Friday 31 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अखिल भारतीय अंतर्महाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में अखिल भारतीय अंतर्महाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

देश को गुमराह नहीं करने वाली राजनीति से ही देश का विकास संभव- प्रो. जैन

लाडनूँ, 31 जनवरी 2020। अखिल भारतीय अंतर्महाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन शुक्रवार को यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) स्थित महाप्रज्ञ-महाश्रमण ऑडिटोरियम में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के तत्वावधान में किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित इस प्रतियोगिता के शुभारम्भ कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगरपालिका की अध्यक्ष संगीता पारीक थी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी जगदीश प्रसाद पारीक व शिक्षा विभाग के अध्यक्ष प्रो. बीएल जैन थे। प्रतियोगिता में कुल 31 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और ‘सदन की राय में क्षेत्रीय दलों का बढता वर्चस्व देश के संघीय ढांचे के लिये हानिकारक है’ विषय के पक्ष व विपक्ष में अपने विचार व्यक्त किये। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय की स्नेहा पारीक रही। द्वितीय स्थान पर आदर्श बीएड काॅलेज श्रीडूंगरगढ के जितेन्द्र राजपुरोहित, तृतीय गाॅवर्नमेंट लाॅ काॅलेज बीकानेर की विद्या भाटी रही और सांत्वना पुरस्कार राजकीय विधि महाविद्यालय चूरू की प्रमिला प्रजापत और महारानी सुदर्शना काॅलेज बीकानेर की खुशबू भाटी ने प्राप्त किया।

लोगों को बांटने वाली राजनीति अनुचित

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रो. जैन ने कहा कि वक्तृत्व कला के लिये सबसे ज्यादा जरूरी आत्मविश्वास होता है और उसके बाद वाणी की ओजस्विता और नेतृत्व शैली का महत्व होता है। उन्होंने जातिवाद, धर्म, क्षेत्र, भाषा आदि के माध्यम से राजनीति करने और लोगों को बांटने के काम को संविधान की आत्मा के विरूद्ध बताया और कहा कि राजनीति में आत्मवंचना सबसे खराब होती है। अगर राजनीति से गुमराह करने वाली बात हट जाये तो राजनीति देश का विकास करने वाली साबित होगी। पालिकाध्यक्ष संगीता पारीक ने कहा कि वाद-विवाद प्रतियोगिता से जहां विद्यार्थियों में भाषण देने की क्षमता का विकास होता है, वहीं उन्हें तर्क द्वारा अपनी बात सिद्ध करने की कला भी सीखने को मिलती है। कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने प्रतियोगिता की विशेषताओं के बारे में बताया और आचार्य कालू कन महाविद्यालय में संचालित किये जा रहे विभिन्न प्रकल्पों व क्लबों के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि यहां विवेकानन्द क्लब, महाप्रज्ञ क्लब, सोनल मानसिंह क्लब, रानी लक्ष्मीबाई क्लब आदि के माध्यम से छात्रायें विविध गतिविधियों में भाग लेकर अपनी रूचि के अनुरूप अपना विकास कर पाती है। उन्होंने छात्राओं के कॅरियर के समबंध में स्थापित ज्ञानकेन्द्र के बारे में भी बताया। इस अवसर पर प्रो. रेखा तिवाड़ी, डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, सोमवीर सांगवान, डाॅ. विनोद सिहाग, शेर सिंह, मांगीलाल, दक्षता कोठारी, हसीना बानो आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक चारण ने किया।

आचार्य महाप्रज्ञ की पुस्तक प्रेक्षाध्यानः लेश्याध्यान की समीक्षा प्रस्तुत

आचार्य महाप्रज्ञ की पुस्तक प्रेक्षाध्यानः लेश्याध्यान की समीक्षा प्रस्तुत

व्यक्तित्व का रूपांतरण करने में सक्षम होती हैं लेश्यायें

लाडनूँ, 31 जनवरी 2020। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत संचालित विविध गतिविधियों में पुस्तक समीक्षा कार्यक्रम में शुक्रवार को जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने आचार्य महाप्रज्ञ कृत पुस्तक ‘‘प्रेक्षा ध्यान: लेश्याध्यान’’ की समीक्षा प्रस्तुत करते हुये कहा कि महाप्रज्ञ इस पुस्तक में कहते हैं कि व्यक्ति में अच्छी व बुरी प्रवृतियों का कारण उसकी लेश्यायें होती हैं। लेश्या के चेतना स्तर पर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का रूपांतरण कर सकता है। मनुष्य में वृतियों, भाव या आदतों को उत्पन्न करने वाला सशक्त तंत्र लेश्यातंत्र है। इनमें रंगों के व्यक्तित्व पर प्रभाव को चित्रित किया गया है और बताया गया है कि रंगों का साम्राज्य अखंड है और इनका प्रभाव हमारे कर्म-शरीर पर भी पड़ता है। महाप्रज्ञ ने वर्णित किया है कि बुरी आदतों को उत्पन्न करने वाली तीन लेश्यायें होती हैं- कृष्ण लेश्या, नील लेश्या और कापोत लेश्या। इन तीन लेश्याओं से क्रूरता, हत्या, कपट, असत्य, प्रवंचन, धोखाधड़ी, विषय-लोलुपता, प्रमाद, आलस्य आदि बुराइयां पैदा होती हैं। इन लेश्याओं के संवादी स्थान अधिवृक्क ग्रंथियां और जनन ग्रंथियां होती हैं। ये अप्रशस्त लेश्यायें हैं। प्रशस्त लेश्यायें भी तीन हैं। इनमें तेजो लेश्या का वर्ण लाल, पद्म लेश्या का वर्ण पीला और शुक्ल लेश्या का वर्ण सफेद होता है। ये तीनों अच्छी आदतें उत्पन्न करती हैं। जब इन लेश्याओं के स्पंदन जागते हैं तब व्यक्ति के भाव निर्मल हो जाते हैं। अभय, मैत्री, शांति, क्षमा आदि पवित्र भावों का निर्माण होता है। लेश्याओं के कारण जब व्यक्ति की अच्छी प्रवृति होती है तो अच्छा चिंतन, अच्छा भाव और अच्छा कार्य होता है, जबकि बुरी प्रवृति के समय व्यक्ति बुरा चिंतन, बुरा भाव और बुरा कार्य करने लगता है। प्रो. जैन ने बताया कि इस पुस्तक में महाप्रज्ञ ने पांच अध्यायों में अपनी बात को प्रकट किया है, जिनमें प्रथम अध्याय में लेश्या ध्यान-आध्यात्मिक आधार, द्वितीय अध्याय में लेश्या विज्ञान- वैज्ञानिक आधार, तृतीय में लेश्या ध्यान- ध्यान क्यों, चतुर्थ अध्याय में लेश्या ध्यान विधि तथा पंचम अध्याय में लेश्या ध्यान निष्पति का वर्णन किया गया है।

Wednesday 29 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार

गांधीवाद के प्रखर प्रचारक सर्वोदय विचारक डाॅ. रामजी सिंह को राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री

