रा दीपिका रही एवं तृतीय स्थान पर एचआर गजवानी कॉलेज ऑफ एजुकेशन गांधीधाम गुजरात की राबरी जस्सुबेन बंकाबाई प्राप्त किया। पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता का विषय “महात्मा गांधी की जीवनी से सम्बंधित” था, जिसमें प्रथम स्थान पर जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूँ की बीएससी-बीएड की छात्रा चेष्टा व्यास रही। द्वितीय स्थान पर दो प्रतिभागी रहे, जिनमें जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूँ की एमएड छात्रा पूजा व्यास, बीएड छात्रा सरीता स्वामी रही तथा तृतीय स्थान पर दो प्रतिभागी एसएस जैन सुबोध कॉलेज जयपुर की शिवानी जैन एवं जैन विश्व भारती संस्थान लाडनूँ की बीएससी छात्रा भावना चैधरी रही। “महात्मा गांधी के सिंद्धांतों पर आधारित” स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर जैन विश्वभारती संस्थान की बीएससी-बीएड छात्रा चेतना मीना, द्वितीय स्थान पर जैन विश्व भारती संस्थान की तृतीय स्थान पर दो प्रतिभागी तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय मुरादाबाद उत्तर प्रदेश की अदिला आसिफ एवं जैन विश्व भारती संस्थान की मनीषा टाक ने प्राप्त किये। डाॅ. अमिता जैन ने बताया कि महात्मा गांधी की 150 वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के विद्यार्थियों के लिए आयोजित इन प्रतियोगिताओं में देश के विभिन्न राज्यों से 118 प्रतिभागी विद्यार्थियों ने भाग लिया। निबंध प्रतियोगिता में 41, पोस्टरपेंटिंग प्रतियोगिता में 40 एवं स्लोगन प्रतियोगिता में 38 प्रतिभागियों ने भाग लेकर अपनी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में एसएस जैन सुबोध कॉलेज जयपुर की सहायक आचार्य डॉ. लेखा जैन, निबंध प्रतियोगिता में केशव विद्यापीठ जामडोली (सीटीई) जयपुर के श्री अग्रसेन शिक्षा महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रीटा शर्मा, एवं स्लोगन प्रतियोगिता में श्री सबल महिला टी.टी.कॉलेज बोरुन्दा जोधपुर की प्राचार्य डॉ. संतोष शर्मा ने निर्णायक की भूमिका निभाई।

Friday 2 October 2020

जैन विश्वभारती संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में गांधी जयंती के उपलक्ष में महात्मा गांधी की विचारधारा से संबंधित एकल गायन प्रतियोगिता का आयोजन

 

एकल गायन प्रतियोगिता में स्नेहा प्रथम व कुसुम द्वितीय रही

लाडनूँ,3 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को गांधी जयंती के उपलक्ष में महात्मा गांधी की विचारधारा से संबंधित एकल गायन प्रतियोगिता कार्यक्रम का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के संरक्षण में आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य वक्ता दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि गांधी दर्शन केवल एक दर्शन ही नहीं है, बल्कि उच्च एवं श्रेष्ठ जीवन जीने का माध्यम भी है। व्यक्ति को केवल तन की ही नहीं बल्कि मन की पवित्रता भी रखनी चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी की अहिंसा की अवधारणा का विभिन्न पहलुओं के माध्यम से विश्लेषण किया और अहिंसा के अलग.अलग स्वरूपों पर चर्चा की। एकल गायन प्रतियोगिता में स्वयंसेविकाओं ने बढ़.चढ़ कर हिस्सा लिया। प्रतियोगिता के परिणाम में स्नेहा पारीक प्रथम रही। कुसुम नाई द्वितीय तथा भावना भाटी और रितिका दाधीच तृतीय स्थान पर रही। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में समाज कार्य विभाग की सहायक आचार्या डा. पुष्पा मिश्रा तथा आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की सहायक आचार्या श्वेता खटेड़ थी। कार्यक्रम की शुरूआत में एनएसएस की प्रथम इकाई के प्रभारी डॉ. बलबीर सिंह ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। अंत में इकाई प्रथम की प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया किया। प्रतियोगिता के इस कार्यक्रम में संस्थान के विभिन्न संकाय सदस्यों सहित स्वयंसेवक एवं स्वयंसेविकाएं भी ऑनलाइन जुड़े रहे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस आयोजित

 

