Saturday 26 May 2018

जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की सम्पर्क कक्षाओं का मंगल भावना समारोह आयोजित

समस्याओं से संघर्ष करें, पीठ न मोड़ें- प्रो. त्रिपाठी

लाडनूँ, 26 मई 2018। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के अन्तर्गत योग एवं जीवन विज्ञान विषय में स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों की एक महिने की अवधि की सम्पर्क कक्षाओं के समापन पर यहां महाप्रज्ञ-महाश्रमण आॅडिटोरियम में मंगल भावना समारोह का आयोजन किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए निदेशक प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि विद्यार्थियों को यहां जो शिक्षा, मर्यादायें, नैतिक मूल्य सीखें हैं, उनका प्रसार वे जहां कहीं भी रहें अवश्य करें। उन्होंने जीवन में आने वाली समस्याओं व बाधाओं से हमेशा संघर्ष करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि जीवन में कभी हार नहीं मानना चाहिए, बल्कि हर समस्या से लड़ कर उसका मुकाबला करते रहें। पीठ दिखाना कभी उचित नहीं होता। प्रो. त्रिपाठी ने योग की आराधना व साधना को दीपक की तरह से स्वयं जलकर दूसरों को रोशन करने की आवश्यकता बताई। समारोह के मुख्य अतिथि संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के कुलसचिव विनोद कुमार कक्कड़ ने इस अवसर पर गुरू गोविन्द सिंह पर आधारित एक पंजाबी गीत सुनाया और कहा कि यहां के हर विद्यार्थी में ऊर्जा का निरन्तर संचार रहे। समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में डाॅ. प्रद्युम्न सिंह शेखावत, नुपूर जैन, डाॅ. अशोक भास्कर, डाॅ. जुगल किशोर दाधीच थे। सभी अतिथियों को विद्यार्थियों ने श्रीमद्भगवद्गीता की पुस्तकें सम्मान-स्वरूप भेंट की।

सराहनीय रही सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

समारोह में रेखा, ने राजस्थानी गीत ‘‘ पिया आवो तो म्है मनड़ै री बात करल्यां.......’’ पर नृत्य प्रस्तुत किया। श्वेता कंवर ने लौंग और इलायची सम्बंधी प्रणय गीत पर पंजाबी नृत्य पेश किया, जिसे सबने खूब सराहा। सरिता रैवाड़ ने राजस्थानी घूमर गीत पर नृत्य प्रस्तुत कर सबको मोहित किया। सुमन, प्रेम कंवर, राजीव, राहुल स्वामी ने गीत प्रस्तुत किये। सुनिता सारण, विनीता अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में गुरू वंदन व प्रेरणादायक विचार रखे। कार्यक्रम में पंकज भटनागर, हरिगोपाल, आशा पारीक, निकिता, प्रगति, पारूल, अंकिता आदि एवं सभी विद्यार्थी उपस्थित थे।

No comments:

Post a Comment