लाडनूँ, 29 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. रामजी सिंह को समाजसेवा के लिये गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर यहां हर्ष जताया गया और उनकी स्वस्थता पूर्वक दीर्घायु के लिये कामनायें व्यक्त की गई। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचारों को देश-विदेश में फैलानेवाले सर्वोदय विचारक 94 वर्षीय डाॅ. रामजी सिंह वर्ष 1992 से 94 तक जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति रहे थे। उन्होंने 1993 में शिकागों में आयोजित हुए विश्व धर्म संसद में जैनिज्म पर भारत का प्रतिनिधित्व किया था। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने बताया कि प्रो. रामजी सिंह सादगी की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने अथक प्रयास करके संपूर्ण भारत में गांधी विचार की पढ़ाई शुरू कराई। वे बिहार के भागलपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद रहे हैं। देश के पहले गांधी विचार विभाग की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभानेवाले और विभाग के संस्थापक अध्यक्ष डाॅ. रामजी सिंह रहे हैं। मूल रूप से बिहार के भागलपुर के रहने वाले प्रो. रामजी सिंह के प्रयासों से देश के पहले गांधी विचार विभाग का उद्घाटन दो अक्टूबर 1980 को भागलपुर विश्वविद्यालय में किया गया था। तब यह देश का इकलौता विभाग था, जहां गांधी विचार की पढ़ाई शुरू हुई थी। इन्होने इसके लिये अपनी महत्वपूर्ण व दुर्लभ कही जानेवाली 5 हजार पुस्तकें दान कर दी थी। आज 25 विश्वविद्यालयों में गांधी विचार विभाग की पढ़ाई हो रही है। पद्मश्री का पुरस्कार के बारे में उनका कहना था कि यह पुरस्कार उन्हें नहीं बल्कि समाज के लिए काम करने वाले लोगों को समर्पित है।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में वसंत पंचमी पर कार्यक्रम का आयोजन

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में  वसंत पंचमी पर कार्यक्रम का आयोजन

ऋतुओं के परिवर्तनों को मनाया जाता है त्यौंहार के रूप में- प्रो. जैन

लाडनूँ, 29 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने वसंत पंचमी के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये कहा कि हमारे देश में ऋतुओं के परिवर्तनों को त्यौंहार के रूप में मनाने की परम्परा रही है। वसंत ऋतु के आगमन के प्रतीक के रूप में प्रकृति के नवीन स्वरूप में आने की खुशी के रूप में हर वर्ष वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है और इस अवसर पर सरस्वती मां की आराधना की जाती है। सरस्वती उपासकों शिक्षक, विद्यार्थी, लेखक और अन्य विद्वानों को इस पर्व पर अपने कार्यों, आदर्शों व व्यवहार में संस्कारों को प्रधानता देने का संकल्प लेना चाहिये। संस्कृति के निर्माण के लिये प्रेरणा एवं आधुनिक काल की विसंगतियों से बचाव करने की भूमिका निभाने को पर्व का मूल समझना चाहिये। डाॅ. गिरीराज भोजक ने वसंत पंचमी पर्व को जीवन में उल्लास भरने वाला और सृजन का संचार करने वाला पर्व बताया और कहा कि सदैव ज्ञानार्जन के प्रति उत्सुक रहना चाहिये और अपने गुरूजनों व माता-पिता के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिये। कार्यक्रम में छात्राध्यापिकाओं ने वसंत पंचमी पर्व की वैज्ञानिकता और उसके पौराणिक महत्व के बारे में बताया। कार्यक्रम में डाॅ. मनीष भटनागर, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा, रवि कुमार, स्वाति एवं समस्त एमएड, बीएड, बीए-बीएड, बीएससी’-बीएड में अध्ययनरत छात्राध्यापिकायें उपस्थित रही।

Monday 27 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा कौशल विकास के तहत टैली व इंग्लिश स्पोकन के अल्पकालीन व्यावसायिक कोर्स प्रारम्भ

लाडनूँ, 27 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) द्वारा कौशल विकास के अन्तर्गत अल्पकालीन व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में कम्प्यूटर पर टैली ऑन एकाउंटिंग के कोर्स एवं इंग्लिश स्पोकन कोर्स का शुभारम्भ सोमवार को किया गया। पाठ्यक्रमों के शुभारम्भ पर आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. रेखा तिवाड़ी ने कहा कि आधुनिक कम्प्यूटर युग में अंग्रेजी की आवश्यकता बहुत अधिक हो गई है। अंग्रेजी विश्व भाषा के रूप में प्रतिष्ठित है और इसे वैश्विक सम्पर्क भाषा माना जाता है, इसलिये आज के भूमंडलीकरण के समय में अंग्रेजी का बोलना और प्रभावी वार्तालाप जरूरी हो गया है। उन्होंने बहीखातों को कम्प्यूटर पर रखने और ओनलाईन हिसाब किताब रखने के लिय टैली सीखने की जरूरत बताई। शैक्षणिक अधिकारी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि यह संस्थान कैरियर निर्माण की दिशा में बहुत कार्य कर रहा है। कौशल विकास कार्यक्रम भी उसी दिशा में कदम है। उन्होंने टैली व अंग्रेजी स्पोकन कोर्स के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि इनमें सफल रहने वाले सभी विद्यार्थियों को संस्थान का प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस अवसर पर प्रो. रेखा तिवाड़ी व विजयकुमार शर्मा के अलावा अभिषेक शर्मा, रणजीत मंडल आदि उपस्थित थे।

Sunday 26 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समारोह पूर्वक मनाया गणतंत्र दिवस

अधिकारों के साथ कर्तव्यों को महत्व देना आवश्यक- प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 26 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने झंडारोहण किया तथा एनएसीसी छात्राओं द्वारा प्रसतुत परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने शहीदों को याद किया तथा कहा कि शहीदों की भावना देश के संविधान को लोकतांत्रिक व लोकहितकारी स्वरूप प्रदान किया गया। उन्होंने संविधान प्रदत्त कर्तव्यों के बारे में जानकारी दी और कहा कि हमें केवल अधिकारों की बात नहीं  करनी चाहिये बल्कि अपने दायित्वों को भी समझाना चाहिये। संस्थान के कुलसचिव रमेश कुमार मेहता, प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. आशुतोष प्रधान, प्रो. अनिल धर आदि ने भी कार्यक्रम को समबोधित किया और विद्यार्थियों को राष्ट्रसेवा के लिये प्रेरित किया व गणतंत्र की रक्षा के लिये सजग रहने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम में छात्राओं ने भी सम्बोधित किया एवं कवितायें प्रस्तुत की। इस अवसर पर प्रो. बीएल जैन, आरके जैन, प्रो. रेखा तिवाड़ी, डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. विनोद सियाग, डाॅ. पुष्पा मिश्रा आदि उपस्थित थी।

Friday 24 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर पोस्टर पेंटिंग प्रतियेागिता आयोजित

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बालिकाओं ने उकेरे रंग

लाडनूँ, 24 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर छात्राओं में सृजनात्मकता के विकास के लिये पोस्टर पेंटिंग प्रतियेागिता आयोजित की गई। पंच महाव्रत पर आधारित इस पोस्टर पेंटिंग प्रतियोगिता में 13 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर चांदनी सैनी रही।, द्वितीय महिमा प्रजापत और तृतीय स्थान पर मोनालिका रही। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. विष्णु कुमार व प्रगति चैरड़िया शामिल थे।

Wednesday 22 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में ‘‘महिला सशक्तिकरण में संविधान की अहम भूमिका’’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन

जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग में ‘‘महिला सशक्तिकरण में संविधान की अहम भूमिका’’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन

संविधान महिलाओं के सशक्तिकरण के अधिकार प्रदत्त करता है- प्रो. जैन

लाडनूँ, 22 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के शिक्षा विभाग में ‘‘महिला सशक्तिकरण में संविधान की अहम भूमिका’’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने अपने सम्बोधन में बताया कि हमारे संविधान में लैंगिक भेदभाव को समाप्त करते हुये नारी जागरण एवं सशक्तिकरण के प्रयास को प्रारम्भ किया गया। संविधान द्वारा एक तरफमहिला व पुरूष को एक समान अधिकार प्राप्त हुये, वहीं दूसरी तरफ महिलाओं को कुछ विशेषाधिकार भी प्रदान किये गये। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 15(3), 16, 21, 39(क), 51(अ), 32 व 226, 42, 44, 325 आदि का हवाला देते हुये उनमें महिलाओं के वर्णिय अधिकारों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं को संविधान में कानूनी रूप से समानता और संरक्षण, महिलाओं व बच्चों के लिये विशेष कानून बनाने की शक्ति, राज्य, धर्म, वंश, लिंग आदि का भेदभाव किसी भी स्तरपर नहीं किये जाने एवं समानता बरते जाने के अधिकार आदि महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करते हैं। इस कार्यक्रम में बीएड, बीए-बीएड, बीएससी-बीएड की 160 छात्राओं ने भाग लिया।