वृद्धों को महामारी से बचने के लिये जागरूकता अभियान चलायें. रीचा चैधरी

लाडनूँ,3 अक्टूबर 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में अन्तर्राष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ की प्रेरणा से आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के अम्बेडकर काॅलेज की सह आचार्य रीचा चैधरी ने कहा कि वर्तमान कोविड.19 के संकट के समय में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति हमारी जिम्मेदारी अधिक बढ गई है। विशेष रूप से जो एकल व्यक्ति हैं, उनके प्रति अधिक ध्यान दिये जाने की जरूरत है, उन्हें सेवा की अधिक आवश्यकता है। वरिष्ठ नागरिकों के लिये अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति बढाने के उपाय ऐसे समय में करने की जरूरत है। यह भी आवश्यक है कि वरिष्ठ नागरिकों के लिये हम मनोवैज्ञानिक सहयोग करें। हमें उनके अनुभवों का सम्मान करना चाहिये। जो सामाजिक संगठन इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं, उन्हें महामारी से बचाने के लिये जागरूकता अभियान चलाना चाहिये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के प्रो. आरके यादव ने कहा कि हमारे पारम्परिक मूल्यों में वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान की बात कही गई है। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों के शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य दोनों पर ध्यान देने की जरूरत बताई और वैश्विक एवं स्थानीय मूल्यों के बारे में बताते हुये कहा कि वैश्विक स्तर पर सोच कर स्थानीय स्तर पर कार्य करना चाहिये। कार्यक्रम के प्रारमभ में समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द प्रधान ने अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन किया। अंत में डाॅ. विकास शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग मोहन सियोल ने किया।

Thursday 1 October 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा कुलपति प्रो. बीआर दूगड़ की प्रेरणा से ‘‘वर्तमान संकट में गांधीवादी दृष्टिकोण’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

 

वैश्विक संकट में महात्मा गांधी के विचार समाधान के लिये महत्वपूर्ण. प्रो. शर्मा

लाडनूँ, 2 अक्टूबर 2020। महात्मागांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष पर जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा कुलपति प्रो. बीआर दूगड़ की प्रेरणा से ‘‘वर्तमान संकट में गांधीवादी दृष्टिकोण’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस ऑनलाइन कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ के गांधी अध्ययन केन्द्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो. एमएल शर्मा ने महात्मा गांधी के विचारों एवं सिद्धांतों की वर्तमान युग में आवश्यकता पर बल देते हुये वर्तमान समस्याओं को दूर करने के उपाय गांधीवाद में बताये। उन्होंने भूख, बेरोजगारी, महामारी आदि संकटों पर अपने विचार रखे तथा सत्य, अहिंसा, साध्य.साधन, स्वदेशी तथा गांधी की न्याय प्रणाली के बारे में बताया। जय नारायन व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर के राजनीति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. बी. एम. चितलांगिया ने गांधी के विचारों को अपनाने पर जोर दिया तथा आधुनिक वैश्विक संकट में महात्मा गांधी के आर्थिक, सामाजिक, सत्याग्रह, अहिंसा व वर्तमान में मीडिया की भूमिका पर अपने विचार रखे।

गांधी तकनीक से राजनीतिक संघर्ष का निवारण

कोटा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश दाधीच ने कहा कि विषय में गांधी की प्रासंगिकता को रखना ही अपने आप में महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में सही रास्ता गांधी के बताये मार्ग पर चलना ही है। आज भी राजनैतिक संघर्ष का निवारण गांधी तकनीक से ही संभव हो सकता है। उनका मानना था और वह आज भी सही हे कि अन्याय के विरूद्ध अहिंसात्मक तरीके से ही सत्याग्रह करना चाहिए। साथ ही गांधी के एकादश व्रतों का पालन भी मनुष्य को करना चाहिए। आज की आर्थिक व राजनैतिक परिस्थितियों से निकलने के उपाय भी गांधी ने बताये, चाहे वह प्राकृतिक संसाधनों का मितव्यतापूर्वक उपयोग करना हो या आत्मनिर्भर बनना होए इसके लिए ही गांधी ने अपने विचार रखे थे। केन्द्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के कुलपति प्रो. केसी अग्निहोत्री ने राममनोहर लोहिया को गांधी के विचारों व सिद्धान्तों को बढ़ाने वाला बताया। उनका मानना था कि चाहे स्वच्छता की बात हो या फिर देशप्रेम की, उन्होंने अपने विचारों का देश से जोड़ते हुए बताया। इस का उदाहरण उन्होंने रामराज्य को बताया। उनको भारतीय सभ्यता व संस्कृति की बहुत चिन्ता थी। उन्होंने कहा कि अहिंसा कभी कायरता के कारण नही हो सकती और सत्य की साधना बहुत कठिन है।

हर क्षेत्र में उपयोगी हैं गांधी के सिद्धांत

जैन विश्वभारती संस्थान के दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्दप्रकाश त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में कहा कि गांधी आज समय की मांग है, चाहे आर्थिक स्तर पर हो या फिर धर्म और राजनीति में। आज वर्तमान में गांधी के सिद्धान्तों की बहुत उपयोगिता है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में अहिंसा व शंाति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर ने विषय प्रवर्तन करते हुये गांधी के सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला। शुरूआत में डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने अतिथियों का स्वागत एवं परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अन्त में अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर ने सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम की संयोजन समिति में प्रो. अनिल धर, प्रो. समणी सत्यप्रज्ञा, समणी डाॅ. रोहिणी प्रज्ञा व डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ शामिल थे।