Monday 25 March 2019

शैक्षणिक भ्रमण दल ने माउंट आबू व सिरोही में देखे विभिन्न मंदिर व दर्शनीय स्थल


लाडनूँ, 25 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की छात्राओं का एक दल दो दिवसीय शैक्षणिक भौगोलिक भ्रमण से लौटा। दल की छात्राओं ने यहां सबके साथ अपने अनुभव साझा किये तथा कहा कि इस भ्रमण से उन्हें बहुत सारी नई जानकारियां मिली एवं उन्हें राजस्थान की धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत से रूबरू होने का अवसर मिला। 47 छात्राओं का यह भ्रमण दल यहां से माउंट आबू गया, जहां उन्होंने गुरू शिखर, नक्की झील, सनसेट पाइंट, अर्बुदा देवी मंदिर, देलवाड़ा जैन मंदिर, देरानी-जेठानी का झरोखा आदि का अवलोकन किया और उन सबके बारे में ऐतिहासिक व सांस्कृतिक जानकारी प्राप्त की। माउंट आबू से यह दल रवाना होकर अगले दिन सिरोही गये, जहां पावापुरी जैन तीर्थस्थल का भ्रमण किया और वहां से दल पाली के चोटिला में ओम बन्ना के मंदिर पहुंचे और वहां से जोधपुर व नागौर होते हुये वापस लाडनूँ पहुंचे। इस 47 छात्राओं के भ्रमण दल के साथ सहायक आचार्य योगेश टाक, डाॅ. प्रगति भटनागर, डाॅ. बलवीर सिंह व डाॅ. विनोद कस्वा भी रहे।

Saturday 23 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

अहिंसा व शांति प्रधान रही है भारतीय संस्कृति- प्रो. धर

लाडनूँ, 23 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के तत्वावधान में यहां एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में शोध निदेशक प्रो. अनिल धर ने भारतीय संस्कृति अहिंसा एवं शांति की संस्कृति रही है, इसमें नैतिक मूल्यों और मानवाधिकारों पर सर्वाधिक ध्यान दिया गया है। उन्होंने अहिंसा को जीवन के विकास का मुख्य सूत्र बताया तथा कहा कि विश्व में बढते हिंसक वातावरण में अहिंसा का प्रशिक्षण आवश्यक बन गया है। जैविभा विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों के लिये संस्कार निर्माण के साथ उन्हें अहिंसक व मानसिक रूप से परिपक्व बनाने के लिये आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाने की व्यवस्था की गई है। अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच ने अहिंसा के महत्व को बताते हुये विश्वशांति में अहिंसा के योगदान को चित्रित किया तथा अहिंसा प्रशिक्षण की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि समूचे विश्व में यह एकमात्र विश्वविद्यालय है, जहां अहिंसा का शिक्षण व प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि आज मिसाईल का जमाना है, लेकिन जब अहिंसा का मंत्र मिसाईल रूपी शस्त्र बनकर सामने आता है तो समस्त दुश्मनों पर आसानी से विजय पाई जा सकती है और विनाश से बचा जा सकता है।

यौगिक क्रियाओं का करवाया अभ्यास

योग विशेषज्ञ डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत ने योग के महत्व को समझाते हुये विभिन्न यौगिक क्रियाओं से रोगमुक्ति एवं स्वस्थ जीवन के उपाय बताये तथा शिविरार्थियों को उनका अभ्यास करवाया। उन्होंने दैनिक जीवन में योग के नियमित अभ्यास को आवश्यक बताया। अंत में डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने आभार ज्ञापित किया। शिविर में मौलाना आजाद उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं लाडमनोहर बाल निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय के 11वीं व 12वीं कक्षाओं के 130 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में इमरान खां, जितेन्द्र भोजक, अंजना भोजक आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विकास शर्मा ने किया।

जैन विश्वभारती संस्थान के अन्तर्गत आचार्य कालू कन्या महावि़द्यालय में शहीद भगत सिंह की पुण्य तिथि पर कार्यक्रम आयोजित