जैन विश्वभारती संस्थान के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्रा ने पाया अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में दूसरा स्थान fo

जैन विश्वभारती संस्थान के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्रा ने पाया अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में दूसरा स्थान

छात्रा करूणा ने पाया अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में दूसरा स्थान

लाडनूँ, 22 जनवरी 2020। अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्रा ने द्वितीय स्थान प्राप्त करके योग की परचम फहराया। योग एवं जीवन विज्ञान विभाग की छात्रा करूणा जांगिड़ ने इंदौर में परमानन्द योग विश्वविद्यालय एवं इंटरनेशनल एसोसियेशन आफ योग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 8वीं अन्तर्राष्ट्रीय योग प्रतियेागिता में हिस्सा लिया था। डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत ने बताया कि इस प्रतियोगिता में 40 देशों के 450 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। इन सबमें छात्रा करूणा ने सामान्य श्रेणी में द्वितीय स्थान प्राप्त किया। करूणा जांगिड़ की इस सफलता के लिये कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उसे बधाई दी और निरन्तर सफलता की कामना की।

Monday 20 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में नेशनल केडेट कोर का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में नेशनल केडेट कोर का पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित

एनसीसी से युवाओं में स्मार्टनेस, निष्ठा व व्यवहार में सुधार आता है- कर्नल चतुर्वेदी

लाडनूँ, 20 जनवरी 2020। एनसीसी के 3 राज गल्र्स बटालियन के कर्नल अभिषेक चतुर्वेदी ने कहा है कि एनसीसी देश के युवाओं को देश के जज्बे के सम्पर्क में रखने वाला ऐसा प्लेटफार्म है, जिसमें युवाओं का व्यवहार, स्मार्टनेस, समयबद्धता, निष्ठा सभी में सुधार आता है। वे यहां जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाश्रमण ऑडिटोरियम में आयोजित नेशनल केडेट कोर से पुरस्कार व पदक वितरण एवं सांस्कृतिक समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित कर रहे थे। कर्नल चतुर्वेदी ने कहा कि हम बरसों से सुनते आ रहे हैं कि भारत एक विकासशील देश है, लेकिन आखिर यह विकसित देश कब बनेगा, यह सवाल सबको कौंधता है। विकसित देशों और भारत में स्वच्छता, अनुशासन आदि का फर्क ही नहीं है, बल्कि सबसे महत्वपूर्ण फर्क यह है कि यहां के नागरिक अपने काम को शत-प्रतिशत पूरा नहीं करते हैं, जबकि वहां पर लोग अपना काम पूर्ण निष्ठा से सम्पन्न करते हैं। अगर हम सभी अपने-अपने काम को पूरा करने लगें तो हमारा देश विकसित बनते देर नहीं लगेगी। हमें स्वच्छता के साथ नैतिक मूल्यों की ओर भी ध्यान देना होगा। कोई भी काम हो, चाहे वह छोटा भी हो, लेकिन उसे अच्छी तरह से पूरा किया जावे तो वह भी देश के लिये लाभदायक सिद्ध होता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन व विमल विद्या विहार की प्राचार्या विनीता धर थी। कार्यक्रम में एनसीसी में गोल्ड मैडल व अन्य पुरस्कार विजेता केडेट छात्राओं को कर्नल एवं अन्य अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान करके सम्मानित किया। इस अवसर पर एनसीसी की छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कर्नल अभिषेक चतुर्वेदी के विश्वविद्यालय में आगमन पर शुरू में कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ द्वारा उनका सम्मान किया गया। कार्यक्रम में एएनओ आयुषी शर्मा, विनीता पाठक, एसएम गिरधारीलाल, खेल प्रशिक्षक अजयपाल सिंह, प्रगति जैन, शेर सिंह, अभिषेक शर्मा, डाॅ. अमिता जैन, डाॅ. प्रगति भटनागर, डाॅ. बलबीर सिंह चारण, अभिषेक चारण आदि उपस्थित रहे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का आयोजन
लाडनूँ, 20 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के महाश्रमण ऑडिटोरियम में सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा की अध्यक्षता में किया गया। शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन भी कार्यक्रम के मंचासीन अतिथि रहे। सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के प्रथम दिवस रंगोली प्रतियोगिता एवं एकल लोकनृत्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। रंगोली प्रतियोगिता के लिये छात्राओं के 39 समूह बनाये गये, जिन्होंने परिसर में ही विभिन्न आकर्षक रंग उकेरते हुये मनभावन रंगोलियां सजाई। रंगोलियों में विजेताओं के चयन के लिये डाॅ. सुनिता इंदौरिया व डाॅ. ममता सोनी ने निर्णायक की भूमिका निभाई और सभी रंगोलियों का अवलोकन किया। इसके अलावा एकल लोकनृत्य प्रतियोगिता में 52 प्रतिभागियों ने राजस्थानी लोकगीतों पर एक से बढ कर ऐ लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां दी। इनके निर्णायकों के रूप में डाॅ. तृप्ति त्रिपाठी और अंजलि माथुर उपस्थित रही। प्रतियोगिताओं का शुभारम्भ सरस्वती के पूजन के साथ किया गया। प्रारम्भ में सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डाॅ. विनोद कस्वा ने किया।

लोकनृत्य प्रतियोगिता में छात्राओें ने मचाई धूम, राजस्थानी संस्कृति को किया साकार

22 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में चल रही चार दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियेागिताओं में छात्राओं ने एकल गायन एवं सामुहिक लोकनृत्य प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत विभिन्न आकर्षक नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों का मन मोहा। सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने बताया कि सामुहिक लोकनृत्य में कुल 21 समूहों ने भाग लिया, जिनमें आरती तिवारी एवं समूह, आमना एवं समूह, निकिता शर्मा एवं समूह, कुसुम नाई एवं समूह, विनोद बिजारणियां एवं समूह, प्रीति फूलफगर समूह, रूबिना समूह, साक्षी गुर्जर समूह, गुनगुन समूह, पूजा समूह, महिमा प्रजापत समूह, आंकाक्षा समूह, मोनिका समूह, पिंकी राठौड़ समूह, राधिका समूह, सोनिया समूह, ममता पंवार समूह, पूजा शर्मा समूह, सपना समूह, पूजा पंवर एवं समूह तथा वृंदा समूह ने लोकगीतों पर आधारित नृत्यों की प्रस्तुतियां देकर खूब तालियां बटोरी। इस प्रतियेागिता के निर्णायकों में डाॅ. मधु जैन, डाॅ. तृप्ति त्रिपाइी व गीता पूनिया थी। एकल गायन प्रतियोगिता में 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया; इनमें मुमुक्षु प्रेक्षा, नीतु जोशी, दुर्गा कुमारी, भावना भाटी, मुमुक्षु मीनल, मुमुक्षु सजना, मनीषा मेहरा, मुमुक्षु अंकिता, स्नेहा पारीक, हिमांशी, कुसुम नाई, अर्चना शर्मा, मुमुक्षु रोशनी, सोनम कंवर, सिमरन, आयशा सिंह, सविता कंवर, हिमांशी, ललिता काला व रीतिका ने गायन प्रस्तुत किये। इस प्रतियेागिता में निर्णायकों में डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा व डाॅ. गिरीराज भोजक शामिल थे। सांस्कृतिक प्रतियोगिता के तहत विश्वविद्यालय के स्टाफ के लिये भी गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें 13 जनों ने हिस्सा लिया; जिनमें अभिषेक चारण, प्रगति चैरड़िया, डाॅ. गिरधारी लाल, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, डाॅ. गिरीराज भोजक, पंकज भटनागर, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. सरोज राय, डाॅ. रणजीत मंडल, विजय कुमार शर्मा, श्वेता खटेड़ आदि शामिल थे। निर्णायकों के तौर पर प्रो. अनिल धर व प्रो. बीएल जैन थे। कार्यक्रम के अंत में डाॅ. विनोद सियाग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डाॅ. अमिता जैन ने किया।

विद्यार्थियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास जरूरी- प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 23 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में चल रही चार दिवसीय सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं के समापन सत्र में सम्बोधित करते हुये कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने कहा कि शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियां मिलकर ही विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करने में सक्षम होती हैं। यहां छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास की ओर पूरा ध्यान दिया जाता है और उनके लिये उनकी रूचि के अनुरूप विभिन्न क्लबों का गठन किया जाकर उनकी प्रतिभा को निखारने का काम किया जाता है, जिसके लिये समस्त सुविधायें और आवश्यक बजट भी उपलब्ध करवाया जाता है। प्रतिभाओं को निखारने का मौका हाथ से नहीं जाने देना चाहिये और इन्हें राष्ट्रीय व अन्र्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी प्रदर्शन का अवसर दिया जाना चाहिये। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का विकास विद्यार्थियों में होना आवश्यक है। इस अवसर पर स्नेहा पारीक, महिमा प्रजापत तथा प्रतिष्ठा एवं समूह ने मनमोहक नृत्यों की प्रस्तुति देकर अपनी कला का प्रदर्शन किया। सांस्कृतिक समिति की सचिव डाॅ. अमिता जैन ने चार दिनों में सम्पन्न की गई प्रतियोगिताओं के विजेताओं की घोषणा की। उन्होंने बताया कि रंगोली प्रतियोगिता में भावना चैधरी समूह प्रथम रहा। ममता भाटी समूह द्वितीय और मनीषा टाक समूह तृतीय स्थान पर रहा। एकल नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्नेहा पारीक, द्वितीय महिमा प्रजापत व तृतीय आकांक्षा डूकिया रही। सामुहिक लोकनृत्य में प्रथम स्थान पर सपना एवं समूह, द्वितीय महिमा प्रजापत एवं समूह तथा तृतीय स्थान पर पूजा पंवार एवं समूह और वृंदाएवं समूह रहे। एकल लोकगायन प्रतियोगिता में अर्चना शर्मा प्रथम, हिमांशी द्वितीय और मुमुक्षु संजना एवं मनीषा गोदारा तृतीय रही। मेहंदी प्रतियोगिता में कविता हुड्डा प्रथम, तरन्नुम बानो द्वितीय और रचना सोनी, अनिशा बानो, मनीषा टाक व खुशबू बानो तृतीय स्थान पर रहीं। सामुहिक भजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रूबिना बानो एवं समूह, द्वितीय प्रतिष्ठा कोठारी एवं समूह तथा तृतीय स्थान पर दुर्गा एवं समूह रहे। स्टाफ कार्मिकों की एकल गायन प्रतियोगिता में प्रथम डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, द्वितीय डाॅ. गिरधारीलाल शर्मा एवं तृतीय स्थान पर डाॅ. गिरीराज भोजक रहे। कार्यक्रम में प्रो. रेखा तिवाड़ी, प्रो. बीएल जैन, डाॅ. मनीष भटनागर, अभिषेक शर्मा, पंकज भटनागर, प्रगति चैरड़िया आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मानषी व योगिता ने किया।

Saturday 18 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में फिट इंडिया अभियान के तहत एनएसएस की छात्राओं ने भ्रमण द्वारा दिया संदेश

जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में फिट इंडिया अभियान के तहत एनएसएस की छात्राओं ने भ्रमण द्वारा दिया संदेश

पल्स पोलियो प्रशिक्षण और नाकारा सामान के फिर से उपयोग क विधियां बताई

लाडनूँ, 18 जनवरी 2020। भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में शनिवार को फिट इंडिया अभियान के अन्तर्गत लम्बी दूरी की चहल-कदमी का कार्यक्रम एवं खो-खो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। शहरी पीएचसी के प्रभारी डा. बीआर सारण ने इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) की स्वयंसेविकाओं को सदैव स्वस्थ रहने और टहलने, दौड़ लगाने, व्यायाम करने, खेलकूद में रूचिपूर्वक हिस्सा लेने, योगासनों एवं यौगिक क्रियाओं का अभ्यास करने आदि की जानकारी देते हुये उन्हें जीवन में नियमित रूप से अपनाने की आवश्यकता बताई। स्वयंसेवी छात्राओं ने इस अवसर पर रैली के रूप में किये गये इस भ्रमण कार्यक्रम के दौरान ‘‘फिट इंडिया- हिट इंडिया’’ के नारे भी लगाये। तेज गति से किये गये इस भ्रमण में छात्राओं ने काफी हल्का महसूस किया। इस कार्यक्रम में छात्राओं के साथ ईकाई प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर व डाॅ. बलबीर सिंह चारण भी मौजूद रहे। खेल प्रशिक्षक अजयपाल सिंह भाटी ने एनएसएस की छात्राओं के बीच खो-खो की स्पर्धा करवाई, जिसमें सभी ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

नाकारा सामान की पुनरूपयोग विधियां बताई

एनएसएस के अन्तर्गत संचालित स्वच्छता पखवाड़े के तीसरे दिन स्वयंसेविकाओं को कचरे के रिसाईक्लिंग करने एवं अनुपयोगी वस्तुओं व अन्य सामान के पुनरूपयोग के तरीकों को समझाया गया। एनएसएस की स्वयंसेविका सुरभि नाहटा ने कार्यक्रम में प्रत्येक वस्तु का पूर्ण उपयोग करने एवं उसके खराब हो जाने या नाकारा हो जाने पर फिर से उसका उपयोग करने के लिये उनके नवीनतम प्रयोगों को बता कर सभी छात्राओं को आकर्षित किया। सुरभि ने छात्राओं को कचरे के रिसाईक्लिंग करने के तरीकेे भी समझाये और जीवन में निरन्तर अपनाने लायक गुर बताये।

पल्स पोलियो का दिया प्रशिक्षण

एनएसएस की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में यहां आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के सभागार में सभी स्वयंसेविकाओं के लिये पल्स पोलियो प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस में राजकीय चिकित्सालय से आये चिकितसक डाॅ. बाबूराम सारण ने स्वयंसेवी छात्राओं को पल्स पोलियो अभियान के बारे में जानकारी दी और बताया कि देश में पोलियो रोग का उन्मूलन सफलता पूर्वक किया जा चुका, लेकिन पड़ौसी देश में पोलियो तेजी से फैल रहा है, जिससे यह संभावना बनी हुई है कि कहीं यहां भी वह संक्रमण नहीं आ जाये। भारत सरकार पोलियो को पूरी तरह से जीरो की स्थिति पर लाने के साथ उसे बनाये रखने पर जोर दे रही है, ताकि अबोध बच्चों को विकलांग होने से बचाया जा सके। उन्होंने टीकाकरण के बारे में पूर्ण जानकारी दी और पोलियो ड्रोप पिलाये जाने के बारे में स्वयंसेविकाओं को प्रशिक्षण प्रदान किया।

Friday 17 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय में स्वच्छता पखवाड़ा आयोजित