भगत सिंह ने अपने बलिदान से पूरे देश को जगा दिया था- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 23 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अन्तर्गत आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में शहीदे-आजम भगत सिंह के बलिदान दिवस मनाया जाकर उनके प्रति श्रद्धासुमन अर्पित किये गये। कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने भगत सिंह के जीवन के विभिन्न उद्धरणों को प्रस्तुत करते हुये कहा कि उन्होंने अपना बलिदान देकर पूरे भारत को जगा दिया था। हमें उनके बलिदान दिवस पर राष्ट्र के विकास और राष्ट्रभक्ति को अपना मुख्य ध्येय बनाने का संकल्प लेना चाहिये। अभिषेक चारण ने शहीद भगतसिंह को देश का महान सपूत बताते हुये उनके जीवन पर प्रकाश डाला। जगदीश यायावर ने आजादी की लड़ाई की दो धाराओं अहिंसा और हिंसक तरीकों से मुकाबले पर प्रकाश डाला और कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में दोनों का सामंजस्य आवश्यक था, लेकिन इस सम्बंध में हमसे कई भूलें हुई। उन्होंने आगामी लोकतंत्र पर्व पर मतदान अवश्य करने की अपील की। कार्यक्रम में आरती सिंघानिया ने भगत सिंह के जीवन और उनके आदर्शों पर प्रकाश डाला। अर्चना शर्मा ने इस अवसर पर देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सोनिका जैन, कमल मोदी, बलवीर चारण, अपूर्वा घोड़ावत आदि उपस्थित थे।

Monday 18 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का 29वां स्थापना दिवस समारोह का आयोजन

समस्याओं के समाधान को नये ढंग से सोचने वाला ही सफल- प्रो. दाधीच

लाडनूँ, 18 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के 29वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि वर्द्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी कोटा के पूर्व कुलपति एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के विचार विभाग के प्रदेशाध्यक्ष प्रो. नरेश दाधीच ने किसी व्यक्ति के समाज में सफल होने के लिये केवल कागजी शिक्षा ही आवश्यक नहीं है, बल्कि जीवन के हर अनुभव से ग्रहण की जाने वाली शिक्षा महत्वपूर्ण होती है। समस्या के समाधान को नये तरीके से करने वाला व्यक्ति ही आगे बढ सकता है। किताबें पढने व नैतिकता सीखने के साथ अपने मस्तिष्क को समस्याओं का मुकाबला नये ढंग से करने में लगाने का प्रयास व्यक्ति को सफल बनाता है। महान व्यक्ति का जन्म अलग से नहीं होता, बल्कि उनका समस्याओं के प्रति अलग दृष्टिकोण होता है, जिससे उनकी महान बनने की संभावनायें बनती है। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी द्वारा प्रणीत यह विश्वविद्यालय जैन विद्या के अलावा आधुनिक शिक्षा के साथ नैतिकता का पाठ युवाओं को पढा रहा है। इस दृष्टि से यह अद्वितीय यह संस्थान है। वर्तमान में दुनिया में नैतिकता का अभाव हो रहा है, इसमें यह संस्थान यह सिद्ध कर रहा है कि नेतिकता आज भी प्रासंगिक है।

नेचुरोपैथी एवं योगा थैरेपी काॅलेज की स्थापना होगी

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने समारोह की अध्यक्षता करते हुये अपने सम्बोधन में कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान इस विश्वविद्यालय में आचार्य महाप्रज्ञ काॅलेज एंड हाॅस्पिटल आफ नेचुरोपैथी एंड योगा थैरेपी की स्थापना होने जा रही है। इसके अलावा वर्ष भी आचार्य महाप्रज्ञ जयंती शताब्दी वर्ष के अवसर पर देश-विदेश में व्याख्यानों का आयोजन एवं पुस्तकों का प्रकाशन किया जायेगा। हमने लक्ष्य रखा है कि अपने शिक्षकों की क्षमताओं को और अधिक बढाने और नई ऊर्जा को उजागर करने का कार्य करेंगे। विद्यार्थी सुविधाओं का विस्तार किया जायेगा। विश्वविद्यालय में प्लसेमेंट अधिकारी की नियुक्ति की जायेगी, ताकि युवाओं को रोजगार की सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्होंने विश्वविद्यालय की इंटरनेशनल नेटवर्किंग एवं एल्युमिनी एसोसियेशन को सुसंगठित करके पूर्व छात्रों का संस्थान के विकास में उपयोग लिया जाने का प्रयास किया जायेगा। प्रो. दूगड़ ने पर्यावरण संरक्षण को बढावा देने के लिये घोषणा की कि विश्वविद्यालय में समस्त कार्यालयीन कार्य को यथासंभव पेपरलेस किया जायेगा। संस्थान को उच्च मानकों तक ले जाने के लिये सारा स्टाफ सक्रिय हैं। उन्होंने सबसे आग्रह किया कि अपने क्षेत्र में नवाचार करें और नये-नये प्रयेाग करें। नई सोच चाहे छोटी ही क्यों न हो, वह बड़े परिणाम दे सकती है।