स्वच्छता की शपथ दिलवाई

लाडनूँ, 17 जनवरी 2020। भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार संस्थान में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रथम व द्वितीय के संयुक्त तत्वावधान में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्रार्थना सभागार में स्वच्छता पखवाड़े का शुभारम्भ किया गया। कार्यक्रम के शुरूआत में इकाई द्वितीय प्रभारी डॉ. बलबीर सिंह ने इस पखवाड़े के अन्तर्गत आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की और इकाई प्रथम प्रभारी डॉ. प्रगति भटनागर ने स्वयंसेवकों एवं स्वयंसेविकाओं को स्वच्छता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक एवं आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने स्वच्छता बनाये रखने एवं उसके प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया तथा कहा कि स्वच्छता सम्बन्धी सरकार द्वारा चलाये गये अभियान को सफल बनाने के लिए प्रत्येक भारतीय नागरिक की सहभागिता आवश्यक है। इस अवसर पर एनएसएस की स्वयंसेविका नफीसा बानो ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का संचालन स्वयंसेविका पूजा प्रजापत ने किया। इस दौरान सहायक आचार्य डॉ. रविन्द्र सिंह राठौड़, कमल कुमार मोदी, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, डॉ. विनोद सियाक श्वेता खटेड़, शेर सिंह राठौड़, मांगीलाल सुथार, अभिषेक शर्मा, अजपाल सिंह भाटी, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित रहे।

एनएसएस की छात्राओं ने किया वृक्षारोपण

भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्राप्त निर्देशानुसार जैन विश्वभारती संस्थान (विश्वविद्यालय) में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई प्रथम व द्वितीय के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय के स्टाफ के साथ मिलकर परिसर में वृक्षारोपण का कार्य किया। एक कार्यक्रम एनएसएस के सात दिवसीय शिविर के अन्तर्गत चल रहे स्वच्छता अभियान में किये गये इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में कुलसचिव रमेश कुमार मेहता ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण की दिशा में लगाया जाने वाला एक-एक पौधा अपना महत्व रखता है। स्वच्छता केवल भौतिक ही नहीं होती बल्कि वायु प्रदूषण से मुक्ति और शुद्ध हवा के संचार में भी स्वच्छता रहती है। इस अवसर पर कुलसचिव मेहता के साथ दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, विताधिकारी आरके जैन, अहिंसा एवं शांति विभाग के विभाध्यक्ष प्रो. अनिल धर, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, एनएसएस की ईकाई प्रभारी प्रगति भटनागर, डाॅ. बलवीर सिंह चारण, डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़ आदि एवं एनएसएस की छात्रायें उपस्थित थी। इस अवसर पर एक दर्जन पौधों का रोपण किया गया।

एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने श्रमदान कर सफाई की

21 जनवरी 2020।जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों इकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में भारत सरकार के मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशानुसार चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत मंगलवार को स्वयंसेविकाओं ने विश्वविद्यालय परिसर में सफाई की और कचरा हटाया। स्वयंसेविकाओं ने एनएसएस प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह चारण एवं डाॅ. प्रगति भटनागर के निर्देशन में यह अभियान चलाया गया। डाॅ. चारण व डाॅ. भटनागर ने भी इस अवसर पर श्रमदान किया। डाॅ. चारण ने स्वयंसेविकाओं से कहा कि उनके द्वारा किया गया श्रमदान विश्वविद्यालयकी समस्त छात्राओं के लिये एक आदर्श उदाहरण बनेगा। साथ ही यह कार्य सभी के लिये स्वच्छता के संदेश का प्रसारण करेगा। उन्होंने सफाई को अपनी नियमित दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि आम आदमी की हिचक समाप्त हो जाने पर हर व्यक्ति स्वयं सफाई के प्रति जागरूक रहेगा और सफाई में रूचि लेने लगेगा। कार्यक्रम में सभी स्वयंसेविकाओं ने श्रमदान किया और कहा कि इससे उन्हें आनन्द की अनुभूति हुई है।

स्वच्छता के नियम पालने से पर्यावरण की रक्षा संभव- प्रो. जैन

24 जनवरी 2020। भारत सरकार के उन्नत भारत अभियान एवं स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समाज कार्य विभाग के तत्वावधान में ग्राम दुजार में जन जागृति कार्यक्रम के तहत एक संगोष्ठी एवं रैली का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मतदाता जागरूकता एवं राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप सरपंच भंवर सिंह राठौड़ थे एवं अध्यक्षता समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दुजार के प्रधानाचार्य जय प्रकाश एवं ग्राम विकास अधिकारी राजेश जैन थे। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन ने दैनिक जीवन में स्वच्छता के महत्व को प्रतिपादित करते हुये विभिन्न बिन्दुओं पर ध्यान देकर स्वच्छता को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के बारे में बताया तथा स्वच्छता व पर्यावरण के आपसी सम्बंध के बारे में जानकारी दी। डाॅ. भाबाग्रही प्रधान ने संगोष्ठी में उन्नत भारत अभियान के विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। मुख्य अतिथि भंवर सिंह ने बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिये मां और अध्यापकों की जिम्मेदारी ठहराई और कहा कि प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने पर बच्चे स्वयं अपने स्वास्थ्य व स्वच्छता के प्रति जागरूक बनेंगे। डाॅ. प्रगति भटनागर ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाये जा रहे समन्वय सव्च्छता पखवाड़े के कार्यक्रम की जानकारी दी और स्वच्छता को अपनाने व नये भारत के निर्माण में सहयोग की कामना की। सपना स्वामी ने इस अवसर पर स्वच्छ भारत समबंधी कविता प्रस्तुत की।

अनुशासन से जीवन बदलें

प्रधानाचार्य जय प्रकाश ने निज पर शासन फिर अनुशासन स्लोग के अनुसार अपने जीवन को ढालने की जरूरत बताई और गांव के विकास के बारे में जानकारी देते हुये विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों की अहमियत बताई। समाजसेवी वसंत शर्मा ने बताया कि संस्थान का समाज कार्य विभाग पिछले 15 सालों से गांव में जागरूकता पैदा करने और ग्रामीणों की जीवनचर्या बदलने के लिये प्रयासरत है और इनसे गांव की महिलायें, बुजुर्ग और युवा सभी जुड़ कर लाभान्वित हुये हैं। प्रारम्भ में डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान ने कार्यक्रम के उद्देश्य बताये एवं स्वास्थ्य व स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुये व्यक्तिगत स्वच्छता एवं समुदाय की स्वच्छता की आवश्यकता बताई। अंत में डाॅ. पुष्पा मिश्रा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन आयुष जैन ने किया। संगोष्ठी के अलावा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जो विद्यालय भवन से रवाना होकर गांव के प्रमुख मार्गों से होते हुये निकली और आमजन को उन्नत भारत व स्वच्छता का संदेश दिया एवं बेटी बचाओ-बेटी पढाओ का आह्वान किया गया। कार्यक्रम व रैली में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय, जैविभा विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग एवं समाज कार्य विभाग के विद्यार्थियों, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयदुजार के विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों ने हिस्सा लिया।

राजस्थान की प्राचीन जल-संस्कृति की रक्षा आवश्यक- जेठू

29 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) की राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों ईकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में चलाये जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत बुधवार को आयोजित पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता पर्यावरण बजरंगलाल जेठू ने जल संरक्षण के महत्व को प्रतिपादित करते हुये कहा कि शुद्ध जल पर्यावरण की रक्षा में महत्वूपर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने इसके लिये बरसाती पानी को जमा करने की आवश्यकता बताई और कहा कि घरों में वर्षाजल के संग्रह के अलावा सार्वजनिक रूप से बरसाती पानी के जमा करने की आवश्यकता है। उन्होंने एनएसएस की स्वयंसेविकाओं से कहा कि वे जब भी किसी गांव में जायें तो वहां मौजूद नाडी, तालाब अथवा अन्य जलाशय को स्वयं श्रमदान करके स्वच्छ बनायें, ताकि उससे ग्रामवासियों को भी पानी के स्रोतों को साफ रखने की प्रेरणा मिले। उन्होंने वर्षा के महत्व पर बोलते हुये कहा कि राजस्थान के रहवासी इसके प्रति बहुत सचेष्ट थे। बरसात के लिये केवल राजस्थानी भाषा में ही वर्गीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चैत्र मास में होने वाली बरसात को चड़पड़ाट, बैशाख की बरसात हबोलियो, जेठ में झपटो, आषाढ मास की वर्षा, श्रावण की लौर, भादवा की झड़ी, आसोज की मोती, कार्तिक में कटक, मार्गशीर्ष में फांसरड़ो, पौष में पोवट, माघ में मावठ और फाल्गुन मास की बरसात को फटकटो कहा जाता है। इसी प्रकार प्रत्येक बरसात के पानी के गुण-अवगुण का वर्णन भी मिलता है। जल-संस्कृति के बारे में उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति द्वारा जीवन में एक बार किया जाने वाला कर्म उसकी कृति होता है और उसे बार-बार करने पर वह उसकी प्रवृति कहलाता है। अगर बहुत सारे लोग कोई काम बार-बार करे तो वह संस्कृति बन जाता है। इसी प्रकार सामुहिक रूप से जल-संरक्षण के लिये चिंतन व कर्म करना ही जल-संस्कृति होती है। इसके लिये व्यक्ति में अन्तरचेतना का जागरण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि जो चेतना या सीख भीतर से उत्पन्न होती है, वह प्रेरणा बन जाती है। इसके लिये एक दोहा प्रयुक्त करते हुये उन्होंने कहा, ‘सीख शरीरां उपजै, दीयां लागै डाम’। इसलिये स्वयं में ही सीख पैदा होनी भी आवश्यक है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने की उन्होंने कहा कि बरसात के प्रति इस प्रांत के जनमानस में गहरी चेतना रही है। प्राचीन परम्परागत जलस्रोतों शिल्पकला दांतों तले अंगुलि दबाने वाली है। हमें अपने इन सभी जलस्रोतों की रक्षा का दायित्व निभाना चाहिये। प्रारम्भ में अभिषेक चारण ने पर्यावरण संरक्षण की प्रस्तावना प्रस्तुत की और अतिथि परिचय प्रस्तुत किया। एनएसएस प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने अंत में आभार ज्ञापित किया और स्वयंसेवी छात्राओं को जल-संरक्षण करने व पर्यावरण के प्रति जागरूक रहने को राष्ट्र की बहुत बड़ी सेवा बताई। इस अवसर पर अभिषेक शर्मा, डाॅ. बलबीरसिंह चारण, शेर सिंह, डाॅ. विनोद कस्वां, श्वेता खटेड़, मांगीलाल, कमल कुमार मोदी आदि उपस्थित थे।

वर्तमान में नितांत अनुपयोगी है घूंघट प्रथा

30 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अन्तर्गत राष्ट्रीय सेवा योजना की दोनों ईकाइयों के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे स्वच्छता पखवाड़े के साथ गुरूवार को घूंघट छोड़ो अभियान एवं शहीद दिवस भी मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने घूंघट प्रथा के अवगुणों के बारे में बताया तथा सभी स्वयंसेवी छात्राओं को सामुहिक रूप से घूंघट के त्याग की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर छात्राओं स्नेहा पारीक, मानसी जांगिड़, आयशा सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये। पूजा जैतमाल ने एक गीत की प्रस्तुति दी। एनएसएस प्रभारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने स्वच्छता पखवाड़े के अन्तर्गत चल रहे कार्यक्रमों की जानकारी देते हुये घूधट प्रथा को अनुपयोगी बताया और कहा कि वर्तमान युग में घूंघट रखना नितात अनुचित है। उन्होंने महात्मा गांधी की पुण्य तिथि शहीद दिवस पर उन्हें याद करते हुये दो मिनट का मोन रखवा कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का संचालन सुरभि नाहटा ने किया।

Monday 13 January 2020

आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष में सम्बोधि व्याख्यानमाला के तहत बिहार के केन्दीय विश्वविद्यालय में व्याख्यान का आयोजन

आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष में सम्बोधि व्याख्यानमाला के तहत बिहार के केन्दीय विश्वविद्यालय में व्याख्यान का आयोजन

वैश्विक हिंसा के दौर में अहिंसा ही एकमात्र रास्ता- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 13 जनवरी 2020। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताबदी वर्ष के अन्तर्गत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) एवं जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के तत्वावधान में चल रहे सम्बोधि व्याख्यानमाला के अन्तर्गत महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी बिहार के गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के अन्तर्गत अतिथि व्याख्यान के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस व्याख्यानमाला कार्यक्रम के तहत जैविभा विश्वविद्यालय के प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने सम्बोधि के विशेष प्रसंग में वैश्विक परिदृश्य में अहिंसा की प्रासंगिकता विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में वर्तमान की विश्वव्यापी हिंसक स्थितियों को उल्लेखित करते हुये कहा कि विश्व में विभिन्न प्रकार की प्रकट व प्रच्छन्न हिंसाओं के दौर में उबरने के मार्ग के रूप में अहिंसा महत्वपूर्ण है। अहिंसा को अपनाये बिना इनसे मुक्ति पाना संभव नहीं है। उन्होंने सम्बोधि, गीता ओर गांधी के अहिंसात्मक विचारों का तुलनात्मक बोध विकसित करते हुये बताया कि तीनों द्वारा मानवता के समक्ष अहिंसा का मार्ग रखा गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांधी एवं शांति अध्ययन विभाग के सह आचार्य डाॅ. असलम खान ने की। इस अवसर पर समाज विज्ञान संकाय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, डाॅ. सरिता तिवारी, डाॅ. विजय शर्मा, डाॅ. सुजीत चैधरी, डाॅ. कैलाश प्रधान, डाॅ. नरेन्द्र आर्य, डाॅ. अम्बिकेश कुमार त्रिपाठी, डाॅ. अभय विक्रम सिंह, डाॅ. नरेन्द्र सिंह, डाॅ. अनुपम वर्मा एंव विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डाॅ. जुगल किशोर दाधीच ने किया।

Saturday 11 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में तीन दिवसीय एनसीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में तीन दिवसीय एनसीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

एनसीसी केडेट्स को पर्वतारोहण, हथियार व नक्शों के बारे में दिया प्रशिक्षण

लाडनूँ, 11 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में तीन दिवसीय एनसीसी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन किया गया। इस कार्यक्रम में अन्तर्गत 3 राज बटालियन जोधपुर के सुबेदार के. साहनी एवं हवलदार झब्बर सिंह ने विश्वविद्यालय की नेशनल कैडेट्स कोर की छात्राओं को एनसीसी परेड का अभ्यास करवाने के अलावा उन्हें हथियारों की जानकारी दी गई। कैडेट्स को सेना के बारे में बताया गया और एनसीसी के उद्देश्य और कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया गया। छात्राओं को देश के नक्शे के बारे में पूरी जानकारी दी गई। साथ ही कैडेट्स को पर्वतों पर चढाई करने के तरीकों के बारे में बारीकी से समझाया गया। उन्हें व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ कक्षायें लगाकर भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर एनसीसी केयर टेकर आयुषी शर्मा, मुख्य एनसीसी प्रभारी व खेल प्रशिक्षक अजयपाल सिंह भाटी तथा ग्रुप लीडर आकांक्षा डूकिया व प्रेमलता, ललिता शर्मा, निरमा, मोनिका, आरती, गुड्डी, अतिश्री, कौशल्या, प्रियंका, कृष्णा, भारती आदि कैडेट्स उपस्थित रही।