Sunday 17 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अन्तर्गत होली पर्व के अवसर पर नृत्य एवं गीतों की प्रस्तुति के साथ होली पर फुहार कार्यक्रम का आयोजन

उमंग, उत्साह व नवीन ऊर्जा का संचार करने वाला पर्व है होली- प्रो. जैन

लाडनूँ, 17 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग के अन्तर्गत होली पर्व के अवसर पर कार्यक्रम फुहार का आयोजन स्नेह मिलन के रूप में किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने कहा कि होली हमारे जीवन में उमंग, उत्साह एवं नवीन ऊर्जा का संचार करने वाला पर्व है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति के विविध त्यौंहार आपसी सौहार्द्र, साम्प्रदायिक सद्भाव एवं विविधता में एकता को बढावा देते हैं। होली का त्यौंहार हमारे जीवन में रंगों की विविधता एवं सम्मिश्रण व परस्पर समायोजन की प्रेरणा देता है। संयोजक डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा ने कार्यक्रम के उद्देश्य पर बोलते हुये कहा कि हमें त्यौंहार को सुरक्षित व गरिमामय ढंग से मनाना चाहिये। कार्यक्रम में बीएड तथा बीए-बीएड व बीएससी-बीएड में अध्ययनरत छात्राध्यापिकाओं के गठित विभिन्न सदनों ने सामुहिक गायन व सामुहिक नृत्य की प्रस्तुतियां दी। इनमें गांधी सदन ने ‘‘ होलिया में उड़े रै गुलाल...’’ की प्रस्तुति दी। आचार्य महाप्रज्ञ सदन ने ‘‘ रंग बरसे भीगे चुनर वाली.....’’, आचार्य महाश्रमण सदन ने ‘‘पीली लूगड़ी रा झाला....’’, जे. कृष्णमूर्ति सदन ने पंजाबी गीत ‘‘रंग दा कमाल....’’ शारदा सदन ने ‘‘ काल्यो कूद पड़्यो मेला में....’’ आदि गीतों के साथ रंगारंग नृत्यों की प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम में संकाय सदस्य डाॅ. गिरीराज भोजक ने राजस्थानी चंग गीत एवं डाॅ. गिरधारी लाल शर्मा ने रंग बरसे गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में डाॅ. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. विष्णु कुमार, डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. आभासिंह, देवीलाल कुमावत, मुकुल सारस्वत, मोतीलाल प्रजापत आदि संकाय सदस्य एवं छात्राध्यापिकायें उपस्थित रही।

Friday 15 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में भारत में कराधान विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन


लाडनूँ, 15 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में ‘‘भारत में कराधान’’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में मुख्य वक्ता विषय-विशेषज्ञ नीतेश माथुर सीए ने देश में प्रचलित कर प्रणाली के बारे में जानकारी देते हुये देश में लागू की गई एक कर प्रणाली जीएसटी के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर में अंतर बताते हुये माल व सेवा कर के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला व भ्रंतियों का निवारण किया। अध्यक्षता करते हुये प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में आम आदमी के जीवन में करों के महत्व के बारे में बताया और आयकर फाईल में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की। सहायक आचार्य कमल कुमार मोदी ने कार्यशाला की आवश्यकता को प्रतिपादित करते हुये करारोपण की आवश्यकता और आम आदमी की भूमिका के बारे में बताया। मुख्य वक्ता नीतेश माथुर ने इस अवसर पर छात्राओं की कर समबंधी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया। अंत में अपूर्वा घोड़ावत ने आभार ज्ञापित किया। कार्यशाला के द्वितीय सत्र में पत्र वाचन किया गया, जिसमें अवंतिका, रश्मि बोकड़िया, संध्या वर्मा, महिमा प्रजापत व दिशा बैंगानी ने पत्र वाचन किया। सत्र की अध्यक्षता कमल मोदी व सह अध्यक्षता सोनिका जैन ने की। कार्यशाला के समापन सत्र में 7-7 छात्राओं के पांच समूह बनाये जाकर ‘‘भारत में कराधान’’ विषय पर समूह-परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिनमें मूल्यांकन कार्य कमल मोदी, सोनिका जैन व अपूर्वा घोड़ावत ने किया।

Saturday 9 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में पर्यावरण सुरक्षा पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

अर्थशास्त्र को सर्वहितकारी बनाने की आवश्यकता- प्रो. गोयल

लाडनूँ, 9 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में ‘‘पर्यावरण सुरक्षा एवं समाज कार्य अभ्यास’’ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ शनिवार को यहां सेमिनार हाॅल में किया गया। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि जगन्नाथ विश्वविद्यालय जयपुर के कुलपति प्रो. मदन मोहन गोयल ने कहा कि कहा कि अर्थशास्त्र को स्वार्थ की भूमिका से निकाल कर सर्वहितकारी बनाने की आवश्यकता है। जब ‘‘मैं’’ से निकाल कर ‘‘आप’’ की अवधारणा अर्थशास्त्र में आयेगी तो अनेक समस्याओं का समाधान स्व्तः ही हसो जायेगा। यह सब नैतिक अर्थशास्त्र को बढावा देने से होगा। स्वार्थ और लालच के कारण भी पर्यावरण को खतरा एवं अन्य समस्यायें पैदा होती है। इन पर संयम कायम करने पर इन सबसे से छुटकारा पाया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक की भूमिका को पर्यावरण से जोड़ दिया जावे तो बहुत काम हो सकता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि दिल्ली स्कूल आफ सोशियल वर्क के सेवानिवृत प्राचार्य प्रो. आर.आर. सिंह ने पर्यावरण को आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों से जोड़ते हुये संस्थान के तीन आयामों दवा, दुआ और हवा की शुद्धि की आवश्यकता बताई। उन्होंने अरावली समस्या और राज्यों के मध्य जल विवाद पर भी सबका ध्यान आकृष्ट किया।

परस्परता से संभव है पर्यावरण संरक्षण

कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अपने सम्बोधन में कहा कि परस्पर निर्भरता से समस्याओं से निपटा जा सकता है। पर्यावरण की रक्षा के लिये परस्परता आवश्यक तत्व है। उन्होंने संतोष और इच्छा-विहीनता के साथ वस्तुओं की मितव्ययिता व उन्हें व्यर्थ बर्बाद नहीं करने की प्रवृति के विकास की आवश्यकता भी बताई। प्रो. दूगड़ ने वसुधैव कुटुम्बकम और पर्यावरण संरक्षण के साथ सामाजिक वकालत पर भी प्रकाश डाला। मुख्य वक्ता टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशियल साईंस मुम्बई के निदेशक प्रो. एएन सिंह ने पर्यावरण के विभिन्न आयामों, सरकारी नीतियों और वैधानिक प्रावधानों के बारे में विस्तार से बताया। प्रारम्भ में संगोष्ठी के निदेशक डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने संगोष्ठी की पृष्ठभूमि और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारम्भ छात्राओं के मंगलगान से की गई। अंत में अंकित शर्मा ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर के प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।

भ्रूण हत्या के प्रति समाज में घृणा व उपेक्षा का माहौल बनना जरूरी- स्वामी राघवाचार्य