Wednesday 8 January 2020

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एनएसएस के तत्वावधान में फिट इंडिया कार्यक्रम आयोजित।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में एनएसएस के तत्वावधान में फिट इंडिया कार्यक्रम आयोजित।

स्वस्थ युवाओं से बनेगा देश मजबूत- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 8 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में राष्ट्रीय सेवा योजना एनएसएस की दोनों ईकाइयों के तत्वावधान में फिट इंडिया कैम्पेन के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि स्वास्थ्य को ही असली धन माना गया है। अपने शरीर को स्वस्थ रखने पर ही मस्तिष्क भी स्वस्थ रहता है। देश के समस्त युवाओं को निरोगी और फिट रखने के लिये यह जो कैम्पेन चलाया गया है, उससे देश की मजबूती कायम हो सकेगी। उन्होंने एनएसएस की छात्राओं को खेलों और व्यायाम की महत्ता बताई और समय की पाबंदी के बारे में बताते हुये खाने, सोने आदि के लिये समयबद्धता पर जोर दिया, ताकि स्वास्थ्य को बनाया रखा जा सके। प्रारम्भ में एनएसएस की प्रथम ईकाई की कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. प्रगति भटनागर ने कार्यक्रम की रूपरेखा रखते हुये बताया कि यूजीसी ने भी समस्त विश्वविद्यालयों में फिट इंडिया कैम्पेन को आवश्यक बताते हुये सालाना नियमित गतिविधियों को संचालित करने की जरूरत पर बल दिया है कि उनसे समस्त विद्यार्थियों व कर्मचारियों को मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाया जा सके। एनएसएस की द्वितीय ईकाई के कार्यक्रम अधिकारी डाॅ. बलबीर सिंह चारण ने अंत में धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में एनएसएस की स्वयंसेविकाओं के अलावा कमल कुमार मोदी, अभिषेक चारण, सोमवीर सांगवान, मांगीलाल सुथार, अभिेषक शर्मा, श्वेता खटेड़, घासीलाल शर्मा आदि उपस्थित थे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का गणिनी आर्यिका माता ने ससंघ किया अवलोकन

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) का गणिनी आर्यिका माता ने ससंघ किया अवलोकन

जीवनकाल का महत्वपूर्ण अंग है विद्यार्थी जीवन- आर्यिका विभाश्री

लाडनूँ, 8 जनवरी 2020। स्थानीय दिगंबर जैन सम्प्रदाय के आचार्य विराग सागर महाराज की शिष्या गणिनी आर्यिका विभाश्री माता ससंघ यहां अपना शीतकालीन प्रवास कर रही है। अपने प्रवास के दौरान वे अपने संग की अन्य आर्यिकाओं के साथ मगलवार को यहां जैन विश्वभारती एवं जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में भ्रमण किया। परिसर भ्रमण के दौरान उन्होंने सबसे पहले पहली पट्टी स्थित वृद्ध साध्वियों के ठिकाने पहुंचकर उनकी कुशल-क्षेम पूछी, तत्पश्चात यहां भिक्षु विहार में मुनिश्री जयकुमार सहित अन्य संतों से मिलकर उनकी सुख-साता पूछी। इसके बाद वे जैन विश्व भारती स्थित गौतम ज्ञानशाला, सचिवालय, विमल विद्या विहार विद्यालय, विश्वविद्यालय के केंद्रीय पुस्तकालय, कलाविथी (आर्ट गैलरी) एवं जैविभा विश्वविद्यालय के समस्त भवनों और व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। जैन विश्व भारती संस्थान के विताधिकारी राकेश कुमार जैन, डाॅ. युवराज सिंह खंगारोत, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, डाॅ. रविंद्र सिंह राठौर आदि ने उनका स्वागत किया। विश्वविद्यालय में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रो. आनंद प्रकाश त्रिपाठी ने जैन विश्वभारती संस्थान का प्रकाशन आगम-ग्रंथ गधिनी आर्यिका विभाश्री माताजी को भेंट किया। प्रो. त्रिपाठी ने जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए संस्थान द्वारा संचालित नियमित एवं पत्राचार पाठ्यक्रम की जानकारी दी। विभाश्री माताजी ने विश्वविद्यालय के अन्तर्गत संचालित केंद्रीय पुस्तकालय को देखकर उसकी सराहना की और कहा कि यह पुस्तकालय बहुत दुर्लभ पुस्तकालय है। इस अवसर पर प्रवीण बरडिया, डॉ. योगेश जैन एवं विजयश्री शर्मा ने जैन विश्वभारती संस्थान एवं मातृसंस्था द्वारा संचालित विविध योजनाओं एवं संस्थाओं का परिचय भी दिया।

समर्पित होकर शिक्षा ग्रहण करें

इससे पूर्व विमल विद्या विहार विद्यालय में आर्यिका विभाश्री माता ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा विद्यार्थी-जीवन होता है। शिक्षक द्वारा दी जाने वाली शिक्षा को पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी के साथ ग्रहण करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन एक ऐसा समय है जिसके जिससे पूरे जीवन का निर्धारण होता है। यदि हम समर्पित होकर शिक्षा ग्रहण करते हैं तो वह पूरे जीवन-काल में उपयोगी सिद्ध होती है और यदि भटक गए तो इससे पूरा जीवन परेशानियों से घिर जाता है। विद्यालय की प्राचार्या वनिता धर ने उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। कार्यक्रम का संचालन मधु जैन ने किया। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष सुरेश कासलीवाल, उपमंत्री महेंद्र गंगवाल, बसंत सेठी, शांतिलाल पाटनी, सुभाष सेठी, रोबिन बड़जात्या, राज पाटनी, पं. राजेंद्र जैन, डाॅ. मनीषा जैन, किरणदेवी बड़जात्या, सोनम पाटनी, सुशीला कासलीवाल, सुनीता कासलीवाल आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर आर्यिका संघ का जगह-जगह स्वागत, पाद-प्रक्षालन आदि सविनय किया गया।

Friday 3 January 2020

जैन विश्व भारती में जैन संतों से मिले स्वामी महेश्वरानन्द

जैन विश्व भारती में जैन संतों से मिले स्वामी महेश्वरानन्द

शाकाहार से होती है विभिन्न जानवरों की रक्षा- स्वामी महेश्वरानन्द

लाडनूँ 3 जनवरी 2020। विश्वभर में योग के प्रति नई जागृति जगाने वाले महामंडलेश्वर स्वामी महेश्वरानन्द का यहां जैन विश्व भारती में संस्था एवं विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों ने भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने उन्हें शाॅल अर्पित किया। राजकुमार चैरड़िया ने उन्हें साहित्य भेंट किया। इस अवसर पर स्वामी महेश्वरानन्द ने कहा कि भारत ऋषि-मुनियों की धरा है, भारतीय महापुरूषों में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं रहा है। हमारा मिशन यह रहना चाहिये कि पूरी पृथ्वी को भारत के अनुरूप बना दिया जावे। उन्होंने यहां भिक्षु विहार में मुनिश्री देवेन्द्र कुमार व मुनिश्री जयकुमार से भेंट की और उनसे आध्यात्मिक चर्चा भी की। इस दौरान वहां उपस्थित नागरिकों से उन्होंने अहिंसा को हर क्षेत्र में आवश्यक बताते हुये भोजन में सात्विकता बरतने की सलाह दी और कहा कि शाकाहार करने से विभिन्न जानवरों की रक्षा भी होती है। हमारे यहां तो अहिंसा परमोधर्मः का घोष किया जाता है और हमें तो बोलने से भी हिंसा नहीं हो यह ध्यान रखना चाहिये। स्वामी ने गुटखा, पान, शराब आदि के सेवन को अनुचित बताते हुये उनकी हानियां बताई और कहा कि इन्हें छोड़ देना चाहिये। उन्होंने यूरिया की हानिकारक कृषि को छोड़ कर आर्गेनिक खेती अपनाने और भैंस के बजाये गाय के दूध का सेवन करने की सलाह भी दी। स्वामी ने मम्मी, पापा, डैडी, डेड, मैडम, सर आदि शब्दों के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी और कहा कि हमें अपनी भारतीय परम्परा को नहीं छोड़ना चाहिये। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों से यौगिक क्रिया एवं मंत्र प्रयोग का अभ्यास भी करवाया। मुनिश्री देवेन्द्र कुमार ने इस अवसर पर कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ ने आचार्य तुलसी के समय से ही अहिंसा, अणुव्रत आदि के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया। आचार्य महाश्रमण नैतिकता, सद्भावना आदि तीन सूत्रों पर आधारित अहिंसा यात्रा कर रहे हैं और प्राणी मात्र में मैत्री भावना से विश्व के कल्याण का संदेश दे रहे हैं। मैत्री भाव व गुणीजनों के प्रति प्रमोद भावना से समाज व राष्ट्र का विकास होता है।

जो संत होता है, वह सरल होता है

तपस्वी मुनिश्री जयकुमार ने अपने सम्बोधन में कहा कि संत वही होता है, जिसके भीतर सरलता होती है। व्यक्ति जितना ऊपर उठता है, वह उतना ही विनम्र व सरल बनता है। उन्होंने स्वामी महेश्वरानन्द का सम्मान करते हुये कहा कि संत का अभिनन्दन ज्ञान से और चेतना के सम्प्रेषण से होता है। उसके लिये शब्दों की आवश्यकता नहीं रहती। उन्होंने देश व मानवता के विकास एवं हृदय परिवर्तन के लिये लगने को आवश्यक बताया। कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने महामंडलेश्वर संत महेश्वरानन्द के बारे में जानकारी दी और उनके विदेशों में स्थित आश्रमों और जाडन स्थित आश्रम के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उनके आश्रम में साधु-संत भी श्रम आधारित जीवन जीते हैं और अपनी व्यवस्थायें वे स्वयं ही करते हैं। इस अवसर पर जैन विश्व भारती की ओर से डाॅ. विजयश्री शर्मा, तेरापंथी सभा के मंत्री राजेन्द्र खटेड़, तेरापंथ महिला मंडल की पुखराज सेठिया व युवक परिषद के राजकुमार चैरड़िया ने भी स्वामी महेश्वरानन्द का स्वागत करते हुये आध्यात्मिक संतों के इस मिलन व विचार-विमर्श को अद्वितीय बताया। इस अवसर पर भाजपा शहर अध्यक्ष नीतेश माथुर, कैलाश घोड़ेला, सुशील पीपलवा, दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, अहिंसा एवं शांति विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल धर, डाॅ. सत्यनारायण भारद्वाज, योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, प्राकृत एवं संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दामोदर शास्त्री, समाज कार्य विभाग के विभागाध्यक्ष डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. सुनिता इंदौरिया, प्रगति चैरड़िया, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, डाॅ. जेपी सिंह, डाॅ. गिरीराज भोजक, विनोद कस्वां, डाॅ. भाबाग्रही प्रधान आदि उपस्थित थे।

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समाज कार्य विभाग के अन्तर्गत प्लेसमेंट शिविर का आयोजन

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समाज कार्य विभाग के अन्तर्गत प्लेसमेंट शिविर का आयोजन

बंधन बैंक नागौर जिले में चलायेगी मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम

लाडनूँ, 3 जनवरी 2020। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) में समाज कार्य विभाग के अन्तर्गत प्लेसमेंट शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कोलकाता स्थित बन्धन बैंक के सीएसआर प्रोजेक्ट के अन्तर्गत नागौर जिले में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा जीविकोपार्जन कार्यक्रम के अन्तर्गत 20 ब्लाॅक समन्वयकों की नियुक्ति के लिये संस्थान में केम्पस इंटरव्यू रखा गया। इस अवसर पर साक्षात्कार में भाग लेने के लिये आये प्रतिभागियों को बंधन बैंक के मुख्यालय से आये अमित सांखला व कैलाश महतो तथा राजस्थान प्रांत के समन्वयक लालचंद राजगीर ने बैंक के बारे में जानकारी दी और उसके अन्तर्गत चलने वाली विभिन्न परियोजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। साथ नियुक्त किये जाने वाले ब्लाॅक समन्वयकों के दायित्वों के बारे में बताया। द्वितीय चरण में व्यक्तिगत साक्षात्कार लिये गये, जिनमें विश्वविद्यालय के कुल 21 विद्यार्थियों ने अपने इंटरव्यू दिये।

Wednesday 1 January 2020

आचार्य महाप्रज्ञ समाधिस्थल पर गोष्ठी व ध्यान

आचार्य महाप्रज्ञ समाधिस्थल पर गोष्ठी व ध्यान

प्राचीन ज्ञान व अर्वाचीन विज्ञान के सेतु थे महाप्रज्ञ- प्रो. दूगड़

लाडनूँ, 1 जनवरी 2020। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म शताब्दी वर्ष के अन्तर्गत जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के समस्त शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों ने कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ के नेतृत्व एवं निर्देशन में सरदार शहर स्थित आचार्य महाप्रज्ञ के समाधस्थिल ‘‘शांतिपीठ’’ में एक गोष्ठी का आयोजन करके विचारों का सम्प्रेषण किया एवं उनकी समाधि पर दर्शन व ध्यान के द्वारा शांति की प्रार्थना की। समाधिस्थल पर ध्यान व दर्शनों के दौरान कुलपति प्रो. बच्छराज दूगड़ ने नववर्ष की सबको बधाई देते हुये कहा कि इस अध्यात्म शांति पीठ के दर्शन नये साल में सबके लिये प्रेरणादायी सिद्ध हों। उन्होंने ज्ञान की महता बताई और कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ बिना किसी भेदभाव के आत्मिक ज्ञान का सम्प्रेषण करते थे और समदृष्टि पूर्वक ज्ञान ग्रहण करते थे। वे भारत के प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विज्ञान के सेतु थे।

आज भी प्रेरित करता है महाप्रज्ञ का साहित्य

यहां आयोजित गोष्ठी में अध्यक्षता करते हुये दूरस्थ शिक्षा निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने महाप्रज्ञ के जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर विश्वविद्यालय के तत्वावधान में किये जाने वाले कार्यक्रमों की जानकारी दी और बताया कि वे ऐसे मनीषी थे, जिनकी रचनाओं एवं प्रवचनों में विश्व के लगभग सभी विषयों पर सार्थक विवेचन मिलता है। उन्होंने बताया कि वे सबके लिये प्रेरणापुंज थे और उनके लिखे शब्द आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं। इस अवसर पर सोमवीर सांगवान, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, प्रगति चैरड़िया, पंकज भटनागर व डाॅ. वीरेन्द्र भाटी मंगल ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में प्रेरणादायक गीत व भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। इस अवसर पर प्रो. अनिल धर, प्रो. रेखा तिवाड़ी, डा. भाबाग्रही प्रधान, डाॅ. बिजेन्द्र प्रधान, डाॅ. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डाॅ. रविन्द्र सिंह राठौड़, डाॅ. अशोक भास्कर, डाॅ. सतयनारायण भारद्वाज, डाॅ. सुनिता इंदौरिया, डाॅ. आभासिंह, डाॅ. विनोद कस्वां, डाॅ. पुष्पा मिश्रा, प्रगति जैन, पंकज भटनागर, डाॅ. जेपी सिंह, डाॅ. बलबीर सिंह चारण, कमलकुमार मोदी, डाॅ. वीरेन्द्र भाटी, रमेशदान चारण, प्रकाश गिड़िया, जगदीश यायावर, दीपाराम खोजा, शरद जैन, पवन सैन आदि उपस्थित थे।