10 मार्च 2019। रैवासा धाम के पीठाधीश्वर स्वामी राघवाचार्य महाराज ने कहा है कि पर्यावरण के संकट की विभीषिका से मुक्ति के लिये समाज को जागरूक होना पड़ेगा। मनुष्य के मन और बुद्धि में व्याप्त प्रदूषण के कारण पर्यावरण पर संकट पैदा होता है। हम जितने जागरूक होंगे उतनी ही प्रकृति, पर्यावरण और मानव मात्र की सेवा कर पायेंगे। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में आयोजित पर्यावरण सुरक्षा एवं समाज कार्य अभ्यास विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे।

भ्रूण हत्या के पाप का कोई प्रायश्चित नहीं

स्वामी राघवाचार्य ने इस अवसर पर जहां प्रकृति से खिलवाड़ को गलत बताया, वहीं कन्या भू्रण हत्या को महापाप बताते हुये कहा कि महाभारत में भी आया है कि भ्रूणहत्या करने वाले का सूतक कभी खत्म नहीं होता। इस पाप का कोई प्रायश्चित भी नहीं होता है। राघवाचार्य ने बताया कि अगर उन्हें यह पता लग जाता है कि किसी घर में भ्रूणहत्या हुई है तो वे उस घर में नहीं जाते और कुछ भी खाना-पीना नहीं करते। उन्होंने कहा कि जब तक ऐसे लोगों के प्रति समाज में घृणा और उपेक्षा का माहौल बनना आवश्यक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके स्वच्छता अभियान की प्रशंसा करते हुये कहा कि सारी समस्यायें पर्यावरण के प्रकोप की है और प्रत्येक व्यक्ति अपने दायित्व को निर्वहन करें और प्रकृति के नजदीक रहें तो स्थिति सुधर सकती है। प्रत्यूेक व्यक्ति जागरूक हो और अपने मन-बुद्धि का प्रदूषण दूर करें तो पर्यावरण शुद्ध हो जायेगा।

सामाजिक पर्यावरण में भी सुधार जरूरी

राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि श्रम निदेशालय के सचिव व श्रम आयुक्त डाॅ. नवीन जैन आईएएस ने अपने सम्बोधन में कहा कि समाज से लिगभेद का मिटना आवश्यक है। बेटी बचाओ बेटी पढाओ का समर्थन करते हुये उन्होंने कहा कि पर्यावरण के विभिन्न पहलुओं में सामाजिक पर्यावरण की तरफ भी ध्यान देना आवश्यक है। प्रदेश में संतान के जन्म से पूर्व परिवार की सोच पुत्र-जन्म की ही रहती है, चाहे कोई इसे छिपाये या खुलकर कहे। ज्यादातर लोग इस बात को लेकर ढकोसला ही करते हैं और बेटियों के गुणगान का दिखावा करते हैं। प्रायः परिवारों में दो बेटियों के बाद तीसरा बेटा मिलेगा और कहा जाता है कि दोनों लिंग की संतान का पालन-पोषण करना चाहते थे। लेकिन दो बेटों के बाद तीसरी बेटी का जन्म प्रायः नहीं होता, क्योंकि कोई बेटी का जन्म चाहता ही नहीं है। यहां दोनों लिंग की संतान के पालन की बात गायब हो जाती है। इसी से लिंगानुपात बढता है।

बदलाव की शुरूआत स्वयं से करें

डाॅ. नवीन जैन ने कहा कि ढकोसला नहीं वास्तविकता पर विचार होना चाहिये। अक्सर देखा गया है कि लोग बदलाव नहीं चाहते और इसके लिये कोई चीज शुरू करने से पहले ही उसके अपवादों को प्रस्तुत करना शुरू कर देते हैं। बदलाव की शुरूआत खुद से ही करनी होगी और इसके लिये अपना नजरिया बदलना होगा। उन्होंने देश की प्रगति के लिये उच्च शिक्षा की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता बताई और कहा कि देश के लोग प्रोडक्टिव बनने आवश्यक है। देश के बौद्धिक व सामाजिक पर्यावरण पर ध्यान देने की जरूरत है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि प्रो. केके सिंह, डाॅ. अनूप भारती व कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने भी विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का प्रारम्भ गौरव दीक्षित के कविता पाठ से किया गया। अंकित शर्मा ने दो दिवसीय संगोष्ठी की रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि संगोष्ठी में 6 सत्र आयोजित किये गये, जिनमें 38 पत्रवाचन किये गये। प्रारम्भ में छात्राओं ने स्वागत गीत एवं समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डा. बिजेन्द्र प्रधान ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में प्रो. आरआर सिंह, प्रो. एएन सिंह, आरके जैन, डाॅ. वीणा द्विवेदी, डाॅ. मनीषा जैन, डाॅ. इंदुरानी सिंह, डाॅ. वीपी सिंह, डाॅ. लालाराम जाट, डाॅ. अमित सिंह राठौड़, डाॅ. ऋचा चैधरी, डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच, डाॅ. युवराज सिंह खांगारोत, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, डाॅ. विकास शर्मा आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने किया।

आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित


लाडनूँ, 9 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में शनिवार को विद्यार्थियों के समग्र विकास की दृष्टि से अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित की गई। बैठक में अभिभावकों ने जहां महाविद्यालय एवं छात्राओं के विकास के समबंध में अनेक सुझाव देने के अलावा ग्रीष्मकालीन अवकाश के समय महाविद्यालय में कम्पनी सेक्रेट्री सीएस की कोचिंग कक्षायें शुरू करवाने का सुझाव भी रखा, जिस पर प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने विचार का आश्वासन दिया। प्राचार्य प्रो. त्रिपाठी ने कहा कि यह शिक्षक-छात्र एवं अभिभावक बैठक एक ऐसा त्रिवेणी संगम है, जिसके द्वारा छात्र का सर्वांगीण विकास संभव होता है। उन्होंने महाविद्यालय में संचालित ज्ञान केन्द्र एवं केरियर सम्बंधी व्याख्यान एवं अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि यहां समस्त प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं सम्बंधी नवीनतम जानकारी की पुस्तकें व साहित्य की उपलब्धताके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में छात्राओं के बहुमुखी विकास का पूरा ध्यान रखा जाता है। छात्रा मेहनाज बानो ने महाविद्यालय में छात्राओं द्वारा संचालित क्लबों की गतिविधियों एवं महाविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया। बैठक के प्रारम्भ में डा. प्रगति भटनागर ने स्वागत वक्तव्य प्रस्तुत किया। स्वागत गीत कंचन एवं समूह ने प्रस्तुत किया। अंत में सोनिका जैन ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चारण ने किया। बैठक में अभिभावकों के अलावा सभी शिक्षक भी उपस्थित रहे।

Friday 8 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एनएसएस द्वारा कार्यक्रम का आयोजित

आत्मरक्षा का नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करें महिलायें- चौधरी

लाडनूँ, 8 मार्च 2019। उपखंड अधिकारी मुकेश चौधरी ने कहा है कि महिलाओं-लड़कियों के साथ बढती छेड़छाड़ की घटनाओं से निपटने के लिये आवश्यक है कि महिलायें आत्मरक्षा का नियमित प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे उनमें आत्मविश्वास बढेगा और वे स्वयं मुकाबला करने में सक्षम बनेगी। उन्होंने यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की एनएसएस की दोनों ईकाइयों के एक दिवसीय संयुक्त शिविर का शुभारम्भ करते हुये एवं अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुये आगे कहा कि भारतीय समाज में महिलाओं को पूजा योग्य एवं देवी के समान माना गया है, लेकिन आज स्थितियां अलग है। वास्तविकता बदल चुकी है। इसलिये अब महिलाओं को खुद को साबित करने की जरूरत है। महिलाओं के लिये अपने परिवार, केरियर, मनोरंजन, बदलती परिस्थितियों आदि सब में सांमजस्य बनाकर चलना होता है। इसलिये हर परिस्थिति के लिये महिलाओं को मानसिक रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं को अपने केरियर के सम्बंध में भी मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने कहा कि सभी छात्रायें अभी से अपने केरियर के लिये लक्ष्य तय करके आगे बढें। केरियर हमेशा अपनी रूचि के अनुसार चुनना चाहिये, ताकि आसानी से बिना तनाव के उस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। एसडीएम ने कहा कि परम्परागत क्षेत्र को ही चुनना हमेशा आवश्यक नहीं होता है। रूचि से काम करने पर वह अच्छा कर पाते हैं।

नारी पूर्णता की द्योतक है

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जीवन में तीन आवश्यकतायें होती हैं- ज्ञान, समृद्धि और शक्ति। हर व्यक्ति को इनकी चाह रहती है। इन तीनों क्षेत्रों में अधिष्ठात्री के रूप में महिलाओं का ही आधिपत्य है। ज्ञान के लिये देवी सरस्वती, समृद्धि व ऐश्वर्य के लिये देवी लक्ष्मी और शक्ति के लिये दुर्गा की उपासना करनी होती है। इनमें से कोई भी पुरूष नहीं है, पूर्णता के लिये हमेशा नारी ही है, पुरूष पूर्ण नहीं हो सकता। नारी की शक्ति व क्षमता का लोहा पुरूष को मानना ही पड़ेगा। आज भी देखें तो किसी भी मुकाम पर नारी पुरूष से पीछे नहीं हैं। उन्होंने मात्र एक दिन महिला दिवस मनाने के बजाये हर दिन महिला दिवस मनाने की सलाह दी। एनएसएस की सेवा भावना का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि सेवा से अपनत्व बढता है और परस्परता बढती है। जहां बेगानापन होता है, वहां सेवा की भावना नहीं हो सकती। उन्होंने भेदभाव से उपर उठ कर सम्पूर्ण वुसधा को कुटुम्ब मानकर सेवा करने की आवश्यकता बताई।

महिला सशक्तिकरण आवश्यक

कार्यक्रम के प्रारम्भ में एनएसएस की समन्वयक डाॅ. प्रगति भटनागर ने राष्ट्रीय सेवा योजना के उद्देश्यों एवं कार्यक्रमों तथा एक दिवसीय शिविर व उसमें आयोजित किये जाने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाता। स्वयंसेविकाओं रूबीना व करिश्मा ने महिला दिवस के बारे में बताते हुये महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता बताई। प्रभारी समन्वयक डाॅ. जुगलकिशोर दाधीच ने कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम में बलवीर सिंह चारण, सोमवीर सांगवान, अभिषेक चारण, सोनिका जैन, रघुवीर सिंह आदि उपस्थित थे।

जैन विश्वभारती संस्थान के तत्वावधान में तहसील के विभिन्न गांवों में पहुंच कर ग्रामीण सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन

उन्नत भारत अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों का सर्वे

लाडनूँ, 8 मार्च 2019। मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के अधीन ‘‘उन्नत भारत अभियान’’ के तहत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के तत्वावधान में तहसील के विभिन्न गांवों में पहुंच कर ग्रामीण सर्वेक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस सर्वेक्षण में शिक्षा विभाग के सहायक आचार्य प्रो. डाॅ. भाबाग्रही प्रधान व डाॅ. आभासिंह के निर्देशन में बी.एड. में अध्ययनरत छात्राध्यापिकाओं ने तहसील के ग्राम दुजार, बालसमंद, गुणपालिया, बाकलिया व जोरावरपुरा में ग्रामवासियों से गांवों में संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं उनके प्रभाव व लाभ, ग्रामीण विकास की स्थिति, क्षेत्र में रह रहे परिवारों की प्राथमिक जरूरतों, उनकी रोजगार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की स्थिति के बारे में पूरी जानकारी एकत्र की गई।

Wednesday 6 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अल्पकालिक टैली व इंगलिश स्पोकन कोर्सेज का शुभारम्भ


लाडनूँ 6 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अन्तर्गत कौशल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित अल्पकालीन व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के तहत कम्प्यूटर एकाउंटिंग टैली एवं अंग्रेजी स्पोकन कोर्स की कक्षाओं का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर शैक्षणिक अधिकारी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि इन दोनों प्रशिक्षण कार्यक्रमों से उन सभी लोगों को लाभ पहुंच पायेगा, जो पढाई कर रहे हैं अथवा कोई नौकरी या व्यवसाय कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इंगलिश वर्तमान में प्रत्येक गतिवधि का माध्यम बन चुकी है और इंगलिश स्पोकन से ही व्यक्ति स्मार्ट बनकर उभरता है। इसी प्रकार पुराना खाते-बहियों का स्थान पर अब कम्प्यूटर ने ले लिया है और सभी व्यापारी अपना हिसाब-किताब कम्प्यूटर में रखते हैं और मेंटेन करते हैं। शर्मा ने बताया कि युग के साथ चलने पर ही सफलता मिल पाती है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय निरन्तर इस प्रकार के अल्पकालीन कोर्स संचालित करता रहेगा ताकि उसका लाभ अधिकतम लोग उठा सकें। उन्होंने बताया कि सभी सफल प्रशिक्षणार्थियों को विश्वविद्यालय के प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर सोमवीर सांगवान, सोनिका जैन, राजेन्द्र बागड़ी, पंकज भटनागर, महेन्द्र सेठी आदि उपस्थित थे।

Tuesday 5 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

अहिंसा प्रशिक्षण सद्नागरिका का निर्माण करने में सहायक है- प्रो. धर

लाडनूँ 5 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग के अन्तर्गत मंगलवार को एक दिवसीय अहिंसा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में सुजानगढ के मदर्स इन्टरनेशनल स्कूल के लगभग 60 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शोध निदेशक प्रो. अनिल धर ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में ही अहिंसा का प्रशिक्षण उसे भविष्य का सद्नागरिक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम होता है। यहां दिये जाने वाले प्रशिक्षण में नैतिक मूल्य, भारतीय संस्कृति, अहिंसा और शांति जैसे विचार मानवाधिकार आदि विद्यार्थियों को बताए जाते हैं तथा उनमें अहिंसक प्रवृति के विकास के लिये अनेक प्रायोगिक अभ्यास करवाये जाते हैं, जो उनके जीवन के लिये लाभदायक सिद्ध होते हैं। शिविर में विभागाध्यक्ष डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने कहा कि विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए समय-समय पर जैन विश्वभारती संस्थान ऐसे शिविरों का आयोजन करता है। मदर्स इन्टरनेशनल स्कूल के अध्यापक गजेन्द्र सिंह ने अपने विद्यालय का परिचय देते हुए कहा कि जैन विश्वभारती संस्थान के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा आयोजित शिविर में भाग लेने पर अपने आपको गोरवान्वित महसूस किया। उन्होंने कहा कि इतने अल्प समय में छोटे से निवेदन पर इतनी अच्छी व्यवस्था करना अपने आप में अहम है। उन्होंने अहिंसा प्रशिक्षण को हर युवा के लिये आवश्यक बताया। कार्यक्रम के प्रारंभ में डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ ने शिविर का परिचय दिया तथा संस्थान के अन्र्तगत संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में शिविरार्थियों को अहिंसा प्रशिक्षण के अभ्यास के विभिन्न आवश्यक प्रयोग डाॅ. विकास शर्मा ने करवाये तथा उन्होंने कार्यक्रम का संचालन भी किया।

Friday 1 March 2019

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिये व्याख्यान का आयोजन

भारतीय राज-व्यवस्था के विविध पहलुओं पर डाला प्रकाश

लाडनूँ, 1 मार्च 2019। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में छात्राओं के हितार्थ संचालित रोजगार परामर्श केन्द्र में छात्राओं के लिए प्रतियोगिता परीक्षाओं से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध करवाने हेतु भारतीय राज-व्यवस्था विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। प्राचार्य आनन्द प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस व्याख्यानमाला में राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने छात्राओं को भारतीय राज-व्यवस्था से सम्बन्धित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर परीक्षाओं की तैयारी के तरीकों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने भारतीय संविधान निर्माण से पूर्व राज-व्यवस्था की संक्षिप्त जानकारी दी तथा वर्तमान राज-व्यवस्था के पहलुओं को विस्तार से व्याख्यायित किया। अन्त में रोजगार परामर्श केन्द्र प्रभारी अभिषेक चारण ने आभार ज्ञापित किया तथा समय-समय पर प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु इस प्रकार के व्याख्यान आयोजित करने के लिए आश्वस्त किया गया।